अयोध्या. कहते हैं प्यार रश्मो-रिवाज और समाज के किसी बंधन को नहीं मानता. ये जब होता है, तो दिवाने एक दूजे के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार होते हैं. तभी तो किसी ने अंग्रेजी में खूब ही कहा है लव इज़ ब्लाइंड, जी हां इसका मतलब है प्यार अंधा होता है. दरअसल, अयोध्या के नंदीग्राम में स्थित एक मंदिर में शिवकुमार नाम के युवक ने किन्नर अंजलि सिंह से अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए हैं. बकायदा वैदिक मंत्रोचार के बीच दोनों के विवाह की रस्में निभाई गईं.
अजब प्रेम की गजब कहानी
अयोध्या में सामने आई ये बेहद दिलचस्प प्रेम कहानी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. इस प्रेम कहानी का सबसे दिलचस्प पहलू ये है कि शिवकुमार ने बकायदा अयोध्या के एक मंदिर में किन्नर अंजलि सिंह के साथ सात फेरे लिये. इस शादी समारोह में दुल्हन बनी किन्नर अंजलि सिंह की बड़ी बहन और बहनोई ने अभिभावक की भूमिका निभाई. वहीं गांव के कई लोगों ने नव युगल को मांगलिक जीवन की शुभकामनाएं भी दीं. आपको बता दें कि शादी करने वाले पति-पत्नी प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं.
अग्नि को साक्षी मानकर लिये गये सात फेरे
अयोध्या नगर से सटे ग्रामीण क्षेत्र नंदीग्राम भरतकुंड में महाराजा विक्रमादित्य के स्थापित प्राचीन मंदिर में किन्नर अंजलि सिंह पुत्री स्वर्गीय अनिल सिंह की शादी धूमधाम से की गयी. अंजलि सिंह का दामन थामने वाले प्रतापगढ़ के गहरौली मजरे शुकुलपुर के रहने वाले शिव कुमार वर्मा ने दूल्हा बनकर अग्नि को साक्षी मानकर वैदिक मंत्रोचार के बीच अंजली सिंह के साथ सात फेरे पूरे किये. मंदिर के पुजारी हनुमान दास की देखरेख में पंडित अरुण तिवारी ने शादी की रस्में पूरी करायी.
शिवकुमार ने कहा बेसहारा बच्चे का बनेंगे सहारा
समाज में तिरस्कृत नजरिये से देखे जाने वाले किन्नर समाज से जुड़े एक सदस्य के साथ जिंदगी बिताने का साहसिक फैसला लेने वाले दूल्हा शिव कुमार ने बताया कि बीते डेढ़ सालों से अंजलि के साथ उनका प्रेम प्रसंग चल रहा था. उन्होंने ये पाया कि अब बिना अंजलि के वो जी नहीं सकते, इसलिए उन्होंने अंजलि के साथ शादी कर ली है. शिव कुमार ने कहा कि मुझे भरोसा है कि हम दोनों एक अच्छी जिंदगी जी सकते हैं. भविष्य में किसी बेसहारा बच्चे को गोद लेकर हम अपने परिवार को बढ़ा लेंगे. मैं इस शादी से बेहद खुश हूं.
'हमें भी समाज में बराबरी का अधिकार'
दुल्हन बनी किन्नर अंजलि सिंह ने कहा कि हम दोनों एक दूसरे से बेपनाह मोहब्बत करते हैं. हम दोनों एक दूसरे के बिना नहीं जी सकते. इसलिए दुनिया समाज की बातों को भूलकर हमने एक साथ जीने मरने की कसम खाई है. हमारे किन्रर समाज को दुनिया अच्छी नजरों से नहीं देखती है. इसलिए अभी हम दोनों के इस फैसले को स्वीकार करने में दोनों परिवारों को थोड़ी समस्या हो रही है. लेकिन बच्चों की खुशी में मां-बाप अपनी खुशियां ढूंढ़ते हैं. हमारे परिवार के लोग इस फैसले से खुश हैं. धीरे-धीरे सबकुछ सामान्य हो जायेगा. हमें भी समाज में समान रूप से जीने का अधिकार है. हमारी भी भावनायें हैं. शादी करने का फैसला हम दोनों का है. हम दोनों अपने इस फैसले से बेहद खुश हैं.
प्रतापगढ़ से आये बाराती, धूमधाम से पूरी हुई सभी रस्में
इस शादी समारोह में प्रतापगढ़ से करीब 10 से ज्यादा बाराती बनकर शामिल हुये. उन्होंने इस मांगलिक आयोजन में नव युगल को आशीर्वाद दिया. आशीर्वाद देने वालों में मुख्य रूप से बीजेपी नेता चौरेबाजार मंडल अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह, श्याम जी चौरसिया, मोनू सोनी, भवानी पाण्डेय, दीपक कुमार राम, रामकुमार पांडेय सहित कई लोग शामिल रहे. वहीं दुल्हन बनी किन्नर अंजली सिंह की बहन आरती सिंह और जीजा वीरेंद्र सिंह ने वधू पक्ष से होने वाली सारी मांगलिक रस्मों को निभाया और नव युगल को मांगलिक जीवन की शुभकामनायें दी.