जयपुर. गोर गोर गोमती ईसर पूजे पार्वती... राजधानी में शुक्रवार को एक बार फिर हर घर से ये ध्वनि सुनाई दी. चैत्र शुक्ल तृतीया पर गणगौर का पर्व पूरे उत्तर भारत में मनाया जाता है, लेकिन जयपुर में इसकी एक अलग शानो शौकत है. इस दिन सुबह महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुख समृद्धि के लिए गणगौर की पूजा करती हैं. वहीं शाम को जयपुर के त्रिपोलिया गेट से पारंपरिक गणगौर माता की सवारी अपने लवाजमे के साथ निकाली जाती है.
बता दें कि इस बार लॉक डाउन के चलते नजारा कुछ और ही है. इस बार गणगौर की प्रसिद्ध सवारी नहीं निकलेगी. यही नहीं कोरोना संक्रमण से बचने के लिए महिलाएं समूह में गणगौर पूजन करने से भी बचती दिखी. कुछ ने वीडियो कॉलिंग का सहारा लिया, तो कुछ ने अकेले माता गणगौर का पूजन किया.
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हालांकि परकोटा क्षेत्र में महिलाओं ने एक बार फिर परंपरा का निर्वहन किया, लेकिन इसमें सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया. महिलाओं ने पूजन से पहले हाथों को सैनिटाइज करने से लेकर, पूजन के दौरान 1 मीटर की दूरी बनाए रखी. यही नहीं पूजन के बाद सूर्य को अर्घ्य देते समय भी सावधानी बरती गई.
इस दौरान खास बात ये रही कि लॉक डाउन के चलते महिलाएं घरों से बाहर ईसर गणगौर खरीदने नहीं जा पाई. महिलाओं ने घर पर ही मिट्टी की गणगौर बनाई और इसके बाद पाटे पर रख कर पूजा अर्चना की. बता दें कि गणगौर माता को घेवर के बजाय पूए और हलवे का भोग लगाया.