जयपुर. राजस्थान भाजपा में नेताओं के बीच अगले मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चल रहे शीत युद्ध के बीच अब एकजुटता का प्रयास भी शुरू हो गया है. विश्व कविता दिवस के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता के जरिए मिलकर चलने का संदेश (Vasundhara Raje on world poetry day) दिया, ट्विटर के जरिए की गई पोस्ट के राजनीतिक गलियारों में अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं.
हालांकि, ये पोस्ट विश्व कविता दिवस के मौके पर सभी कविजन और काव्य प्रेमियों को शुभकामनाएं देने के लिए थी, लेकिन पोस्ट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने की और कविता राजे ने प्रस्तुत की है. अब इस पोस्ट को मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वसुंधरा राजे ने शुभकामनाएं देते हुए लिखा कि कवि अपनी रचनाओं से न सिर्फ समाज में नवाचार और जागरूकता का प्रकाश फैलाते हैं बल्कि अपने उत्कृष्ट सृजन से देश प्रेम व लोक कल्याण की भावना को प्रतिपादित भी करते है. इस बीच वसुंधरा राजे ने अटल बिहारी वाजपेयी की कुछ पंक्तियां भी पढ़ी.
-
सभी कविजनों तथा काव्य प्रेमियों को #WorldPoetryDay की शुभकामनाएं। कवि अपनी रचनाओं से ना सिर्फ समाज में नवाचार व जागरूकता का प्रकाश फैलाते हैं, बल्कि अपने उत्कृष्ट सृजन से देश प्रेम व लोक कल्याण की भावना को प्रतिपादित करते हैं।
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) March 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
साझा कर रही हूँ स्व. अटल जी की कुछ पंक्तियाँ . . . pic.twitter.com/SkvCIUgjeu
">सभी कविजनों तथा काव्य प्रेमियों को #WorldPoetryDay की शुभकामनाएं। कवि अपनी रचनाओं से ना सिर्फ समाज में नवाचार व जागरूकता का प्रकाश फैलाते हैं, बल्कि अपने उत्कृष्ट सृजन से देश प्रेम व लोक कल्याण की भावना को प्रतिपादित करते हैं।
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) March 21, 2022
साझा कर रही हूँ स्व. अटल जी की कुछ पंक्तियाँ . . . pic.twitter.com/SkvCIUgjeuसभी कविजनों तथा काव्य प्रेमियों को #WorldPoetryDay की शुभकामनाएं। कवि अपनी रचनाओं से ना सिर्फ समाज में नवाचार व जागरूकता का प्रकाश फैलाते हैं, बल्कि अपने उत्कृष्ट सृजन से देश प्रेम व लोक कल्याण की भावना को प्रतिपादित करते हैं।
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) March 21, 2022
साझा कर रही हूँ स्व. अटल जी की कुछ पंक्तियाँ . . . pic.twitter.com/SkvCIUgjeu
पढ़ें- राजस्थान भाजपा में गुटबाजी के बीच वसुंधरा राजे बोलीं- कदम मिलाकर चलना होगा
वसुंधरा राजे ने 'उजियारे में, अंधकार में, कल कछार में, बीच धार में. घोर घृणा में, पूत प्यार में, क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में. जीवन के शत-शत आकर्षक, अरमानों को दलना होगा. कदम मिलाकर चलना होगा' का पाठ किया. इस कविता के बाद वसुंधरा राजे ने जो बात कही वह राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. राजे ने कहा कि इस कविता का अर्थ बिल्कुल साफ है और यह लाइन काफी प्रसिद्ध भी है. राजे ने कहा कि यह सब क्षणिक मूमेंट है जो सब पास हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि हमलोग अगर एक साथ चलते हैं तो न जीत होती और न हार होती है, लेकिन हम अपने देश और परिवार को जैसा बनाना चाहते हैं वैसा बना सकते हैं.
राजस्थान भाजपा नेताओं के हैं कई खेमे: राजस्थान भाजपा में इन दिनों सब कुछ सही नहीं चल रहा है. खास तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे लगातार राजस्थान में अपनी सक्रियता बढ़ा रही है तो वहीं दूसरी ओर उनसे जुड़े समर्थक अपने बयानों के जरिए राजे को राजस्थान का सर्वमान्य नेता बताते हुए अगले चुनाव में प्रोजेक्ट करने में जुटे हैं. राजे विरोधी खेमा भी लगातार सक्रियता बढ़ा रहा है. पिछले दिनों भाजपा नेताओं के ऐसे कई बयान हैं जिसके बाद यह संकेत मिलने लगे थे कि राजस्थान भाजपा में सब कुछ सामान्य नहीं है. इस बीच वसुंधरा राजे की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी इस कविता के जरिए दिया गया संदेश काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.