ETV Bharat / city

Russia vs Ukraine : रोमानिया-पोलैंड के रास्ते 8 छात्र पहुंचे जोधपुर, बोले- पाकिस्तानी और तुर्की नागरिक भी तिरंगे के सहारे निकले - Rajasthan Hindi News

यूक्रेन में फंसे भारतीय विद्यार्थी धीरे-धीरे अपने देश लौटने लगे हैं. रूसी सेना के हमले के बाद यूक्रेन में फंसे भारत के विद्यार्थियों ने डर, भूख और सर्दी का सितम झेला है. भारतीयों को लाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा के तहत रोमानिया और पोलैंड के रास्ते छात्रों को लाया गया. इसमें से 8 विद्यार्थी शुक्रवार को जोधपुर पहुंचे.

रोमानिया-पोलैंड के रास्ते 8 छात्र पहुंचे जोधपुर
रोमानिया-पोलैंड के रास्ते 8 छात्र पहुंचे जोधपुर
author img

By

Published : Mar 4, 2022, 6:10 PM IST

Updated : Mar 4, 2022, 10:56 PM IST

जोधपुर. यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्र से भारतीयों को लाने के चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा चलाया जा रहा है. इसके तहत रोमानिया और पोलैंड के रास्ते भारत लाए गए छात्रों में से 8 छात्र शुक्रवार को जोधपुर पहुंचे. इनमें ज्यादातर यूक्रेन की राजधानी कीव, खारकीव से आए हैं, जहां रूस ने सर्वाधिक कहर बरपाया है.

जोधपुर एयरपोर्ट पर छात्रों को लेने जिला प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे. अपने बच्चों को देखते ही परिजनो ने उन्हें गले से लगा लिया. छात्रों ने बताया कि बमबारी शुरू होने के बाद ही पता चला की हालत अब यहां रुकने जैसे नहीं है. शहर छोड़ने के लिए भी बहुत जद्दो जहद करनी पड़ी. ट्रेनों में इतनी भीड़ थी की कई घंटे इंतजार करना पड़ा. इसके बाद बसों के रास्ते बॉर्डर के पास पहुंचे. जहां 15 से 20 किलोमीटर सभी को पैदल चलना पड़ा.

रोमानिया-पोलैंड के रास्ते 8 छात्र पहुंचे जोधपुर

यह भी पढ़ें- Rajasthan Students Returned From Ukraine : दहशत और खौफ की स्थिति, बॉर्डर पर तीन दिन तक फंसे रहे...सुनिए सक्षम ने क्या कहा

बॉर्डर पार करने के लिए इंडियन एंबेंसी ने बहुत हेल्प की लेकिन वहां हर देशों के बच्चे थे. इसलिए टाइम ज्यादा लगा. बॉर्डर पार करने के बाद एंबेसी ने होटल में रुकवाया. खाना दिया उसके बाद वायुसेना के प्लेन से रवाना किया. कुछ प्राइवेट फ्लाइट्स भी सरकार ने लगाई.

यह भी पढ़ें- यूक्रेन संकट के बीच लौटी भीलवाड़ा की बेटी, बोली- सोचा नहीं था ऐसे दिन भी देखने पड़ेंगे...मैंने गोलियां चलते, बम फूटते देखा

भारत के झंडे का मान : छात्रों ने बताया कि ट्रेन के बाद बसों से जब बॉर्डर की और रवाना हुए तो बहुत जायदा चेक पॉइंट थे. लेकिन तिरंगा देख कहीं पर भी हमे अनावश्यक नहीं रोका गया. 'इंडिया स्टूडेंट बस' बोलकर हमें आगे भेजते रहे, इसके लिए एंबेसी ने भी बहुत एफर्ट किए थे. हमारे साथ-साथ पाकिस्तान और तुर्की के छात्र भी तिरंगा लेकर निकले.

धौलपुर का हर्ष लौटा घर, परिजनों में खुशी : यूक्रेन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहा धौलपुर का छात्र हर्ष चौधरी शुक्रवार दोपहर 12 बजे धौलपुर पहुंच गया. 2 दिन तक यूक्रेन-रोमानिया बॉर्डर पर खड़े रहने के बाद रोमानिया पहुंचते ही भारत सरकार की मदद से गुरुवार को छात्र हर्षित चौधरी दिल्ली भेजा गया और फिर वहां से जोधपुर रवाना किया गया. छात्र के घर पहुंचते ही परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई.

यह भी पढ़ें- Russia Ukraine War Impact : रसोई का बजट गड़बड़ाया, खाद्य तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल

यूक्रेन में फंसा पंकज लौटा सिरोही : आबूरोड निवासी पंकज जांगिड़ भी युक्रेन की राजधानी कीव में फंस गए थे, जो शुक्रवार को सकुशल घर पहुंचे. पंकज के घर पहुंचने पर परिजनों ने माला पहनाकर उसके स्वागत किया. आबूरोड के आकराभट्टा निवासी निवासी पंकज जांगिड़ कीव में कीव यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे. रूस और युक्रेन के बीच जल रही जंग में वह भी फंस गए थे.

जोधपुर. यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्र से भारतीयों को लाने के चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा चलाया जा रहा है. इसके तहत रोमानिया और पोलैंड के रास्ते भारत लाए गए छात्रों में से 8 छात्र शुक्रवार को जोधपुर पहुंचे. इनमें ज्यादातर यूक्रेन की राजधानी कीव, खारकीव से आए हैं, जहां रूस ने सर्वाधिक कहर बरपाया है.

जोधपुर एयरपोर्ट पर छात्रों को लेने जिला प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे. अपने बच्चों को देखते ही परिजनो ने उन्हें गले से लगा लिया. छात्रों ने बताया कि बमबारी शुरू होने के बाद ही पता चला की हालत अब यहां रुकने जैसे नहीं है. शहर छोड़ने के लिए भी बहुत जद्दो जहद करनी पड़ी. ट्रेनों में इतनी भीड़ थी की कई घंटे इंतजार करना पड़ा. इसके बाद बसों के रास्ते बॉर्डर के पास पहुंचे. जहां 15 से 20 किलोमीटर सभी को पैदल चलना पड़ा.

रोमानिया-पोलैंड के रास्ते 8 छात्र पहुंचे जोधपुर

यह भी पढ़ें- Rajasthan Students Returned From Ukraine : दहशत और खौफ की स्थिति, बॉर्डर पर तीन दिन तक फंसे रहे...सुनिए सक्षम ने क्या कहा

बॉर्डर पार करने के लिए इंडियन एंबेंसी ने बहुत हेल्प की लेकिन वहां हर देशों के बच्चे थे. इसलिए टाइम ज्यादा लगा. बॉर्डर पार करने के बाद एंबेसी ने होटल में रुकवाया. खाना दिया उसके बाद वायुसेना के प्लेन से रवाना किया. कुछ प्राइवेट फ्लाइट्स भी सरकार ने लगाई.

यह भी पढ़ें- यूक्रेन संकट के बीच लौटी भीलवाड़ा की बेटी, बोली- सोचा नहीं था ऐसे दिन भी देखने पड़ेंगे...मैंने गोलियां चलते, बम फूटते देखा

भारत के झंडे का मान : छात्रों ने बताया कि ट्रेन के बाद बसों से जब बॉर्डर की और रवाना हुए तो बहुत जायदा चेक पॉइंट थे. लेकिन तिरंगा देख कहीं पर भी हमे अनावश्यक नहीं रोका गया. 'इंडिया स्टूडेंट बस' बोलकर हमें आगे भेजते रहे, इसके लिए एंबेसी ने भी बहुत एफर्ट किए थे. हमारे साथ-साथ पाकिस्तान और तुर्की के छात्र भी तिरंगा लेकर निकले.

धौलपुर का हर्ष लौटा घर, परिजनों में खुशी : यूक्रेन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहा धौलपुर का छात्र हर्ष चौधरी शुक्रवार दोपहर 12 बजे धौलपुर पहुंच गया. 2 दिन तक यूक्रेन-रोमानिया बॉर्डर पर खड़े रहने के बाद रोमानिया पहुंचते ही भारत सरकार की मदद से गुरुवार को छात्र हर्षित चौधरी दिल्ली भेजा गया और फिर वहां से जोधपुर रवाना किया गया. छात्र के घर पहुंचते ही परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई.

यह भी पढ़ें- Russia Ukraine War Impact : रसोई का बजट गड़बड़ाया, खाद्य तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल

यूक्रेन में फंसा पंकज लौटा सिरोही : आबूरोड निवासी पंकज जांगिड़ भी युक्रेन की राजधानी कीव में फंस गए थे, जो शुक्रवार को सकुशल घर पहुंचे. पंकज के घर पहुंचने पर परिजनों ने माला पहनाकर उसके स्वागत किया. आबूरोड के आकराभट्टा निवासी निवासी पंकज जांगिड़ कीव में कीव यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे. रूस और युक्रेन के बीच जल रही जंग में वह भी फंस गए थे.

Last Updated : Mar 4, 2022, 10:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.