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आपातकाल की बरसी पर युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने पहने काले कपड़े, पूनिया ने कही ये बात...

देश में 25 जून 1975 का दिन काले अध्याय के तौर पर जाना जाता है. भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में इसे देश का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन की संज्ञा दी गई है. 46 साल पहले आपातकाल की घोषणा की गई थी. आपातकाल की बरसी पर बीजेपी नेताओं की ओर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.

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युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने पहने काले कपड़े
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Published : Jun 25, 2021, 6:15 PM IST

जयपुर. देश में लगे आपातकाल की 46वीं बरसी को बीजेपी ने काला दिवस के रूप में मनाया. इस मौके पर युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने काले कपड़े पहनकर पार्टी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रेस वार्ता कर कांग्रेस और मौजूदा गहलोत सरकार पर जमकर जुबानी हमला बोला. इस दौरान फोन टैपिंग और जासूसी सहित कई मुद्दों को लेकर वे सरकार को घेरते नजर आए.

यह भी पढ़ें: आईटी मंत्री अकाउंट ब्लॉक : ट्विटर ने कहा, पॉलिसी का उल्लंघन, रविशंकर बोले- नहीं मिला नोटिस

सतीश पूनिया ने मुख्य सचेतक महेश जोशी को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की ओर से मिले नोटिस के मामले में हो रहे कांग्रेस के विरोध पर पलटवार किया. उन्होंने कहा, एक नोटिस मिलने से ही पूरी कांग्रेस में खलबली मच गई, अब यदि कार्रवाई होगी तो फिर क्या होगा. प्रतिशोध की राजनीति की शुरुआत कांग्रेस की ही देन है. महेश जोशी की ओर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के वॉयस सैंपल नहीं देने के आरोपों पर भी पूनिया ने कहा, जब मामले में एफआर लगा दी गई है तो वे सैंपल के लिए शेखावत को क्यों बुलाना चाहते हैं?

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष, सतीश पूनिया का बयान...

पंचायत चुनाव जल्दबाजी पर बोले पूनिया- कब आ जाए पता नहीं, इंतजार करना चाहिए

प्रदेश सरकार की ओर से पंचायत चुनाव को लेकर चल रही तैयारी से जुड़े एक सवाल पर पूनिया ने कहा, राजस्थान में निगम के चुनाव न्यायालय के निर्देश से हुए थे. इसके बाद न्यायालय ने परिस्थितियां देखी और कहा कि चुनाव उचित नहीं है. जब चर्चा चली तो पीसीसी चीफ और हम सबने कहा कि कोरोना के दौर में चुनाव प्राथमिकता नहीं है. लेकिन अब चुनाव आयोग को तय करना है कि चुनाव जरूरी है या नहीं. उन्होंने कहा, कोरोना की तीसरी लहर को लेकर प्रमाणित तौर पर कोई अभी कुछ नहीं कह सकता कि कब आ जाए, इसलिए अभी फिलहाल इंतजार करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: भगौड़ा कहने पर गजेंद्र सिंह शेखावत का पलटवार, कहा- महेश जोशी जानते हैं कि जांच निष्पक्ष हुई तो गहलोत सरकार चली जाएगी

वहीं पूनिया ने आपातकाल की बरसी को लेकर भी बड़ा बयान दिया और कहा, कांग्रेस ने इतिहास से अब तक कोई सबक नहीं लिया. आपातकाल के 46 साल पूरे हो गए हैं. इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र पर चोट की थी और लंबे संघर्ष के बाद आपातकाल वापस भी लेना पड़ा, लेकिन कांग्रेस ने इतिहास से अब तक सबक नहीं लिया, जिसके चलते देश और प्रदेशों में कांग्रेस सिमट कर रह गई.

युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष, हिमांशु शर्मा का बयान...

पूनिया ने बताया, प्रदेश बीजेपी संगठन कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों और बेसहारा बुजुर्गों की मदद करेगा. इसके लिए बीजेपी से जुड़े सभी जिलों के नेताओं ने अपने-अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. खासतौर पर बीजेपी से जुड़े जिन नेताओं पदाधिकारियों के स्वयं के शैक्षणिक संस्थान हैं, वह उस इलाके के ऐसे बेसहारा बच्चों के शैक्षणिक कार्यों का पूरा खर्चा उठाएंगे. वहीं केंद्र की योजनाओं के जरिए भी उन्हें मदद दिलाई जाएगी.

यह भी पढ़ें: बीकानेर में गोविंद डोटासरा ने केंद्रीय मंत्री शेखावत पर बोला हमला, कहा- Tweet करके बनना चाहते हैं सीएम

युवा मोर्चा ने काले कपड़े पहनकर किया प्रदर्शन

आपातकाल की बरसी के मौके पर बीजेपी युवा मोर्चा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने काले कपड़े पहन कर विरोध प्रदर्शन भी किया. कार्यकर्ताओं ने बीजेपी मुख्यालय के बाहर काले कपड़े पहनकर हाथों में पोस्टर लिए प्रदर्शन किया. इन पोस्टरों के जरिए आपातकाल के इतिहास और तत्कालीन कांग्रेस सरकार की नीतियों का भी जिक्र किया गया. युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु शर्मा के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ ही मोर्चे से जुड़े विभिन्न पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए.

जयपुर. देश में लगे आपातकाल की 46वीं बरसी को बीजेपी ने काला दिवस के रूप में मनाया. इस मौके पर युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने काले कपड़े पहनकर पार्टी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रेस वार्ता कर कांग्रेस और मौजूदा गहलोत सरकार पर जमकर जुबानी हमला बोला. इस दौरान फोन टैपिंग और जासूसी सहित कई मुद्दों को लेकर वे सरकार को घेरते नजर आए.

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सतीश पूनिया ने मुख्य सचेतक महेश जोशी को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की ओर से मिले नोटिस के मामले में हो रहे कांग्रेस के विरोध पर पलटवार किया. उन्होंने कहा, एक नोटिस मिलने से ही पूरी कांग्रेस में खलबली मच गई, अब यदि कार्रवाई होगी तो फिर क्या होगा. प्रतिशोध की राजनीति की शुरुआत कांग्रेस की ही देन है. महेश जोशी की ओर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के वॉयस सैंपल नहीं देने के आरोपों पर भी पूनिया ने कहा, जब मामले में एफआर लगा दी गई है तो वे सैंपल के लिए शेखावत को क्यों बुलाना चाहते हैं?

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पंचायत चुनाव जल्दबाजी पर बोले पूनिया- कब आ जाए पता नहीं, इंतजार करना चाहिए

प्रदेश सरकार की ओर से पंचायत चुनाव को लेकर चल रही तैयारी से जुड़े एक सवाल पर पूनिया ने कहा, राजस्थान में निगम के चुनाव न्यायालय के निर्देश से हुए थे. इसके बाद न्यायालय ने परिस्थितियां देखी और कहा कि चुनाव उचित नहीं है. जब चर्चा चली तो पीसीसी चीफ और हम सबने कहा कि कोरोना के दौर में चुनाव प्राथमिकता नहीं है. लेकिन अब चुनाव आयोग को तय करना है कि चुनाव जरूरी है या नहीं. उन्होंने कहा, कोरोना की तीसरी लहर को लेकर प्रमाणित तौर पर कोई अभी कुछ नहीं कह सकता कि कब आ जाए, इसलिए अभी फिलहाल इंतजार करना चाहिए.

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वहीं पूनिया ने आपातकाल की बरसी को लेकर भी बड़ा बयान दिया और कहा, कांग्रेस ने इतिहास से अब तक कोई सबक नहीं लिया. आपातकाल के 46 साल पूरे हो गए हैं. इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र पर चोट की थी और लंबे संघर्ष के बाद आपातकाल वापस भी लेना पड़ा, लेकिन कांग्रेस ने इतिहास से अब तक सबक नहीं लिया, जिसके चलते देश और प्रदेशों में कांग्रेस सिमट कर रह गई.

युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष, हिमांशु शर्मा का बयान...

पूनिया ने बताया, प्रदेश बीजेपी संगठन कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों और बेसहारा बुजुर्गों की मदद करेगा. इसके लिए बीजेपी से जुड़े सभी जिलों के नेताओं ने अपने-अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. खासतौर पर बीजेपी से जुड़े जिन नेताओं पदाधिकारियों के स्वयं के शैक्षणिक संस्थान हैं, वह उस इलाके के ऐसे बेसहारा बच्चों के शैक्षणिक कार्यों का पूरा खर्चा उठाएंगे. वहीं केंद्र की योजनाओं के जरिए भी उन्हें मदद दिलाई जाएगी.

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युवा मोर्चा ने काले कपड़े पहनकर किया प्रदर्शन

आपातकाल की बरसी के मौके पर बीजेपी युवा मोर्चा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने काले कपड़े पहन कर विरोध प्रदर्शन भी किया. कार्यकर्ताओं ने बीजेपी मुख्यालय के बाहर काले कपड़े पहनकर हाथों में पोस्टर लिए प्रदर्शन किया. इन पोस्टरों के जरिए आपातकाल के इतिहास और तत्कालीन कांग्रेस सरकार की नीतियों का भी जिक्र किया गया. युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु शर्मा के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ ही मोर्चे से जुड़े विभिन्न पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए.

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