जयपुर. विश्व अंगदान दिवस पर राजस्थान में बेटों ने सुनाई अपने दूसरे जीवन की कहानियां. बता दें कि मोहम्मद जुनैद किडनी की बीमारी से पीड़ित थे. हालत खराब होने पर डॉक्टर ने उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कहा. जीने की आस छोड़ चुके मोहम्मद जुनैद को दूसरा जीवन उनकी मां नजमा ने दिया. बता दें कि उनकी मां ने अपनी किडनी बेटे को देकर उसे दो बार जीवन दान दिया है.
मोहम्मद जुनैद ने बताया कि मेरी मां ने मुझे दूसरा जीवन दिया है और किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद आज वह एक साधारण जीवन गुजार रहे जिसकी एक मात्र वजह उनकी मां हैं. उन्होंने बताया कि उनकी मां को ब्रेन हेमरेज था बावजूद इसके उनकी मां ने उन्हें किडनी डोनेट की.
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कुछ ऐसी ही कहानी मनीष मल्होत्रा और उनकी मां किरण मल्होत्रा की भी है. जहां मनीष को जब किडनी संबंधित बीमारी हुई तो उनका किडनी ट्रांसप्लांट होना था तो ऐसे में उनकी मां किरण मल्होत्रा ने बेटे को अपनी किडनी दी. वहीं मनीष ने बताया कि उनकी मां ने पहला जीवन मुझे तब दिया जब वह उनकी कोख में थे और दूसरा नया जीवन उनको अपनी किडनी देकर दिया है. मनीष ने कहा कि मैंने भगवान तो नहीं देखा लेकिन मैंने अपनी मां में उसे महसूस जरूर किया है.
ब्लड प्रेशर और डायबिटीज है किडनी की परेशानी का कारण
देश के जाने माने गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज गुंबर का कहना है कि आज के समय में किडनी संबंधित बीमारियां सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है और इसका मुख्य कारण है ब्लड प्रेशर और डायबिटीज. जिस व्यक्ति को यह दोनों बीमारियां होती है उनमें किडनी संबंधित बीमारियों का खतरा सबसे अधिक होता है.
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डॉ मनोज ने यह भी कहा कि आज हमारे देश में हम दो और हमारे दो का नारा चल रहा है और ऐसे में एक परिवार में पति,पत्नी और दो बच्चे होते हैं. ऐसे में पति पत्नी में से किसी को भी किडनी की जरूरत होती है तो पत्नी अपने पति को किडनी दे देती है, लेकिन अगर पत्नियों को किडनी की जरूरत होती है तो पति जल्दी से किडनी देने को राजी नहीं होते. जबकि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में किडनी की परेशानी सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है.
डॉ मनोज ने कहा कि आज भी हमारे देश में अंगदान को लेकर जागरूकता की कमी है. जिसके चलते जरूरतमंद लोगों को आज भी ऑर्गन नहीं मिल पाते हैं और अंगदान को लेकर अभी भी लोगों के मन में भय और मिथक बने हुए हैं.