जयपुर. लॉकडाउन के चलते राजस्थान हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. वहीं पारिवारिक अदालतों में तो काम पूरी तरह बंद है. जिसके चलते उन महिलाओं की परेशानियां बढ़ गई हैं, जो गुजारे भत्ते से अपना और अपने बच्चों का पेट पाल रही हैं.
कोर्ट बंद होने से इन महिलाओं को मिलने वाले मासिक गुजारा भत्ता के चेक भी ताले में बंद होकर रह गए हैं. दरअसल, अदालतों ने जिन मामलों में महिलाओं का गुजारा भत्ता तय कर रखा है, उस राशि की कटौती संबंधित महिला के पति के वेतन से कटकर चेक के जरिए सीधे कोर्ट में आती है.
महिलाएं कोर्ट से ही चेक लेकर उन्हें कैश करवाती हैं. लेकिन अब अदालत बंद होने के कारण इन महिलाओं के चेक अटक कर रह गए हैं. लॉकडाउन के चलते उन लोगों को भी समस्या हो रही है जो, आपसी सहमति से तलाक लेना चाहते हैं.
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दरअसल, रजामंदी से तलाक लेने के लिए पति-पत्नी संयुक्त रूप से फैमिली कोर्ट में विवाह विच्छेद का प्रार्थना पत्र पेश करते हैं. जिस पर अदालत दोनों को कुछ समय देने के बाद तलाक की डिग्री जारी करती है. हाल ही में पूर्व राजपरिवार की सदस्य और सांसद दीया कुमारी ने भी इसी तरह तलाक लिया था. इस संबंध में बार एसोसिएशन की ओर से मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन देकर समस्या का निदान करने की गुहार भी की जा चुकी है.