जोधपुर. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से जुड़ी कंपनियां पहले ही आगाह करती आई है कि उनके कोई टोल फ्री नंबर नहीं हैं. अगर हेल्प चाहिए तो वो एप्लीकेशन में सेटिंग में जाकर ही ले सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद इन कंपनियों के टोल फ्री नंबर सर्च इंजन पर नजर आते हैं.
बता दें कि ये टोल फ्री नंबर फर्जी होते हैं जिन पर फोन करने के बाद आदमी को ठगी का शिकार होना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला जोधपुर के रातानाड़ा क्षेत्र से सामने आया है. जहां एक व्यक्ति ने गूगल पे से 10 हजार ट्रांसफर किए थे, लेकिन उसके खाते में नहीं पहुंचे तो उसने गूगल पर सर्च कर टोल फ्री नंबर ढूंढा. जिस पर कॉल करने पर बातों बातों में ओटीपी नंबर भेजे गए, जो पीड़ित ने बता दिए और खाते से एक लाख रुपए पार हो गए.
रातानाड़ा थाने की कार्यवाहक थानाधिकारी शालिनी बजाज ने बताया कि पीड़ित रामनिवास ने मुकदमा दर्ज करवाते हुए बताया कि उसने 10 हजार रुपए अपने मित्र के खाते में गूगल पर के जरिए पैसे भेजे, लेकिन पैसा अटकने के बाद उसे चिंता होने लगी रामनिवास में ऑनलाइन कस्टमर केयर के नंबर निकाल उसे कॉल किया, लेकिन वो नंबर फर्जी थे और उसने बातों में लगाकर उसके खाते से दो बार ट्रांजैक्शन करते हुए और लगभग 1 लाख रुपए पार कर लिए. जिसके बाद पीड़ित की रिपोर्ट पर धारा 420 में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.