जोधपुर. सोमवार को कुल 445 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं. यह संख्या इसलिए कम है, क्योंकि रविवार को अवकाश होने के चलते कोरोना टेस्ट कम किए गए थे. कोरोना संक्रमण रोकने और मरीजों के उपचार की पुख्ता व्यवस्था के बजाए स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन इस प्रयास में लगे हैं कि किसी भी हालत में कोरोना से जुड़े आंकड़े बाहर न जाने पाए.
बता दें कि जोधपुर में अब तक 51,452 मरीज संक्रमित और 658 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं बीते 23 दिन में जोधपुर में 11,828 मरीज संक्रमित और 153 से अधिक संक्रमित जान गंवा चुके हैं. सोमवार को राजदादी (गोयल) अस्पताल में न्यू पॉवर हाउस रोड निवासी शहर के एक प्रसिद्ध मिष्ठान भंडार के मालिक ज्योतिस्वरूप अग्रवाल (85) का निधन हो गया. मथुरादास माथुर अस्पताल में पीपली बास पीपाड़ सिटी निवासी नेमीचंद शर्मा (58) और सरदारपुरा बी रोड निवासी विद्या माथुर (87) की मौत हो गई.
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महात्मा गांधी अस्पताल में पांच बत्ती एयरफोर्स निवासी उगम कंवर (82), जेडीए के पास रहने वाले रविन्द्र कुमार (63), पीपाड़ सिटी निवासी श्यामलाल (62), विद्यानगर बीजेएस निवासी कालू पुरी (47), शिव बस्ती बलदेव नगर निवासी जमिला (45) और बीजेएस निवासी सिकंदर (24) की मौत हो गई. सिकंदर ने आत्महत्या कर ली थी, जिसकी मरणोपरांत रिपोर्ट पॉजिटिव निकला है. एम्स जोधपुर में नेहरू कॉलोनी रातानाडा निवासी मोहनलाल (80), अरविंद सिंह (64), रमेश कुमार (63), चौपासनी हाउसिंग बोर्ड निवासी एसबी माहेश्वरी (95), सरदारपुरा निवासी शांति देवी (65) और रातानाडा निवासी एमआर चौधरी (66) की मौत हो गई.
पॉजिटिव होने के बावजूद मरीज देखने का आरोप, डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज
जोधपुर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शहर के मसूरिया स्थित स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी ने अपने क्षेत्र में रहने वाले मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के सहायक आचार्य पर खुद के कोरोना संक्रमित होने के बावजूद मरीजों को परामर्श देकर महामारी अधिनियम की पालना नहीं करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है. देवनगर थाने में मसूरिया स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. राजेंद्र चौधरी ने पुलिस को लिखित रिपोर्ट में बताया कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर बैराग सिंह अपने घर पर क्वॉरेंटाइन की पालना नहीं कर मरीजों को परामर्श देते हैं, जबकि वे खुद संक्रमित हैं.
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उन्होंने महामारी अधिनियम की पालना नहीं कि खुद संक्रमित होते हुए दूसरे मरीज को देखकर संक्रमण फैलाने से दूसरे मरीज के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है और यह महामारी अधिनियम के तहत बड़ी लापरवाही मानी जाती है. देवनगर थाना पुलिस ने उक्त रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर के खिलाफ माहवारी अधिनियम के तहत लोगों का जीवन खतरे में डालने के आरोप के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है.
जानकारी के अनुसार डॉ. बैराग सिंह मथुरादास माथुर अस्पताल में कोरोना उपचार से जुड़े वार्ड में प्रभारी का जिम्मा संभाल रहे थे, 4 दिन पहले खुद संक्रमित हो गए. लेकिन इस दौरान भी वे अपने घर पर मरीज देख रहे थे. इसकी जानकारी मिलने पर मसूरिया स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया. हालांकि शिकायत के बाद नगर निगम की एक टीम भी डॉक्टर के घर पहुंची थी, तब डॉक्टर ने उन्हें बताया कि वे खुद पारण टीम में हैं. इसी प्रकार के मरीज को परामर्श नहीं दे रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है, जिसकी जांच देव नगर थाना पुलिस कर रही है.