जयपुर. संकट को हरने वाली चतुर्थी सकट चतुर्थी रविवार (31 जनवरी) को है. माघ मास में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को माघी चतुर्थी सकट व्रत रखा जाता है. ऐसे में इस दिन प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेशजी की आराधना करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते है और रिद्धि-सिद्धि के दाता अपने भक्तों की सभी विघ्नों को हर लेते है, इसलिए उपवास रखकर गणपति बप्पा का विशेष पूजन करें.
ज्योतिषाचार्य पंडित प्रेमचंद सेवग ने बताया कि, किसी भी शुभ कार्य का श्रीगणेश करने से पहले भगवान गणेश जी महाराज की आराधना की जाती है. ऐसे में शुभ मुहूर्त में विघ्नहर्ता की विधि-विधान के साथ पूजा करने से सारी इच्छाएं पूरी होती है. वहीं सकट चौथ के दिन 31 जनवरी को 20:40 बजे चंद्रोदय का समय रहेगा और 20:24 बजे से चतुर्थी तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो कि 1 फरवरी को 18: 25 बजे समाप्त होगी.
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इससे पहले शुभ मुहूर्त में विघ्नहर्ता की प्रतिमा के आगे धूप-दीप प्रज्वलित कर ॐ गणेशाय नमः का जाप करें. वही पूजा के बाद भगवान के प्रिय लड्डुओं का भोग लगाएं. साथ ही शाम को व्रत कथा पढ़कर चांद देखकर अपना व्रत का पारण करें और सामर्थ्य के अनुसार लोगों को दान-दक्षिणा जरूर दें. इससे भगवान गणेश प्रसन्न होकर व्रतधारी की सभी मनोकामनाएं पुरी करते है. खासकर सकट चौथ के दिन माताएं अपने संतान की लंबी आयु की कामना के लिए भगवान गणेश की उपासना करती हैं. भगवान श्री गजानंद को समर्पित यह व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है.