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एएनएम भर्ती-2018 : अधिक अंक के बावजूद एमबीसी उम्मीदवारों को सामान्य वर्ग में क्यों नहीं दी नियुक्तियां- हाईकोर्ट

एएनएम भर्ती परीक्षा 2018 में सामान्य वर्ग से अधिक अंक लाने के बावजूद भी सामान्य श्रेणी के तहत नियुक्ति नहीं देने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई की. हाईकोर्ट ने इस मामले में चिकित्सा विभाग से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court, राजस्थान हाईकोर्ट
High Court ANM recruitment-2018
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Published : Jan 4, 2020, 8:16 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एएनएम भर्ती-2018 में एमबीसी वर्ग के उम्मीदवारों की ओर से सामान्य वर्ग से अधिक अंक लाने के बावजूद उन्हें सामान्य वर्ग में नियुक्ति नहीं देने पर चिकित्सा विभाग से जवाब मांगा है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश मनीषा बाई की याचिका पर दिए.

अधिक अंक के बावजूद एमबीसी उम्मीदवारों को सामान्य वर्ग में क्यों नहीं दी नियुक्तियां : हाईकोर्ट

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने एएनएम के 4 हजार 965 पदों के लिए गत वर्ष 18 जून को भर्ती निकाली थी. इसमें 48 पद एमबीसी वर्ग के लिए आरक्षित रखे गए थे. वहीं भर्ती में एमबीसी वर्ग की 19 महिला अभ्यर्थी ऐसी हैं, जिनके अंक सामान्य वर्ग से अधिक हैं. इसके बावजूद उन्हें सामान्य वर्ग में ना मानकार एमबीसी वर्ग में ही माना जा रहा है.

पढे़ंः कम्प्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में शिक्षा सचिव को अदालत में पेश होने के आदेश

जिसके चलते याचिकाकर्ता का एमबीसी वर्ग में चयन नहीं हो पा रहा. याचिका में कहा गया कि नियमानुसार यदि आरक्षित वर्ग का उम्मीदवार सामान्य से अधिक अंक लाता है तो उसे सामान्य वर्ग के पद पर नियुक्ति दी जाती है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एएनएम भर्ती-2018 में एमबीसी वर्ग के उम्मीदवारों की ओर से सामान्य वर्ग से अधिक अंक लाने के बावजूद उन्हें सामान्य वर्ग में नियुक्ति नहीं देने पर चिकित्सा विभाग से जवाब मांगा है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश मनीषा बाई की याचिका पर दिए.

अधिक अंक के बावजूद एमबीसी उम्मीदवारों को सामान्य वर्ग में क्यों नहीं दी नियुक्तियां : हाईकोर्ट

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने एएनएम के 4 हजार 965 पदों के लिए गत वर्ष 18 जून को भर्ती निकाली थी. इसमें 48 पद एमबीसी वर्ग के लिए आरक्षित रखे गए थे. वहीं भर्ती में एमबीसी वर्ग की 19 महिला अभ्यर्थी ऐसी हैं, जिनके अंक सामान्य वर्ग से अधिक हैं. इसके बावजूद उन्हें सामान्य वर्ग में ना मानकार एमबीसी वर्ग में ही माना जा रहा है.

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जिसके चलते याचिकाकर्ता का एमबीसी वर्ग में चयन नहीं हो पा रहा. याचिका में कहा गया कि नियमानुसार यदि आरक्षित वर्ग का उम्मीदवार सामान्य से अधिक अंक लाता है तो उसे सामान्य वर्ग के पद पर नियुक्ति दी जाती है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

Intro:बाईट- याचिकाकर्ता के वकील रामप्रताप सैनी


जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एएनएम भर्ती-2018 में एमबीसी वर्ग के उम्मीदवारों की ओर से सामान्य वर्ग से अधिक अंक लाने के बावजूद उन्हें सामान्य वर्ग में नियुक्ति नहीं देने पर चिकित्सा विभाग से जवाब मांगा है। न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश मनीषा बाई की याचिका पर दिए।Body:याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने एएनएम के 4 हजार 965 पदों के लिए गत वर्ष 18 जून को भर्ती निकाली थी। इसमें 48 पद एमबीसी वर्ग के लिए आरक्षित रखे गए थे। वहीं भर्ती में एमबीसी वर्ग की 19 महिला अभ्यर्थी ऐसी हैं, जिनके अंक सामान्य वर्ग से अधिक हैं। इसके बावजूद उन्हें सामान्य वर्ग में ना मानकार एमबीसी वर्ग में ही माना जा रहा है। जिसके चलते याचिकाकर्ता का एमबीसी वर्ग में चयन नहीं हो पा रहा। याचिका में कहा गया कि नियमानुसार यदि आरक्षित वर्ग का उम्मीदवार सामान्य से अधिक अंक लाता है तो उसे सामान्य वर्ग के पद पर नियुक्ति दी जाती है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।Conclusion:
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