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पाक विस्थापित 132 नागरिक बने भारतीय...लेकिन 3 हजार लोग नागरिकता के इंतजार में काट रहे कार्यालयों के चक्कर - indian citizenship to pak migrants

जोधपुर में गुरुवार को 132 पाक विस्थापितों को भारत की नागरिकता प्रदान कर दी गई है. लेकिन अभी भी करीब 3 हजार पाक विस्थापित ऐसे हैं जिन्हें नागरिकता मिलने का इंतजार है.

पाक विस्थापितों को भारत की नागरिकता,  132 को भारतीय नागरिकता,  Pakistan migrants
पाक विस्थापित 132 नागरिक बने भारतीय
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Published : Nov 11, 2021, 5:23 PM IST

Updated : Nov 11, 2021, 6:21 PM IST

जोधपुर. पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आए 132 हिंदुओं को आज जोधपुर जिला प्रशासन ने नागरिकता प्रदान की. भारत की नागरिकता प्राप्त करने पर उनके खुशी से खिल उठे. लेकिन आज भी करीब 3 हजार लोग ऐसे हैं जिन्हें उस दिन का इंतजार है जब उनके हाथ में भी भारत की नागरिकता से जुड़े दस्तावेज हों. भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए ये लोग सालों से सरकारी चौखटों के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन अब तक राहत नहीं मिली है.

केंद्र सरकार की ओर से देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू करने के बाद धोरों में भी खुशियों की गूंज सुनाई दे रही थी. क्योंकि वर्षों से नागरिकता के इंतजार में सरकारी कैंपों और कार्यालयों में धक्के खा रहे लोगों को उम्मीद थी कि अब उनके बुरे दिनों का अंत हो चुका है और वे भी जल्द भारतीय कहलाएंगे, लेकिन ऐसा हो न सका.

पाक विस्थापित 132 नागरिक बने भारतीय

पढ़ें. दीवाली से पहले मिला गिफ्ट: 15 पाक विस्थापित बने हिंदुस्तानी, जिला कलेक्ट्रेट में लगे 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' के नारे

दरअसल सीएए लागू होने के बाद पाक विस्थापित हिंदुओं को बहुत कम औपचारिकताएं पूरी करने के साथ भारत की नागरिकता मिल सकती है. लेकिन राजस्थान सरकार ने इस संशोधन को लागू नहीं किया है. जिसके चलते अभी भी जटिल प्रक्रिया में नागरिकता की व्यवस्था उलझी हुई है. जोधपुर में वर्तमान में 3 हजार विस्थापितों को नागरिकता का इंतजार है.

पाकिस्तानी पासपोर्ट भी अवधिपार, यहां राहत नहीं

2001 में पाक से भारत आए चंदोराम को अभी तक यहां की नागरिकता नहीं मिली है. पाकिस्तानी पासपोर्ट भी अवधिपार हो गया जिसके चलते आवेदन में भी दिक्क्त आ रही है. इसके अलावा अब सरकार ने ऑनलाइन प्रक्रिया कर दी है, लेकिन यहां आने वाले ज्यादातर हिंदू पाक विस्थापित अनपढ़ हैं. इनके लिए यह प्रक्रिया बहुत परेशानी वाली है. पाक विस्थापित अमराराम की भी यही कहानी है. बरसों से भारत की नागरिकता के लिए वे सरकारी दफ्तर और अफसरों के पास भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली रही है.

पढ़ें. सलमान खुर्शीद के खिलाफ शिकायत दर्ज, किताब में ISIS और बोको हराम से की थी हिंदुत्व की तुलना

अधिकारी बोले औपचारिकताएं तो पूरी करनी ही होगी

जोधपुर प्रशासन की ओर से लगाए गए इस शिविर में आए गृह विभाग के उपसिचव भवानी शंकर का कहना है कि हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को नागरिकता दी जाए. लेकिन जो औपचारिकताएं पूरी करनी हैं, वह तो करनी ही होगी. इसके अलावा छोटी-मोटी कमियों किसी की हैं तो हम उसे पूरी करवाते हैं. लेकिन सरकार ने ऑनलाइन प्रक्रिया कर दी है जिसे फॉलो तो करना ही होगा.

शिविर में आए जिला कलेक्टर ने कहा कि राज्य सरकार पाक विस्थापितों के लिए काम कर रही है. संत विनोबा भावे नगर आवासिया कॉलोनी सिर्फ इनके लिए ही विकसित की जा रही है. नागरिकता देने के लिए शहर विधायक मनीष पंवार, जेडीए के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सोलंकी, नगर निगम उत्तर की महापौर कुंति देवडा सहित अन्य लोग भी शिविर में मौजूद रहे.

जोधपुर. पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आए 132 हिंदुओं को आज जोधपुर जिला प्रशासन ने नागरिकता प्रदान की. भारत की नागरिकता प्राप्त करने पर उनके खुशी से खिल उठे. लेकिन आज भी करीब 3 हजार लोग ऐसे हैं जिन्हें उस दिन का इंतजार है जब उनके हाथ में भी भारत की नागरिकता से जुड़े दस्तावेज हों. भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए ये लोग सालों से सरकारी चौखटों के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन अब तक राहत नहीं मिली है.

केंद्र सरकार की ओर से देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू करने के बाद धोरों में भी खुशियों की गूंज सुनाई दे रही थी. क्योंकि वर्षों से नागरिकता के इंतजार में सरकारी कैंपों और कार्यालयों में धक्के खा रहे लोगों को उम्मीद थी कि अब उनके बुरे दिनों का अंत हो चुका है और वे भी जल्द भारतीय कहलाएंगे, लेकिन ऐसा हो न सका.

पाक विस्थापित 132 नागरिक बने भारतीय

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दरअसल सीएए लागू होने के बाद पाक विस्थापित हिंदुओं को बहुत कम औपचारिकताएं पूरी करने के साथ भारत की नागरिकता मिल सकती है. लेकिन राजस्थान सरकार ने इस संशोधन को लागू नहीं किया है. जिसके चलते अभी भी जटिल प्रक्रिया में नागरिकता की व्यवस्था उलझी हुई है. जोधपुर में वर्तमान में 3 हजार विस्थापितों को नागरिकता का इंतजार है.

पाकिस्तानी पासपोर्ट भी अवधिपार, यहां राहत नहीं

2001 में पाक से भारत आए चंदोराम को अभी तक यहां की नागरिकता नहीं मिली है. पाकिस्तानी पासपोर्ट भी अवधिपार हो गया जिसके चलते आवेदन में भी दिक्क्त आ रही है. इसके अलावा अब सरकार ने ऑनलाइन प्रक्रिया कर दी है, लेकिन यहां आने वाले ज्यादातर हिंदू पाक विस्थापित अनपढ़ हैं. इनके लिए यह प्रक्रिया बहुत परेशानी वाली है. पाक विस्थापित अमराराम की भी यही कहानी है. बरसों से भारत की नागरिकता के लिए वे सरकारी दफ्तर और अफसरों के पास भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली रही है.

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अधिकारी बोले औपचारिकताएं तो पूरी करनी ही होगी

जोधपुर प्रशासन की ओर से लगाए गए इस शिविर में आए गृह विभाग के उपसिचव भवानी शंकर का कहना है कि हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को नागरिकता दी जाए. लेकिन जो औपचारिकताएं पूरी करनी हैं, वह तो करनी ही होगी. इसके अलावा छोटी-मोटी कमियों किसी की हैं तो हम उसे पूरी करवाते हैं. लेकिन सरकार ने ऑनलाइन प्रक्रिया कर दी है जिसे फॉलो तो करना ही होगा.

शिविर में आए जिला कलेक्टर ने कहा कि राज्य सरकार पाक विस्थापितों के लिए काम कर रही है. संत विनोबा भावे नगर आवासिया कॉलोनी सिर्फ इनके लिए ही विकसित की जा रही है. नागरिकता देने के लिए शहर विधायक मनीष पंवार, जेडीए के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सोलंकी, नगर निगम उत्तर की महापौर कुंति देवडा सहित अन्य लोग भी शिविर में मौजूद रहे.

Last Updated : Nov 11, 2021, 6:21 PM IST
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