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भंवरी देवी हत्याकांड : पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा सहित 7 आरोपियों को मिली जमानत

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Published : Aug 24, 2021, 3:48 PM IST

Updated : Aug 24, 2021, 6:34 PM IST

जोधपुर हाई कोर्ट ने भंवरी देवी हत्याकांड में जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा सहित 7 आरोपियों को जमानत दे दी है. इससे पहले 11 अगस्त को भी 4 आरोपियों को जमानत पर जेल से छोड़ दिया गया था.

भंवरी देवी हत्याकांड, Bhanwari Devi murder case
भंवरी देवी हत्याकांड में पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को मिली जमानत

जोधपुर. बहुचर्चित भंवरी देवी हत्याकांड (Bhanwari Devi murder case) मामले में पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा सहित 7 आरोपियों को जमानत दे दी गई. जोधपुर हाई कोर्ट ने जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा समेत 7 आरोपियों को जमानत दी. जस्टिस दिनेश मेहता ने इस मामले की सुनवाई की. बता दें कि 11 अगस्त को चार आरोपियों को जमानत पर जेल से छोड़ दिया गया था. छोड़े गए आरोपियों में सहीराम, दिनेश, उमेशराम और पुखराज शामिल थे.

पढ़ेंः भंवरी देवी हत्याकांड : 4 आरोपियों को मिली जमानत, जेल के बाहर कुछ ऐसे हुआ फोटो सेशन

जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत में मंगलवार को भंवरी देवी के मामले में पूर्व मंत्री मदेरणा सहित अन्य आरोपियों की ओर से सूचीबद्ध सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उन्हे रिहा करने का आदेश पारित कर दिया है. पूर्व मंत्री मदेरणा की ओर से अधिवक्ता ने मंगलवार की अनुमति लेकर केस लिस्ट करवाया. पहले से ही आरोपी कैलाश जाखड़, विशनाराम और अमरचंद की याचिकाएं सूचीबद्ध थी.

इसके साथ ही सोहनलाल, सहाबुद्दीन और बलिया उर्फ बलदेव की ओर से भी मंगलवार को अनुमति लेकर केस लिस्ट करवा गया. सभी की याचिकाओं पर उनके अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा. आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी, नीलकमल बोहरा, प्रदीप सिंह चौधरी, गोकुलेश बोहरा, यशपाल खिलेरी और बीरबल राम विश्नोई ने पक्ष रखा.

जस्टिस मेहता ने लंबी सुनवाई के बाद सभी आरोपियों की याचिकाएं मंजूर कर ली है. अब तक इस मामले में इन्द्रा विश्नोई को छोड़कर सभी आरोपियों को जमानत मिल गई है. करीब दस साल बाद लगभग सभी आरोपी जेल से बाहर निकले हैं. जमानत का सिलसिला सुप्रीम कोर्ट से परसराम की जमानत के साथ ही शुरू हुआ. मंगलवार तक पन्द्रह आरोपियों को जमानत मिल गई है. अब केवल इन्द्रा विश्नोई जोधपुर की सेंट्रल जेल में हैं.

कैसे उजागर हुआ पूरा मामला

जोधपुर जिले के बिलाड़ा थाने में अमरचंद नाम के एक व्यक्ति ने 01 सितम्बर 2010 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पत्नी एएनएम भंवरी देवी लापता है. साथ ही उसने अपनी पत्नी के अपहरण की आशंका जताते हुए तत्कालीन राज्य सरकार में मंत्री महिपाल मदेरणा सहित दो तीन लोगों पर शक जाहिर किया.

इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया. मामले की जांच कुछ आगे बढ़ती इस बीच राज्य सरकार ने बढ़ते विरोध को ध्यान में रख मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. सीबीआई ने 03 दिसम्बर 2010 को महिपाल मदेरणा के पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. बाद में इस मामले में कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई का भी नाम आया. उन्हें भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.

पढ़ेंः भंवरी देवी हत्याकांड : 9 साल में भी पूरा नहीं हुआ ट्रायल, फैसले में अभी लगेगा लंबा समय

इस मामले में 15 अन्य गिरफ्तारियां भी हुई. तब से मलखान सिंह और महिपाल मदेरणा सहित सभी आरोपी जेल में ही हैं केवल एक आरोपी को जमानत मिली थी. सीबीआई का दावा है कि भंवरी देवी का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई. बाद में शव को जला कर उसकी राख को राजीव गांधी लिफ्ट नहर में बहा दिया गया. यह मामला अब कोर्ट में विचाराधीन है.

जोधपुर. बहुचर्चित भंवरी देवी हत्याकांड (Bhanwari Devi murder case) मामले में पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा सहित 7 आरोपियों को जमानत दे दी गई. जोधपुर हाई कोर्ट ने जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा समेत 7 आरोपियों को जमानत दी. जस्टिस दिनेश मेहता ने इस मामले की सुनवाई की. बता दें कि 11 अगस्त को चार आरोपियों को जमानत पर जेल से छोड़ दिया गया था. छोड़े गए आरोपियों में सहीराम, दिनेश, उमेशराम और पुखराज शामिल थे.

पढ़ेंः भंवरी देवी हत्याकांड : 4 आरोपियों को मिली जमानत, जेल के बाहर कुछ ऐसे हुआ फोटो सेशन

जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत में मंगलवार को भंवरी देवी के मामले में पूर्व मंत्री मदेरणा सहित अन्य आरोपियों की ओर से सूचीबद्ध सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उन्हे रिहा करने का आदेश पारित कर दिया है. पूर्व मंत्री मदेरणा की ओर से अधिवक्ता ने मंगलवार की अनुमति लेकर केस लिस्ट करवाया. पहले से ही आरोपी कैलाश जाखड़, विशनाराम और अमरचंद की याचिकाएं सूचीबद्ध थी.

इसके साथ ही सोहनलाल, सहाबुद्दीन और बलिया उर्फ बलदेव की ओर से भी मंगलवार को अनुमति लेकर केस लिस्ट करवा गया. सभी की याचिकाओं पर उनके अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा. आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी, नीलकमल बोहरा, प्रदीप सिंह चौधरी, गोकुलेश बोहरा, यशपाल खिलेरी और बीरबल राम विश्नोई ने पक्ष रखा.

जस्टिस मेहता ने लंबी सुनवाई के बाद सभी आरोपियों की याचिकाएं मंजूर कर ली है. अब तक इस मामले में इन्द्रा विश्नोई को छोड़कर सभी आरोपियों को जमानत मिल गई है. करीब दस साल बाद लगभग सभी आरोपी जेल से बाहर निकले हैं. जमानत का सिलसिला सुप्रीम कोर्ट से परसराम की जमानत के साथ ही शुरू हुआ. मंगलवार तक पन्द्रह आरोपियों को जमानत मिल गई है. अब केवल इन्द्रा विश्नोई जोधपुर की सेंट्रल जेल में हैं.

कैसे उजागर हुआ पूरा मामला

जोधपुर जिले के बिलाड़ा थाने में अमरचंद नाम के एक व्यक्ति ने 01 सितम्बर 2010 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पत्नी एएनएम भंवरी देवी लापता है. साथ ही उसने अपनी पत्नी के अपहरण की आशंका जताते हुए तत्कालीन राज्य सरकार में मंत्री महिपाल मदेरणा सहित दो तीन लोगों पर शक जाहिर किया.

इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया. मामले की जांच कुछ आगे बढ़ती इस बीच राज्य सरकार ने बढ़ते विरोध को ध्यान में रख मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. सीबीआई ने 03 दिसम्बर 2010 को महिपाल मदेरणा के पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. बाद में इस मामले में कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई का भी नाम आया. उन्हें भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.

पढ़ेंः भंवरी देवी हत्याकांड : 9 साल में भी पूरा नहीं हुआ ट्रायल, फैसले में अभी लगेगा लंबा समय

इस मामले में 15 अन्य गिरफ्तारियां भी हुई. तब से मलखान सिंह और महिपाल मदेरणा सहित सभी आरोपी जेल में ही हैं केवल एक आरोपी को जमानत मिली थी. सीबीआई का दावा है कि भंवरी देवी का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई. बाद में शव को जला कर उसकी राख को राजीव गांधी लिफ्ट नहर में बहा दिया गया. यह मामला अब कोर्ट में विचाराधीन है.

Last Updated : Aug 24, 2021, 6:34 PM IST
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