जयपुर. सेंट्रल जेल में अब कुख्यात अपराधियों के बीच महिला प्रहरी सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी. इसे लेकर डीजी (जेल) एनआरके रेड्डी ने आदेश भी जारी कर दिए हैं. आदेश में मुख्य रूप से 4 बिंदुओं को ध्यान में रखा गया है. जिसमें कारागार की गश्त, ड्यूटी रोटेशन, निगरानी, इमरजेंसी कंडिशन को ध्यान में रखा गया है. जिसके बाद अब महिला प्रहरियों की ड्यूटी रात 8 बजे से लेकर अलसुबह 4 बजे तक रहेगी.
फिलहाल आदेश के अनुसार केंद्रीय कारागृह में महिला जेल प्रहरियों की तैनाती रात्रि से अलसुबह तक ही रहेगी. जिसमें खासतौर पर सभी बंदियों को कारागार अधिकारी व पुरुष प्रहरी शाम 7.45 बजे बैरक व बाड़ों में बंद करेंगे. उसके बाद फिर रिचेकिंग होगी कि सभी कुख्यात अपराधी कैद कर दिए गए हैं. इसके बाद रात 8 बजे से महिला प्रहरी को कारागार के अंदर ड्यूटी के लिए तैनात किया जाएगा. जो कि अलसुबह 4 बजे तक कुख्यात बंदियों के बीच सुरक्षा की कमान संभालेगी.
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उसके बाद अलसुबह बंदियों को बैरक व बाड़े से बाहर निकालने से पहले महिला प्रहरियों को जेल से बाहर करना होगा. उसके बाद ही अपराधियों को बैरक से बाहर निकाला जाएगा. वहीं रात्रि के समय क्यूआरटी की एक टीम भी कारागार के मुख्य गेट पर तैनात रहेगी. जो रात्रि के समय जेल के अंदर बंदियों में झगड़ा होने या किसी कैदी के बीमार होने जैसी आपात स्थिति में जेल के भीतर क्यूआरटी टीम जाएगी और आवश्यक कार्रवाई करेगी. इस टीम में इंचार्ज सहित 4 पुरुष प्रहरी व एक महिला प्रहरी की ड्यूटी रहेगी.
हालांकि, अभी सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और रविवार को प्रायोगिक तौर पर ड्यूटी में यह बदलाव किया गया है. महिला प्रहरियों की अधिकतर नियुक्तियां सेंट्रल जेलों पर हुई है. इसके फलस्वरूप वहां के स्वीकृत स्टाफ में इनका हिस्सा 33 प्रतिशत या इससे अधिक हो गया है. जिससे पुरुष प्रहरियों का 66 प्रतिशत या इससे कम हो गया है. इसका मतलब तीनों शिफ्ट की ड्यूटी के लिए पुरुष प्रहरी स्टाफ की कमी हो रही है. इसके अलावा कार्यालय व अन्य जगह ड्यूटी लगाने के बाद भी महिला प्रहरियों की ड्यूटी का अधिकतम उपयोग नहीं हो पा रहा है. इसके कारण केंद्रीय कारागृहों पर प्रहरियों व मुख्य प्रहरियों की ड्यूटी लगाने का निर्णय लिया गया है.