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पट्टेशुदा जमीन पर काबिजों को अतिक्रमणी बताकर क्यों की जा रही है हटाने की कार्रवाई : हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने आवासन मंडल की इंदिरा आवासीय योजना के पास पंचायत की पट्टेशुदा जमीन पर काबिजों को अतिक्रमणी बताकर नोटिस जारी करने पर यूडीएच सचिव, आवासन मंडल और जेडीए सहित अन्य को नोटिस जारी किए हैं.

Rajasthan High Court news ,. पट्टेशुदा जमीन पर काबिजों को अतिक्रमणी बताने पर नोटिस
यूडीएच सचिव, आवासन मंडल और जेडीए सहित अन्य को नोटिस
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Published : Feb 4, 2021, 11:10 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आवासन मंडल की इंदिरा आवासीय योजना के पास पंचायत की पट्टेशुदा जमीन पर काबिजों को अतिक्रमणी बताकर नोटिस जारी करने पर यूडीएच सचिव, आवासन मंडल और जेडीए सहित अन्य को नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश लक्ष्मीनारायाण व अन्य की याचिका पर दिए.

यूडीएच सचिव, आवासन मंडल और जेडीए सहित अन्य को नोटिस

याचिका में अधिवक्ता एसडी खासपुरिया ने अदालत को बताया कि इंदिरा गांधी आवासीय योजना के सेक्टर एक और दो के बीच स्थित इस भूमि पर याचिकाकर्ता कई दशकों से रह रहे हैं. राज्य सरकार ने वर्ष 1972 में इस भूमि को पंचायत के अधीन कर दी. वहीं पंचायत ने इसे आबादी भूमि घोषित कर पट्टे जारी कर दिए. याचिका में कहा गया कि वर्ष 1996 में इंदिरा आवासीय योजना के लिए इस भूमि को अवाप्त करने का दावा किया जा रहा है. जबकि नक्शे में यह आदर्श बस्सी के रूप में दिखाई गई है. वहीं गत 3 नवंबर को आवासन मंडल याचिकाकर्ता सहित अन्य निवासियों को अतिक्रमणी बताकर यहां से हटने के नोटिस जारी कर दिए.

पढ़ें: Rajasthan Highcourt ने मृत कांस्टेबल के परिजनों को पेंशन परिलाभ जारी करने के आदेश दिए

याचिका में गुहार की गई है कि याचिकाकर्ताओं को कोई अवार्ड राशि नहीं दी गई है और जमीन पर दशकों से उनका कब्जा भी बरकरार है. ऐसे में उन्हें समान विकसित स्थान पर दूसरी जमीन आवंटित करने पर ही यहां से हटाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आवासन मंडल की इंदिरा आवासीय योजना के पास पंचायत की पट्टेशुदा जमीन पर काबिजों को अतिक्रमणी बताकर नोटिस जारी करने पर यूडीएच सचिव, आवासन मंडल और जेडीए सहित अन्य को नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश लक्ष्मीनारायाण व अन्य की याचिका पर दिए.

यूडीएच सचिव, आवासन मंडल और जेडीए सहित अन्य को नोटिस

याचिका में अधिवक्ता एसडी खासपुरिया ने अदालत को बताया कि इंदिरा गांधी आवासीय योजना के सेक्टर एक और दो के बीच स्थित इस भूमि पर याचिकाकर्ता कई दशकों से रह रहे हैं. राज्य सरकार ने वर्ष 1972 में इस भूमि को पंचायत के अधीन कर दी. वहीं पंचायत ने इसे आबादी भूमि घोषित कर पट्टे जारी कर दिए. याचिका में कहा गया कि वर्ष 1996 में इंदिरा आवासीय योजना के लिए इस भूमि को अवाप्त करने का दावा किया जा रहा है. जबकि नक्शे में यह आदर्श बस्सी के रूप में दिखाई गई है. वहीं गत 3 नवंबर को आवासन मंडल याचिकाकर्ता सहित अन्य निवासियों को अतिक्रमणी बताकर यहां से हटने के नोटिस जारी कर दिए.

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याचिका में गुहार की गई है कि याचिकाकर्ताओं को कोई अवार्ड राशि नहीं दी गई है और जमीन पर दशकों से उनका कब्जा भी बरकरार है. ऐसे में उन्हें समान विकसित स्थान पर दूसरी जमीन आवंटित करने पर ही यहां से हटाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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