जयपुर. शहर की विरासत में शामिल चौपड़ों को एक बार फिर मूल स्वरूप दिया जा रहा है. शहर की जिन रियासत कालीन चौपड़ों को गोल किया जा रहा था. प्रशासन ने अपनी गलती सुधारते हुए अब नाम के अनुसार आकार को दोबारा चौकोर करने का काम शुरू किया है. ईटीवी भारत ने चौपड़ों को गोल किए जाने की खबर को प्रमुखता से चलाया, जिसके बाद प्रशासन ने अपना निर्णय बदला.
बता दें कि 5 फरवरी को यूनेस्को ने जयपुर को विश्व विरासत का सर्टिफिकेट दिया, और अब इस विरासत को बचाए रखने के प्रयास शुरू किए गए हैं. हालांकि जयपुर मेट्रो के काम से जयपुर की धरोहर में शामिल बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़ को उसके मूल स्वरूप की बजाये गोल किया जा रहा था. प्रशासन के इस गैर जिम्मेदाराना कदम को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रसारित किया.
इसके बाद शहर के विभिन्न संगठन और व्यापार महासंघ, यहां तक कि बीजेपी ने भी इस पर विरोध जताया. जिस पर संज्ञान लेते हुए अब बड़ी चौपड़ को चौकोर करने का काम शुरू कर दिया गया है. इसके बाहरी ढांचे को चौपड़ की तर्ज पर ही चौकोर किया जा रहा है. वहीं छोटी चौपड़ पर भी काम रोक दिया गया है और इसे भी अब जल्द चौकोर किए जाने की बात कही जा रही है.
बता दें कि रियासत कालीन चौपड़ों को गोल करने की खबर प्रसारित होने के बाद मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भी मेट्रो, नगर निगम और नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों से चौपड़ का निर्माण कार्य रोकने के लिए बात की थी. साथ ही हेरिटेज कमेटी की बैठक नहीं होने तक यहां कोई काम नहीं होने के निर्देश दिए थें वहीं बड़ी चौपड़ के बाद अब छोटी चौपड़ को मूल स्वरूप में लाने का काम भी जल्द शुरू किया जाएगा.