जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शनिवार को कार्मिक सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी किया. जिसमें पूछा गया कि वैवाहिक मतभेदों के चलते विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र नहीं बनने पर याचिकाकर्ता को कनिष्ठ लेखाकर पद पर नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही है? साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता के लिए एक पद सुरक्षित रखने का निर्देश दिया.
न्यायाधीश अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश सुमन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. याचिका में अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया और हिमांशु ठोलिया ने अदालत को बताया कि कनिष्ठ लेखाकार भर्ती 2015 के लिए आवेदन करते समय याचिकाकर्ता अविवाहित थी. लेकिन बाद में उसका विवाह हो गया. विवाह के बाद आए परिणाम में उसका चयन भी हो गया. वहीं दूसरी ओर याचिकाकर्ता ने दहेज प्रताड़ना को लेकर ससुराल पक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी. जिसमें आरोप पत्र भी पेश हो गया.
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याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार उसे विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र के अभाव में नियुक्ति नहीं दे रही है. साथ ही मुकदमे के चलते पति विवाह पंजीयन आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर ही नहीं कर रहा है. ऐसे में उसे विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र की छूट देते हुए नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए एक पद याचिकाकर्ता के लिए सुरक्षित रखने का आदेश दिया है.