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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर दिखा अलग नजारा : सभागार में सम्मान तो बाहर महिलाओं की गुहार, CM ने संविदा कर्मियों की तरफ देखा तक नहीं...

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मंगलवार को अलग ही नजारा देखने को मिला. एक तरफ सीएम गहलोत सभागार में महिलाओं का सम्मान कर रहे थे तो सभागार के बाहर खड़ी महिला नर्सिंग संविदा कर्मी बोनस अंक की गुहार (Womens Plea from Rajasthan CM) लगा रही थी. आलम यह था कि सीएम गहलोत बाहर निकले अब भी इन संविदा कर्मियों की तरफ देखा तक नहीं.

Female Nursing Contract Worker
महिलाओं की गुहार...
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Published : Mar 8, 2022, 4:37 PM IST

Updated : Mar 8, 2022, 7:47 PM IST

जयपुर. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मंगलवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में सीएम गहलोत सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं का सम्मान किया गया. लेकिन खास बात यह थी की जब सीएम गहलोत (CM Gehlot in Jaipur) सभागार के अंदर महिलाओं का सम्मान कर रहे थे, उसी वक्त सभागार के बाहर महिला नर्सिंग संविदा कर्मी सरकार से बोनस अंक की मांग की गुहार लगा रही थी.

ज्ञापन तक नहीं लिया : विरोध कर रही महिला नर्सिंग संविदा अनीता पारीक ने कहा कि हम संविदाकर्मी पिछले 9 दिन से शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं. हमारी पांच बहनें और पांच भाई आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन उसकी कोई खैर खबर नहीं ले रहा. आज यहां पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महिला दिवस पर महिलाओं का सम्मान कर रहे हैं और हम पीड़ित महिलाएं मुख्यमंत्री से मिलने आए, लेकिन हमें मिलने नहीं दिया गया. सुरक्षाकर्मियों ने मिलने रोक लिया.

महिलाओं की गुहार...

पारीक ने कहा कि मेरे हाथ में जो ज्ञापन था उस ज्ञापन को भी नहीं देने दिया गया. अनीता पारीक ने कहा कि जबकि मुख्यमंत्री जी ने सबका धन्यवाद दिया, कोरोना के लिए उन्होंने कहा कि सब लोगों ने समर्थन किया उनका धन्यवाद. लेकिन हम संविदा कर्मचारियों के लिए एक लाइन तक नहीं बोले. अनीता पारीक ने कहा कि हम सीएम गहलोत आवाज लगते रहे, लेकिन उन्होंने हमारी तरफ देखा तक नहीं. यह वही संविदा कर्मी हैं, जिन्होंने कोरोना काल में (Nursing Contract Worker Alleged Gehlot Government) अपनी जान की परवाह किए बगैर सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया.

सीएम तक मांग पहुंचाने आए हैं : अनीता पारीक ने कहा कि हम दो सप्ताह से धरना दे रहे हैं हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही. मुख्यमंत्री तक हम हमारी मांग पहुंचाने के लिए आए थे, लेकिन आज के दिन जिस दिन महिला सम्मान की बात होती, उस दिन भी महिलाएं गुहार लगाती रहीं और सीएम गहलोत ने देखा तक नहीं.

पढ़ें : International Women Day 2022: महिलाओं ने अपनी प्रतिभा, कौशल और जज्बे के दम पर अपना लोहा मनवाया है: CM गहलोत

6952 रुपये से क्या होता है : अनीता पारीक ने कहा कि हम संविदा कर्मचारी का 6952 रुपये का मानदेय मिलता है, इस मानदेय में क्या होता है. सीएम गहलोत कह रहे थे कि महिलाओं की स्थिति को मजबूत करेंगे, क्या इस मानदेय में हमारी स्थिति (Honorarium of Nursing Contract Workers in Rajasthan) मजबूत हो सकती हैं. चिकित्सा मंत्री कहते हैं जो मिल रहा है वो बहुत है. हम उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या इस सैलरी में परिवार का पालन-पोषण किया जा सकता है.

9 दिन से चल रहा धरना : अनीता पारीक ने कहा कि पिछले 9 दिन नर्सिंग संविदा कर्मी शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं. पांच दिन से पांच नर्सिंग महिलाओं सहित 10 संविदा कर्मी अनशन पे बैठे हैं, लेकिन कोई भी उनकी खैर खबर ले रहा. कोई संवाद तक नहीं हो रहा. यह वही संविदा कर्मी हैं, जिन्होंने हमेशा सरकार के निर्देशों पर दिन-रात काम किया है और आज सरकार बात तक नहीं कर रही है.

पढ़ें : राजस्थान में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले: नेता प्रतिपक्ष बोले-50 पॉक्सो कोर्ट में 3 साल में फैसले 129 ही क्यों?

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम : अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिलाओं को अधिक से अधिक आत्मरक्षा कौशल प्रशिक्षण देने की जरूरत बताई. सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने और उनके सशक्तीकरण के लिए कृतसंकल्प है. उन्होंने महिलाओं का आह्वान किया कि वे अन्याय, अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ पूरी ताकत से अपनी आवाज उठाएं. इसके लिए राज्य सरकार उन्हें आत्मरक्षा कौशल देने के लिए किसी प्रकार की धन की कमी नहीं आने देगी.

सीएम गहलोत मंगलवार को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के पर बिड़ला सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान कहा कि इंदिरा महिला शक्ति प्रोत्साहन और सम्मान योजना के तहत उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया. उन्होंने उड़ान योजना के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए पुस्तिका और पोस्टर का विमोचन किया और प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया.

महिलाओं को मिले आत्मरक्षा कौशल : गहलोत ने कहा कि वर्तमान में निर्भया स्क्वाड के माध्यम से शिक्षण संस्थाओं और पुलिस लाइन में महिलाओं के साथ बालिकाओं को आत्मरक्षा कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है. हमारा प्रयास है कि प्रदेश की अधिक से अधिक महिलाएं यह प्रशिक्षण लें.

प्रत्येक महिला और किशोरी तक पहुंचे स्वास्थ्य सुरक्षा का संदेश : मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं और किशोरियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने उड़ान योजना लागू की है. इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से हमारा प्रयास है कि हैल्थ एवं हाईजीन के प्रति जागरूकता का संदेश प्रदेश के गांव-ढाणी में बसी प्रत्येक माता-बहन तक पहुंचे. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनियों, सहायिकाओं, एएनएम, पटवारी सहित सभी की जिम्मेदारी है कि वे इस योजना को निचले स्तर तक सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें और प्रदेश की प्रत्येक महिला और किशोरी तक निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन पहुंचे.

'पैडमैन' से मिली प्रेरणा : मुख्यमंत्री ने कहा कि उड़ान योजना को लागू करने की प्रेरणा मुझे 'पैडमैन' फिल्म से मिली. प्रदेश की आधी आबादी महिलाओं को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ हमारी सरकार ने इसे लागू किया और 200 करोड़ रुपए का प्रावधान गत बजट में किया.

गहलोत ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अशिक्षा और संकोच के कारण हाइजीन से संबंधित समस्याएं किसी से कह नहीं पाती हैं और इस कारण विभिन्न रोगों से ग्रसित हो जाती हैं. यह योजना ऐसी महिलाओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगी. उन्होंने महिलाओं में हाईजीन जैसे अछूते और संवेदनशील विषय को उठाने के लिए पैडमैन फिल्म की विषयवस्तु की सराहना की और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए.

75 हजार बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ा : महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने शत-प्रतिशत अंशदान से महिलाओं के बहुआयामी विकास के लिए एक हजार करोड़ रुपये की इंदिरा महिला शक्ति योजना लागू की है, जिसके जरिए महिलाओं एवं बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने, कौशल विकास के जरिए उन्हें स्वावलंबी बनाने और उद्यमिता विकास जैसी गतिविधियां प्रमुखता से संचालित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण ड्रॉप आउट 75 हजार बालिकाओं को शिक्षा सेतु योजना के जरिए पुनः शिक्षा से जोड़ा गया.

इन्हें किया सम्मानित : जोधपुर की सुशीला बोहरा, जयपुर के आजाद फाउंडेशन प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनिता माथुर, बांसवाड़ा की डॉ. वनिता त्रिवेदी, जैसलमेर की सुनीता चौधरी, जयपुर की नितिषा शर्मा सीकर की किरण निर्मल, बांसवाड़ा की विमला बुनकर, कोटा की संतोष मेवाड़ा, जैसलमेर की मूल कंवर, महिला अधिकारिता विभाग की प्रचेता उच्छव शर्मा, झुंझुनूं जिला कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी, उपनिदेशक महिला अधिकारिता झुंझुनूं विप्लव न्यौला और झुंझुनूं के अग्रणी जिला प्रबंधक रतनलाल वर्मा निर्भया स्क्वाड की नोडल अधिकारी सुनीता मीणा को सम्मानित किया गया.

जयपुर. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मंगलवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में सीएम गहलोत सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं का सम्मान किया गया. लेकिन खास बात यह थी की जब सीएम गहलोत (CM Gehlot in Jaipur) सभागार के अंदर महिलाओं का सम्मान कर रहे थे, उसी वक्त सभागार के बाहर महिला नर्सिंग संविदा कर्मी सरकार से बोनस अंक की मांग की गुहार लगा रही थी.

ज्ञापन तक नहीं लिया : विरोध कर रही महिला नर्सिंग संविदा अनीता पारीक ने कहा कि हम संविदाकर्मी पिछले 9 दिन से शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं. हमारी पांच बहनें और पांच भाई आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन उसकी कोई खैर खबर नहीं ले रहा. आज यहां पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महिला दिवस पर महिलाओं का सम्मान कर रहे हैं और हम पीड़ित महिलाएं मुख्यमंत्री से मिलने आए, लेकिन हमें मिलने नहीं दिया गया. सुरक्षाकर्मियों ने मिलने रोक लिया.

महिलाओं की गुहार...

पारीक ने कहा कि मेरे हाथ में जो ज्ञापन था उस ज्ञापन को भी नहीं देने दिया गया. अनीता पारीक ने कहा कि जबकि मुख्यमंत्री जी ने सबका धन्यवाद दिया, कोरोना के लिए उन्होंने कहा कि सब लोगों ने समर्थन किया उनका धन्यवाद. लेकिन हम संविदा कर्मचारियों के लिए एक लाइन तक नहीं बोले. अनीता पारीक ने कहा कि हम सीएम गहलोत आवाज लगते रहे, लेकिन उन्होंने हमारी तरफ देखा तक नहीं. यह वही संविदा कर्मी हैं, जिन्होंने कोरोना काल में (Nursing Contract Worker Alleged Gehlot Government) अपनी जान की परवाह किए बगैर सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया.

सीएम तक मांग पहुंचाने आए हैं : अनीता पारीक ने कहा कि हम दो सप्ताह से धरना दे रहे हैं हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही. मुख्यमंत्री तक हम हमारी मांग पहुंचाने के लिए आए थे, लेकिन आज के दिन जिस दिन महिला सम्मान की बात होती, उस दिन भी महिलाएं गुहार लगाती रहीं और सीएम गहलोत ने देखा तक नहीं.

पढ़ें : International Women Day 2022: महिलाओं ने अपनी प्रतिभा, कौशल और जज्बे के दम पर अपना लोहा मनवाया है: CM गहलोत

6952 रुपये से क्या होता है : अनीता पारीक ने कहा कि हम संविदा कर्मचारी का 6952 रुपये का मानदेय मिलता है, इस मानदेय में क्या होता है. सीएम गहलोत कह रहे थे कि महिलाओं की स्थिति को मजबूत करेंगे, क्या इस मानदेय में हमारी स्थिति (Honorarium of Nursing Contract Workers in Rajasthan) मजबूत हो सकती हैं. चिकित्सा मंत्री कहते हैं जो मिल रहा है वो बहुत है. हम उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या इस सैलरी में परिवार का पालन-पोषण किया जा सकता है.

9 दिन से चल रहा धरना : अनीता पारीक ने कहा कि पिछले 9 दिन नर्सिंग संविदा कर्मी शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं. पांच दिन से पांच नर्सिंग महिलाओं सहित 10 संविदा कर्मी अनशन पे बैठे हैं, लेकिन कोई भी उनकी खैर खबर ले रहा. कोई संवाद तक नहीं हो रहा. यह वही संविदा कर्मी हैं, जिन्होंने हमेशा सरकार के निर्देशों पर दिन-रात काम किया है और आज सरकार बात तक नहीं कर रही है.

पढ़ें : राजस्थान में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले: नेता प्रतिपक्ष बोले-50 पॉक्सो कोर्ट में 3 साल में फैसले 129 ही क्यों?

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम : अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिलाओं को अधिक से अधिक आत्मरक्षा कौशल प्रशिक्षण देने की जरूरत बताई. सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने और उनके सशक्तीकरण के लिए कृतसंकल्प है. उन्होंने महिलाओं का आह्वान किया कि वे अन्याय, अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ पूरी ताकत से अपनी आवाज उठाएं. इसके लिए राज्य सरकार उन्हें आत्मरक्षा कौशल देने के लिए किसी प्रकार की धन की कमी नहीं आने देगी.

सीएम गहलोत मंगलवार को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के पर बिड़ला सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान कहा कि इंदिरा महिला शक्ति प्रोत्साहन और सम्मान योजना के तहत उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया. उन्होंने उड़ान योजना के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए पुस्तिका और पोस्टर का विमोचन किया और प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया.

महिलाओं को मिले आत्मरक्षा कौशल : गहलोत ने कहा कि वर्तमान में निर्भया स्क्वाड के माध्यम से शिक्षण संस्थाओं और पुलिस लाइन में महिलाओं के साथ बालिकाओं को आत्मरक्षा कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है. हमारा प्रयास है कि प्रदेश की अधिक से अधिक महिलाएं यह प्रशिक्षण लें.

प्रत्येक महिला और किशोरी तक पहुंचे स्वास्थ्य सुरक्षा का संदेश : मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं और किशोरियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने उड़ान योजना लागू की है. इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से हमारा प्रयास है कि हैल्थ एवं हाईजीन के प्रति जागरूकता का संदेश प्रदेश के गांव-ढाणी में बसी प्रत्येक माता-बहन तक पहुंचे. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनियों, सहायिकाओं, एएनएम, पटवारी सहित सभी की जिम्मेदारी है कि वे इस योजना को निचले स्तर तक सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें और प्रदेश की प्रत्येक महिला और किशोरी तक निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन पहुंचे.

'पैडमैन' से मिली प्रेरणा : मुख्यमंत्री ने कहा कि उड़ान योजना को लागू करने की प्रेरणा मुझे 'पैडमैन' फिल्म से मिली. प्रदेश की आधी आबादी महिलाओं को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ हमारी सरकार ने इसे लागू किया और 200 करोड़ रुपए का प्रावधान गत बजट में किया.

गहलोत ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अशिक्षा और संकोच के कारण हाइजीन से संबंधित समस्याएं किसी से कह नहीं पाती हैं और इस कारण विभिन्न रोगों से ग्रसित हो जाती हैं. यह योजना ऐसी महिलाओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगी. उन्होंने महिलाओं में हाईजीन जैसे अछूते और संवेदनशील विषय को उठाने के लिए पैडमैन फिल्म की विषयवस्तु की सराहना की और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए.

75 हजार बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ा : महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने शत-प्रतिशत अंशदान से महिलाओं के बहुआयामी विकास के लिए एक हजार करोड़ रुपये की इंदिरा महिला शक्ति योजना लागू की है, जिसके जरिए महिलाओं एवं बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने, कौशल विकास के जरिए उन्हें स्वावलंबी बनाने और उद्यमिता विकास जैसी गतिविधियां प्रमुखता से संचालित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण ड्रॉप आउट 75 हजार बालिकाओं को शिक्षा सेतु योजना के जरिए पुनः शिक्षा से जोड़ा गया.

इन्हें किया सम्मानित : जोधपुर की सुशीला बोहरा, जयपुर के आजाद फाउंडेशन प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनिता माथुर, बांसवाड़ा की डॉ. वनिता त्रिवेदी, जैसलमेर की सुनीता चौधरी, जयपुर की नितिषा शर्मा सीकर की किरण निर्मल, बांसवाड़ा की विमला बुनकर, कोटा की संतोष मेवाड़ा, जैसलमेर की मूल कंवर, महिला अधिकारिता विभाग की प्रचेता उच्छव शर्मा, झुंझुनूं जिला कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी, उपनिदेशक महिला अधिकारिता झुंझुनूं विप्लव न्यौला और झुंझुनूं के अग्रणी जिला प्रबंधक रतनलाल वर्मा निर्भया स्क्वाड की नोडल अधिकारी सुनीता मीणा को सम्मानित किया गया.

Last Updated : Mar 8, 2022, 7:47 PM IST
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