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राजस्थान AAP की महिला विंग ने एम्बुलेंस में गर्भवती महिला से गैंगरेप की निंदा की, कहा- सरकार के दावों की पोल खुली

आम आदमी पार्टी राजस्थान की महिला विंग ने एंबुलेंस में भूखी प्यासी गर्भवती महिला से बलात्कार की घटना की निंदा की है और कहा है कि इस घटना ने सरकार की कानून व्यवस्था और गरीबों को भोजन पानी की दावों की पोल खोल दी है.

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राजस्थान AAP की महिला विंग ने एम्बुलेंस में गर्भवती महिला से गैंगरेप की निंदा की
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Published : May 27, 2021, 10:50 PM IST

जयपुर. आम आदमी पार्टी महिला विंग का आरोप है कि राजस्थान सरकार बेहतर कानून व्यवस्था और गरीबों व जरूरतमंदों को कोरोना काल में मुफ्त भोजन–पानी उपलब्ध करवाने के दावे तो कर रही है लेकिन राज्य की राजधानी में दिनदहाड़े सात माह की भूखी–प्यासी गर्भवती महिला से खाना खिलाने के नाम पर एम्बुलेंस में बलात्कार करने की घटना ने सरकार के दावो की सारी पोल खोल दी है.

पढ़ें: जयपुर: 8 महीने की गर्भवती महिला से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

राजस्थान महिला विंगअध्यक्ष कीर्ति पाठक और सचिव चंद्रमुखी रेप्स्वाल ने सयुंक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि यह सात माह की गर्भवती महिला भूख प्यास से तड़पती हुई भोजन की तलाश में राज्य के सबसे बड़े एसएमएस बांगड़ अस्पताल के बाहर घूम रही थी जबकि सरकार गरीबो व जरूरतमंदों को भोजन–पानी उपलब्ध करवाने के बड़े–बड़े दावे कर रही है. सवाल यह है कि जब राज्य के सबसे बड़े अस्पताल के बाहर ही भूखे को भोजन उपलब्ध नहीं है तो फिर यह किसे और कहां पर बंट रहा है.

महिला विंग ने मांग की है कि अपराधियों को कठोर दंड देने के साथ ही सरकार इस पीड़ित परिवार के पुनर्वास की व्यवस्था करे. कानून व्यवस्था को हर स्तर पर चाक चौबंद करे और थड़ी, ठेला चालक, छोटे व्यापारी और खानाबदोश लोगों के लिए भोजन पानी सहित हर संभव वित्तीय मदद करे. जिससे कि भविष्य में फिर ऐसी किसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो.

पीड़िता का पति ठेला चलाता है. लेकिन लॉकडाउन के चलते काम बंद हो गया और परिवार भूखमरी की स्थिति में आ गया. सरकार ने थड़ी–ठेला चालकों को सहायता पहुंचाने के बड़े–बड़े दावे किये हैं. लेकिन वे दावे जमीनी स्तर पर कितने हवा हवाई हैं. यह इस अमानवीय घटना ने साबित कर दिया है.

जयपुर. आम आदमी पार्टी महिला विंग का आरोप है कि राजस्थान सरकार बेहतर कानून व्यवस्था और गरीबों व जरूरतमंदों को कोरोना काल में मुफ्त भोजन–पानी उपलब्ध करवाने के दावे तो कर रही है लेकिन राज्य की राजधानी में दिनदहाड़े सात माह की भूखी–प्यासी गर्भवती महिला से खाना खिलाने के नाम पर एम्बुलेंस में बलात्कार करने की घटना ने सरकार के दावो की सारी पोल खोल दी है.

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राजस्थान महिला विंगअध्यक्ष कीर्ति पाठक और सचिव चंद्रमुखी रेप्स्वाल ने सयुंक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि यह सात माह की गर्भवती महिला भूख प्यास से तड़पती हुई भोजन की तलाश में राज्य के सबसे बड़े एसएमएस बांगड़ अस्पताल के बाहर घूम रही थी जबकि सरकार गरीबो व जरूरतमंदों को भोजन–पानी उपलब्ध करवाने के बड़े–बड़े दावे कर रही है. सवाल यह है कि जब राज्य के सबसे बड़े अस्पताल के बाहर ही भूखे को भोजन उपलब्ध नहीं है तो फिर यह किसे और कहां पर बंट रहा है.

महिला विंग ने मांग की है कि अपराधियों को कठोर दंड देने के साथ ही सरकार इस पीड़ित परिवार के पुनर्वास की व्यवस्था करे. कानून व्यवस्था को हर स्तर पर चाक चौबंद करे और थड़ी, ठेला चालक, छोटे व्यापारी और खानाबदोश लोगों के लिए भोजन पानी सहित हर संभव वित्तीय मदद करे. जिससे कि भविष्य में फिर ऐसी किसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो.

पीड़िता का पति ठेला चलाता है. लेकिन लॉकडाउन के चलते काम बंद हो गया और परिवार भूखमरी की स्थिति में आ गया. सरकार ने थड़ी–ठेला चालकों को सहायता पहुंचाने के बड़े–बड़े दावे किये हैं. लेकिन वे दावे जमीनी स्तर पर कितने हवा हवाई हैं. यह इस अमानवीय घटना ने साबित कर दिया है.

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