जयपुर. आज हम विश्व साइकिल दिवस मना रहे हैं. हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस (World Bicycle Day 2021) मनाया जाता है, लेकिन साइकिल का भी समय के साथ अंदाज और महत्व परिवर्तित होता रहा. समय के साथ जीवन शैली बदली और साइकिल की जगह मोटरसाइकिल ने ले ली. तेज रफ्तार वाले वाहनों ने लोगों को जल्दी गंतव्य स्थान तक पहुंचाना शुरू किया, तो लोग साइकिल को भूलते चले गए.
हालांकि, इस कोरोना काल में लगे लॉकडाउन ने लोगों को कम से कम अपने हेल्थ के प्रति जागरूक तो कर ही दिया. यही वजह है कि जब लॉकडाउन के साथ पार्क और जिम बंद हुए, तो लोगों ने घर के कोने में पड़ी साइकिल को फिर से थाम लिया और अपनी बचपन की याददाश्त को सेहत की सवारी बना लिया. अब शहर की सड़कों पर अलसुबह से स्वच्छ वातावरण में शहरवासी अपनों के साथ साइकिलिंग करने निकल पड़ते हैं. यही वजह है कि साइकिल किसी के लिए एंटरटेनमेंट तो किसी के लिए व्यायाम का आधार बन गई है.
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम देखकर नहीं फूलती सांसें...
वहीं, मजदूर वर्ग और गरीब तबका आज भी इसी साइकिल पर पूरी तरह आश्रित है. घर के लिए सामान लाने से लेकर अपने कार्यक्षेत्र तक जाने में यही साइकिल उसका सबसे बड़ा साधन बनती है. खासियत ये है कि एक तो सेहत बनी रहती है, दूसरा पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम देखकर सांसे नहीं फूलती.
राजधानी में ही साइकिल राइडर्स का एक ग्रुप ऐसा भी है, जिसने पिछले साल कोरोना काल में साइकिल चलाने की शुरुआत की थी और कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में अब इसी साइकिल से जरूरतमंदों तक मदद पहुंचा रहे हैं. रिलीफ राइडर्स ग्रुप के डॉ. सुमित ने बताया कि सुबह 6:00 से 11:00 बजे के पीरियड में कम दूरी पर एक राइडर और ज्यादा दूरी पर राइडर रिले बनाकर जरूरतमंदों तक फूड पैकेट, दवाई और राशन सामग्री पहुंचाई जाती है. इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया है.
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चूंकि साइकिल से पर्यावरण को कभी कोई नुकसान नहीं हुआ, यही वजह है कि सरकार द्वारा समय-समय पर साइकिल को लेकर कई योजनाएं लाई जाती है. फिर चाहे होनहार छात्रों को नि:शुल्क साइकिल वितरण करना हो, या फिर स्मार्ट सिटी के तहत स्मार्ट साइकिल प्रोजेक्ट, जो फिलहाल बंद पड़ा है. राजधानी में पिंक पेडल्स के नाम से साइकिल रेंटल ऑर्गेनाइजेशन भी है, जिसकी फाउंडर पूजा का मानना है कि साइकिल एक ऐसी मशीन है, जो दुनिया को बदलने की ताकत रखती है. साइकिल के माध्यम से पर्यावरण में संतुलन रखने के साथ-साथ इम्युनिटी, तंदुरुस्ती और अपने लंग्स को भी मजबूत रख सकते हैं.
साइकिलिंग को प्रमोट करने की मांग...
यही नहीं, केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने बीते साल देश भर के 95 स्मार्ट शहरों को साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिए एक चैलेंज तक दिया था. जिसमें जयपुर ने भी भाग लिया था. वहीं, अब यूनेस्को में शामिल हुए परकोटे में ट्रैफिक कंजंक्शन कम करने के लिए और यहां टूरिज्म डेवलप करने के लिए पॉल्यूशन फ्री एरिया बनाने के उद्देश्य से साइकिलिंग को प्रमोट किए जाने की मांग उठ रही है.