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BJP OBC Meet: मारवाड़ के गांधी को 'घर में ही घेरेंगे' भाजपा के चाणक्य!

जोधपुर में भाजपा ओबीसी मोर्चे के तीन दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत के साथ ही निगाहें केन्द्रीय गृहमंत्री की ओर होंगी. 10 सितंबर को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचेंगे (Amit shah Jodhpur Visit). शाह बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे. उनके जोधपुर आगमन को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हैं. कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ ही इसे सीएम को उनके गृहनगर में घेरने की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है.

BJP OBC Meet
गहलोत के गढ़ में शाह- तीर एक निशाने कई
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Published : Sep 8, 2022, 1:59 PM IST

Updated : Sep 9, 2022, 10:29 AM IST

जोधपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलेात को समर्थक मारवाड़ का गांधी कहते हैं (Marwar Ke Gandhi Gehlot). इनके गृहनगर से ही मिशन 2023 (Mission 2023) का शंखनाद देश के गृहमंत्री अमित शाह करेंगे. कोशिश होगी ऐसे चक्रव्यूह में फंसाने की जिसमें अगर गहलोत उलझें तो निकलना आसान न हो. व्यूह रचना के लिए ही 10 सितंबर को जोधपुर पहुंच रहे हैं. उनके आने से पहले दो दिन तक भाजपा के ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की औपचारिक शुरुआत हो चुकी होगी. बैठक का विधिवत उद्धाटन शुक्रवार को होगा.

अेाबीसी बैठक भी जोधपुर में करवाने की बड़ी वजह है (BJP OBC Meet). दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के ओबीसी प्रत्याशियों को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली थी इसलिए चुनाव के 14 माह पहले इस वर्ग को साधने का प्रयास हो रहा है. इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अघ्यक्ष जेपी नड्डा के भी आने की बात चल रही है लेकिन उनके आने का आधिकारिक कार्यक्रम नहीं तय हुआ है.

अमित शाह गहलोत के खिलाफ करेंगे शंखनाद

ये दौरे कुछ कहते हैं: अमित शाह का फोकस किस कदर मारवाड़ पर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वे हर चुनाव या सरकार की बड़ी उपलब्धि के बाद जोधपुर का दौरा करते हैं. 2018 चुनाव के बाद ये उनका चौथा दौरा है. अमित शाह की मारवाड़ रणनीति में प्रमुख भूमिका केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की भी बताई जा रही है. यहां विधानसभा चुनाव में भाजपा सिर्फ दो सीटें ही जीत पाई थी. ऐसे में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ साथ 2024 के आम चुनाव का भी ध्यान रखा जा रहा है. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रसन्न चंद मेहता का कहना है कि ओबीसी शुरू से ही भाजपा का कोर वोटर है. दावा करते हैं हम सभी वर्गों को साथ लेकर चलते हैं. उम्मीद करते हैं कि गृह मंत्री का दौरा कार्यकर्ताओं में आगामी चुनाव के लिए जोश भरेगा.

BJP OBC Meet
4 साल 4 बार

20,000 बूथ कार्यकर्ता होंगे शामिल: अमित शाह ओबीसी की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक को भी संबोधित करेंगे लेकिन मुख्य रूप से वे बीस हजार से ज्यादा बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित कर उन्हें विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मोटिवेट करेंगे. कार्यकर्ता संभाग के 177 मंडल से आ रहे हैं. इसकी वजह ये है कि गत विधानसभा चुनावों में भाजपा इस संभाग में कांग्रेस से पिछड़ गई थी. हालांकि अंतर दो सीटों का ही था लेकिन जोधपुर, जैसलमेर व बाड़मेर में कांग्रेस ने बड़ी बढ़त बनाई थी. भाजपा की सीटें पाली, जालोर व सिरोही में ही सिमट गई थी.

पढ़ें-Rajasthan Politics: पूनिया, शेखावत और चौधरी की सियासी यात्रा पर क्यों लगा ब्रेक, ये बताई जा रही वजह

ओबीसी पर फोकस क्यों?: वर्तमान में पूरे देश में सिर्फ अशोक गहलोत ही हैं जो मोदी और शाह को जवाब देते रहे हैं. गहलोत खुद ओबीसी वर्ग से आते हैं. रणनीतिक तौर पर इसलिए चुनाव उनके गृहनगर का ही किया गया है. सोच है कि संदेश स्पष्ट और दूर तक जाए. जताना चाहती है कि वो चैलेंज का सामना करने को तैयार है और अपनी काबिलियत पर उसे पूरा विश्वास है. कारण और भी हैं. मसलन, ओबीसी के 50 से ज्यादा एमएलए जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं. इनमें जोधपुर संभाग से ही 15 हैं. यही वजह है कि मारवाड़ पर फोकस किया जा रहा है. मारवाड़ में ओबीसी विधायकों में जाट और विश्नोई ही ज्यादातर है. इक्का दुक्का अन्य जातियों के हैं. ऐसे में भाजपा के लिए ओबीसी की छोटी जातियों के साथ साथ जाट को भी साधने की जरूरत है. वर्तमान में भाजपा के पास संभाग से ओबीसी के सिर्फ चार विधायक ही हैं.

कांग्रेस को मिली थी बढ़त: पिछले विधानसभा चुनाव में जोधपुर संभाग की 33 सीटों में से भाजपा को 14 सीटें मिली थी. ज्यदातर सीट पाली व जालोर एवं सिरोही जिले से आई थी. पार्टी के कुल 4 ओबीसी विधायक ही कामयाब हुए. जबकि जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर में भाजपा को मनचाही सफलता नहीं मिली थी. कांग्रेस को 16 सीटें मिलीं. जिसमें 14 विधायक ओबीसी से ही हैं. हालांकि कुल सीटों में दोनों के बीच सिर्फ 2 सीटों का फर्क है लेकिन ओबीसी के मामले में भाजपा कांग्रेस से बहुत पीछे रह गई थी. ऐसे में अब बढ़त लेने के उद्देश्य से काम हो रहा है. संभाग में दो निर्दलीय और एक आरएलपी से भी विधायक है.

BJP OBC Meet
किसकी पास कितनी सीट

ये भी पढ़ें-किसान सम्मेलन में पूनिया ने गहलोत पर साधा निशाना, कहा- ये सरकार किसान विरोधी है

गहलोत के पीछे शाह!: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अगुवाई में ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक जोधपुर में उसी जगह पर आयोजित की जा रही है जहां पर अशोक गहलोत बरसों से कार्यकर्ता सम्मेलन करते आए हैं. हर चुनाव से पहले और बाद में गहलोत कायलान के पास स्थित एक होटल के प्रांगण से राजनीतिक संदेश देते हैं. 30 अगस्त को उसी जगह पर कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया था. उसमें गहलोत शामिल हुए थे.

BJP OBC Meet
सीटों का हिसाब किताब

तैयारियों में लगाया जोर: ओबीसी कार्यसमिति की बैठक व अमित शाह के बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए भाजपा नेता जोर शोर से तैयारी कर रहे हैं. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने खुद निर्देश जारी किए हैं. इसके अलावा प्रदेश स्तर के नेता भी यहां जुटे हुए हैं. इस बीच भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और मंत्री शेखावत ने पोकरण से रामदेवरा की पदयात्रा भी इन तैयारियों के चलते फिलहाल रोक दी है. पूनिया भी इस आयोजन के दौरान जोधपुर में रहेंगे. इसके अलावा राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह सहित अन्य नेता जुटेंगे.

जोधपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलेात को समर्थक मारवाड़ का गांधी कहते हैं (Marwar Ke Gandhi Gehlot). इनके गृहनगर से ही मिशन 2023 (Mission 2023) का शंखनाद देश के गृहमंत्री अमित शाह करेंगे. कोशिश होगी ऐसे चक्रव्यूह में फंसाने की जिसमें अगर गहलोत उलझें तो निकलना आसान न हो. व्यूह रचना के लिए ही 10 सितंबर को जोधपुर पहुंच रहे हैं. उनके आने से पहले दो दिन तक भाजपा के ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की औपचारिक शुरुआत हो चुकी होगी. बैठक का विधिवत उद्धाटन शुक्रवार को होगा.

अेाबीसी बैठक भी जोधपुर में करवाने की बड़ी वजह है (BJP OBC Meet). दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के ओबीसी प्रत्याशियों को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली थी इसलिए चुनाव के 14 माह पहले इस वर्ग को साधने का प्रयास हो रहा है. इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अघ्यक्ष जेपी नड्डा के भी आने की बात चल रही है लेकिन उनके आने का आधिकारिक कार्यक्रम नहीं तय हुआ है.

अमित शाह गहलोत के खिलाफ करेंगे शंखनाद

ये दौरे कुछ कहते हैं: अमित शाह का फोकस किस कदर मारवाड़ पर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वे हर चुनाव या सरकार की बड़ी उपलब्धि के बाद जोधपुर का दौरा करते हैं. 2018 चुनाव के बाद ये उनका चौथा दौरा है. अमित शाह की मारवाड़ रणनीति में प्रमुख भूमिका केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की भी बताई जा रही है. यहां विधानसभा चुनाव में भाजपा सिर्फ दो सीटें ही जीत पाई थी. ऐसे में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ साथ 2024 के आम चुनाव का भी ध्यान रखा जा रहा है. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रसन्न चंद मेहता का कहना है कि ओबीसी शुरू से ही भाजपा का कोर वोटर है. दावा करते हैं हम सभी वर्गों को साथ लेकर चलते हैं. उम्मीद करते हैं कि गृह मंत्री का दौरा कार्यकर्ताओं में आगामी चुनाव के लिए जोश भरेगा.

BJP OBC Meet
4 साल 4 बार

20,000 बूथ कार्यकर्ता होंगे शामिल: अमित शाह ओबीसी की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक को भी संबोधित करेंगे लेकिन मुख्य रूप से वे बीस हजार से ज्यादा बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित कर उन्हें विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मोटिवेट करेंगे. कार्यकर्ता संभाग के 177 मंडल से आ रहे हैं. इसकी वजह ये है कि गत विधानसभा चुनावों में भाजपा इस संभाग में कांग्रेस से पिछड़ गई थी. हालांकि अंतर दो सीटों का ही था लेकिन जोधपुर, जैसलमेर व बाड़मेर में कांग्रेस ने बड़ी बढ़त बनाई थी. भाजपा की सीटें पाली, जालोर व सिरोही में ही सिमट गई थी.

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ओबीसी पर फोकस क्यों?: वर्तमान में पूरे देश में सिर्फ अशोक गहलोत ही हैं जो मोदी और शाह को जवाब देते रहे हैं. गहलोत खुद ओबीसी वर्ग से आते हैं. रणनीतिक तौर पर इसलिए चुनाव उनके गृहनगर का ही किया गया है. सोच है कि संदेश स्पष्ट और दूर तक जाए. जताना चाहती है कि वो चैलेंज का सामना करने को तैयार है और अपनी काबिलियत पर उसे पूरा विश्वास है. कारण और भी हैं. मसलन, ओबीसी के 50 से ज्यादा एमएलए जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं. इनमें जोधपुर संभाग से ही 15 हैं. यही वजह है कि मारवाड़ पर फोकस किया जा रहा है. मारवाड़ में ओबीसी विधायकों में जाट और विश्नोई ही ज्यादातर है. इक्का दुक्का अन्य जातियों के हैं. ऐसे में भाजपा के लिए ओबीसी की छोटी जातियों के साथ साथ जाट को भी साधने की जरूरत है. वर्तमान में भाजपा के पास संभाग से ओबीसी के सिर्फ चार विधायक ही हैं.

कांग्रेस को मिली थी बढ़त: पिछले विधानसभा चुनाव में जोधपुर संभाग की 33 सीटों में से भाजपा को 14 सीटें मिली थी. ज्यदातर सीट पाली व जालोर एवं सिरोही जिले से आई थी. पार्टी के कुल 4 ओबीसी विधायक ही कामयाब हुए. जबकि जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर में भाजपा को मनचाही सफलता नहीं मिली थी. कांग्रेस को 16 सीटें मिलीं. जिसमें 14 विधायक ओबीसी से ही हैं. हालांकि कुल सीटों में दोनों के बीच सिर्फ 2 सीटों का फर्क है लेकिन ओबीसी के मामले में भाजपा कांग्रेस से बहुत पीछे रह गई थी. ऐसे में अब बढ़त लेने के उद्देश्य से काम हो रहा है. संभाग में दो निर्दलीय और एक आरएलपी से भी विधायक है.

BJP OBC Meet
किसकी पास कितनी सीट

ये भी पढ़ें-किसान सम्मेलन में पूनिया ने गहलोत पर साधा निशाना, कहा- ये सरकार किसान विरोधी है

गहलोत के पीछे शाह!: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अगुवाई में ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक जोधपुर में उसी जगह पर आयोजित की जा रही है जहां पर अशोक गहलोत बरसों से कार्यकर्ता सम्मेलन करते आए हैं. हर चुनाव से पहले और बाद में गहलोत कायलान के पास स्थित एक होटल के प्रांगण से राजनीतिक संदेश देते हैं. 30 अगस्त को उसी जगह पर कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया था. उसमें गहलोत शामिल हुए थे.

BJP OBC Meet
सीटों का हिसाब किताब

तैयारियों में लगाया जोर: ओबीसी कार्यसमिति की बैठक व अमित शाह के बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए भाजपा नेता जोर शोर से तैयारी कर रहे हैं. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने खुद निर्देश जारी किए हैं. इसके अलावा प्रदेश स्तर के नेता भी यहां जुटे हुए हैं. इस बीच भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और मंत्री शेखावत ने पोकरण से रामदेवरा की पदयात्रा भी इन तैयारियों के चलते फिलहाल रोक दी है. पूनिया भी इस आयोजन के दौरान जोधपुर में रहेंगे. इसके अलावा राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह सहित अन्य नेता जुटेंगे.

Last Updated : Sep 9, 2022, 10:29 AM IST
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