जयपुर. देशभर में प्रवासी श्रमिकों का पलायन लगातार जारी है. इसके लिए प्रदेशभर में जिला प्रशासन की ओर से प्रवासी श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की जा रही है. प्रवासियों को घर तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है.
अभी तक कर रहे इंतजार
प्रवासी श्रमिक अपने घर जाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं. लेकिन अभी भी हजारों श्रमिक रजिस्ट्रेशन के इंतजार में बैठे हैं. वहीं कई मजदूर ऐसे भी हैं जो रजिस्ट्रेशन होने के बाद भी घर जाने के इंतजार में बैठे हैं. हजारों श्रमिकों ने घर जाने के लिए श्रमिक ट्रेन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. लेकिन जिन श्रमिकों का नंबर नहीं आया वह अभी भी इंतजार कर रहे हैं. रोजाना हजारों की संख्या में प्रवासी श्रमिकों को दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है. प्रदेश में लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक होने की वजह से श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजने में भी काफी समय लग रहा है. क्योंकि सभी श्रमिकों ने लॉकडाउन के दौरान एक साथ रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया था. प्रदेश भर की बात की जाए तो अभी तक लगभग 24 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था. राजस्थान से बाहर जाने वाले मजदूर भी रजिस्ट्रेशन का इंतजार कर रहे हैं. तो वहीं राजस्थान के बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिक भी रजिस्ट्रेशन के इंतजार में बैठे हैं.
एक महीने से नहीं कोई सूचना
आवेदन करने के बाद भी कई मजदूरों का तो रजिस्ट्रेशन ही नहीं हो पाया. राजधानी की बात की जाए तो करीब 4 लाख से भी ज्यादा प्रवासी श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था. जिसमें से करीब 1 लाख श्रमिक अभी भी अपने घर जाने के इंतजार में बैठे हैं. रजिस्ट्रेशन के बाद नंबर आने पर श्रमिकों को जिला प्रशासन की ओर से संपर्क कर सूचना दी जाती है और उन्हें बुलाकर शेल्टर होम में रखा जाता है.
इसके बाद उनकी थर्मल स्क्रीनिंग समेत कई जांच संबंधित प्रक्रिया पूरी होने के बाद ट्रेनों में बैठा कर गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाता है. ट्रेनों में बैठाने से पहले भी सभी श्रमिकों की स्टेशनों पर स्क्रीनिंग की जाती है. ट्रेनों में भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई जाती है. कई प्रवासी श्रमिकों को तो रजिस्ट्रेशन करवाएं एक महीने से भी ज्यादा का समय हो चुका है. लेकिन अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई. जयपुर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर अशोक कुमार ने बताया कि जयपुर जिले से जाने वाले और आने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए जिला प्रशासन की ओर से तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं.
संसाधनों में भी बढ़ोतरी का प्रयास
ट्रेन और बस के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा रहा है. ज्यादा दूरी पर जाने वाले श्रमिकों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है. वहीं प्रदेश के आसपास के जिलों में जाने वाले मजदूरों को रोडवेज बसों के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है. श्रमिक स्पेशल ट्रेनें और बसें राजस्थान से बाहर के अन्य राज्यों में प्रवासियों को पहुंचा रही हैं और वापसी के समय वहां पर फंसे प्रवासियों को राजस्थान भी लाया जा रहा है. एक ट्रेन में करीब 1440 श्रमिकों को एक बार में भेजा जा रहा है. ज्यादातर ट्रेनें बिहार और यूपी के लिए चलाई जा रही हैं. करीब 4500 प्रवासियों को रोजाना उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा रहा है.
इसके साथ ही कई प्रवासी अपने निजी स्तर पर जाने के लिए भी आवेदन कर रहे हैं तो उनको भी पास जारी किया जा रहा है. जल्दी बाजी के चक्कर में कई प्रवासी खुद के निजी वाहन से जा रहे हैं तो वहीं प्रशासन की ओर से भी प्रवासियों को जल्द भेजने के लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं. ताकि प्रवासियों को ज्यादा इंतजार ना करना पड़े. इसके लिए संसाधनों में भी बढ़ोतरी का प्रयास किया जा रहा है. प्रवासियों की स्क्रीनिंग और तमाम व्यवस्थाओं के लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टेशनों पर मेडिकल और जिला प्रशासन की टीमें लगी हुई है.
कई श्रमिकों ने किया जाने से इनकार
स्टेशन पर ट्रेनों में बैठाने से पहले सभी श्रमिकों की जांच की जाती है किसी भी तरह से कोई संदिग्ध लक्षण मिलने पर उसे ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाती है. इसके बाद स्वास्थ्य सर्टिफिकेट जारी किया जाता है और प्रवासियों को ट्रेन में बैठा कर उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाता है. श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद उन्हें कॉल किया जाता है. लेकिन अब कॉल करने पर कई प्रवासी तो अपने घर जाने के लिए मना कर रहे हैं क्योंकि अब कई जगह काम धंधे वापस से शुरू हो गए हैं. जो लोग पहले अपने घर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं उनमे भी कई लोग अब मना कर रहे हैं. बाकी जो बचे हैं उनको भी जल्द उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचा दिया जाएगा. वहीं अब लगातार प्रवासियों के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा भी कम होता जा रहा है.