जोधपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो सिर्फ रिश्वत लेते हुए लोगों को रंगे हाथों गिरफ्तार नहीं करता है, बल्कि रिश्वत मांगे जाने और इसके सत्यापति होने पर दोषी कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला भी दर्ज करती है. एक ऐसा ही मामला जोधपुर के खान एवं भूविज्ञान विभाग के अतिरिक्त निदेशक मोहनलाल भाटी और विभाग की सहायक प्रशासनिक अधिकारी राजेश्वरी के विरुद्ध दर्ज किया गया है. दोनों ने एक खान की स्वीकृति जारी करने के एवज में एक लाख रुपए की रिश्वत (Bribe for mines in Jodhpur) मांगी.
एसीबी के डीआईजी कैलाश चंद्र विश्नोई के अनुसार परिवादी की सिरोही जिले के सनपुर में ग्रेनाइट खान की स्वीकृति जारी करने के एवज में दोनों कार्मिकों ने एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. जिसको लेकर परिवादी ने जालोर एसीबी में शिकायत दी. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महावीर सिंह राणावत ने इस शिकायत का 9 दिसंबर को स्त्यापान करवाया.
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सत्यापन के दौरान यह सामने आया कि अतिरिक्त निदेशक मोहनलाल भाटी और सहायक प्रशासनिक अधिकारी राजेश्वरी ने परिवादी से उसके सनपुर सिरोही स्थित ग्रेनाइट खान की स्वीकृति जारी करने के एवज में एक लाख रुपए की मांग की थी. लेकिन परिवादी की ओर से राशि ज्यादा बताए जाने और कुछ कम करने का निवेदन किया तो 80 हजार देना तय हो गया. हालांकि बाद में रिश्वत नहीं दी गई.
संभवतः मांग करने वालों को शक हो गया. जिसके चलते एसीबी रंगे हाथों गिरफ्तारी की कारवाई नहीं कर सकी. लेकिन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम के पास रिश्वत मांगे जाने के पूरे सबूत थे, जिसके आधार पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं में अतिरिक्त निदेशक व विभाग की सहायक प्रशासन अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इसकी जांच एसीबी जोधपुर की स्पेशल यूनिट के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डा दुर्ग सिंह राजपुरोहित को सौंपी गई है.