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राजस्थान में कौन होगा सरकार का चेहरा, गुजरात में क्या होगा कांग्रेस का भविष्य? बगावत के बाद नए समीकरण की तलाश - Sachin Pilot name in CM race

राजस्‍थान में फिलहाल सियासी संकट नजर आ रहा है. इस बीच राजस्‍थान में सरकार के नए चेहरे (New face of Rajasthan CM) पर को कयास लगाए जा रहे हैं. नए चेहरे के रूप में सचिन पायलट होंगे, या फिर कोई नेता. राजस्‍थान की स्थिति से गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर भी पार्टी की स्थिति साफ नहीं है. इस रिपोर्ट में देखिए क्‍या बन रहे हैं समीकरण...

Who will be new face of Rajasthan CM, what will be new strategy, read this report
राजस्थान में कौन होगा सरकार का चेहरा, गुजरात में क्या होगा कांग्रेस का भविष्य? बगावत के बाद नए समीकरण की तलाश
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Published : Sep 26, 2022, 4:26 PM IST

जयपुर. इस साल के आखिर में राजस्थान के पड़ोसी राज्य गुजरात में विधानसभा चुनाव होने के आसार हैं. गुजरात के लिए कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान कांग्रेस के नेताओं को जिम्मेदारी सौंप रखी है. प्रभारी के तौर पर मंत्री रहे वरिष्ठ नेता रघु शर्मा गुजरात में कांग्रेस की रणनीति बनाने के लिए चाणक्य की भूमिका में मौजूद हैंं, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इतिहास के तजुर्बे को समझकर गुजरात चुनाव में सक्रिय भूमिका के साथ अपना रोल अदा कर रहे हैं. इस बीच गुजरात में भी कांग्रेस के नेता फिलहाल अनिश्चितता के दौर से गुजर सकते हैं. उसकी अहम वजह राजस्थान का सियासी संकट नजर आ रहा है. जहां अशोक गहलोत बतौर सीएम अपनी कुर्सी को कायम रखने के लिए बगावत का इजहार कर चुके हैं, तो रघु शर्मा भी अपनी सरकार को कायम रखने के लिए राजस्थान में ही जमे हुए हैं. ऐसे में अगर दोनों प्रमुख नेताओं की मसरूफियत राजस्थान में ही रहती है, तो फिर गुजरात में कांग्रेस का क्या होगा और कैसे पार्टी का भला होगा? स्थानीय नेता इस बात को लेकर भी परेशान हैं.


राजस्थान में अब किसका होगा चेहरा?: गुजरात वाली स्थिति कमोबेश राजस्थान में भी है. आलाकमान की नाराजगी वाले रुख की खबरों के बीच राजस्थान में कौन सरकार का चेहरा (New face of Rajasthan CM) होगा और संगठन में तब्दीलियां होने पर किसे कमान सौंपी जाएगी?, इस बात को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. जिस तरह से सचिन पायलट को लेकर मुखालफत सामने आई है, तो पायलट की राह राजस्थान में बतौर सरकार के मुखिया आसान नहीं होगी. वहीं खुलकर गहलोत के समर्थन में खड़े पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी किस पद पर नवाजा जाएगा, यह कहना फिलहाल और मुश्किल हो चुका है.

पढ़ें: माकन-खड़गे सोनिया गांधी को सौंपेंगे राजस्थान की रिपोर्ट, दिल्ली में होगा मुलाकातों का दौर तेज

बीती रात जयपुर में जो कुछ हुआ, उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की भूमिका भी आलाकमान की नजर में संदिग्ध होती दिख रही है. लिहाजा किस चेहरे पर पार्टी की तरफ से दांव लगाया जा सकता है, यह भी सवाल अहम होगा. जिसमें पार्टी बाड़ेबंदी में रहे 102 विधायकों में से किस जाट, ब्राह्मण, राजपूत और दलित या महिला के चेहरे पर अब फोकस कर सकती है.

पढ़ें: विधायकों की पैरलल मीटिंग को माकन ने अनुशासनहीनता बताया, गहलोत पर भी उठाए सवाल

माना जा रहा है कि एक मुख्यमंत्री, दो उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के चेहरे के बीच सारी कवायद गांधी परिवार के विश्वस्त और करीबी रहे डॉ बीडी कल्ला, सियासी संकट के बीच बिचौलिये की भूमिका में सक्रिय दिख रहे प्रताप सिंह खाचरियावास, पंजाब के प्रभारी रहे हरीश चौधरी और रघु शर्मा जैसे नेताओं आने वाले वक्त में राजस्थान में किसी नए रोल में भी देखा जा सकता है. इसी तरह से दलित नेता के रूप में गोविंद राम मेघवाल और टीकाराम जूली के साथ ही महिला कांग्रेस की मुखिया रही और तीन बार की विधायक शकुंतला रावत और ममता भूपेश पर भी नजर टिकी होगी.

पढ़ें: मध्यावधि चुनाव की ओर बढ़ता राजस्थान!...संकट में कांग्रेस सरकार

गहलोत की भूमिका पर भी होंगे सवाल: जिस तरह से गुजरात में कांग्रेस को राजस्थान में सरकार को लेकर तस्वीर का रुख धुंधला हो चला है, उसी तर्ज पर अशोक गहलोत की भावी भूमिका भी फिलहाल संदेह के दायरे में (Gehlot position after Raj political crisis) है. इस बगावत के बाद यह आसार भी अब मुश्किल हो चले हैं कि अशोक गहलोत हो कांग्रेस आलाकमान राष्ट्रीय अध्यक्ष की भूमिका पर देखना चाहेगा और राजस्थान में विरोध के स्वर के बीच सरकार के मुखिया के तौर पर भी गहलोत का होना फिलहाल मुश्किल ही है.

जयपुर. इस साल के आखिर में राजस्थान के पड़ोसी राज्य गुजरात में विधानसभा चुनाव होने के आसार हैं. गुजरात के लिए कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान कांग्रेस के नेताओं को जिम्मेदारी सौंप रखी है. प्रभारी के तौर पर मंत्री रहे वरिष्ठ नेता रघु शर्मा गुजरात में कांग्रेस की रणनीति बनाने के लिए चाणक्य की भूमिका में मौजूद हैंं, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इतिहास के तजुर्बे को समझकर गुजरात चुनाव में सक्रिय भूमिका के साथ अपना रोल अदा कर रहे हैं. इस बीच गुजरात में भी कांग्रेस के नेता फिलहाल अनिश्चितता के दौर से गुजर सकते हैं. उसकी अहम वजह राजस्थान का सियासी संकट नजर आ रहा है. जहां अशोक गहलोत बतौर सीएम अपनी कुर्सी को कायम रखने के लिए बगावत का इजहार कर चुके हैं, तो रघु शर्मा भी अपनी सरकार को कायम रखने के लिए राजस्थान में ही जमे हुए हैं. ऐसे में अगर दोनों प्रमुख नेताओं की मसरूफियत राजस्थान में ही रहती है, तो फिर गुजरात में कांग्रेस का क्या होगा और कैसे पार्टी का भला होगा? स्थानीय नेता इस बात को लेकर भी परेशान हैं.


राजस्थान में अब किसका होगा चेहरा?: गुजरात वाली स्थिति कमोबेश राजस्थान में भी है. आलाकमान की नाराजगी वाले रुख की खबरों के बीच राजस्थान में कौन सरकार का चेहरा (New face of Rajasthan CM) होगा और संगठन में तब्दीलियां होने पर किसे कमान सौंपी जाएगी?, इस बात को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. जिस तरह से सचिन पायलट को लेकर मुखालफत सामने आई है, तो पायलट की राह राजस्थान में बतौर सरकार के मुखिया आसान नहीं होगी. वहीं खुलकर गहलोत के समर्थन में खड़े पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी किस पद पर नवाजा जाएगा, यह कहना फिलहाल और मुश्किल हो चुका है.

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बीती रात जयपुर में जो कुछ हुआ, उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की भूमिका भी आलाकमान की नजर में संदिग्ध होती दिख रही है. लिहाजा किस चेहरे पर पार्टी की तरफ से दांव लगाया जा सकता है, यह भी सवाल अहम होगा. जिसमें पार्टी बाड़ेबंदी में रहे 102 विधायकों में से किस जाट, ब्राह्मण, राजपूत और दलित या महिला के चेहरे पर अब फोकस कर सकती है.

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माना जा रहा है कि एक मुख्यमंत्री, दो उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के चेहरे के बीच सारी कवायद गांधी परिवार के विश्वस्त और करीबी रहे डॉ बीडी कल्ला, सियासी संकट के बीच बिचौलिये की भूमिका में सक्रिय दिख रहे प्रताप सिंह खाचरियावास, पंजाब के प्रभारी रहे हरीश चौधरी और रघु शर्मा जैसे नेताओं आने वाले वक्त में राजस्थान में किसी नए रोल में भी देखा जा सकता है. इसी तरह से दलित नेता के रूप में गोविंद राम मेघवाल और टीकाराम जूली के साथ ही महिला कांग्रेस की मुखिया रही और तीन बार की विधायक शकुंतला रावत और ममता भूपेश पर भी नजर टिकी होगी.

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गहलोत की भूमिका पर भी होंगे सवाल: जिस तरह से गुजरात में कांग्रेस को राजस्थान में सरकार को लेकर तस्वीर का रुख धुंधला हो चला है, उसी तर्ज पर अशोक गहलोत की भावी भूमिका भी फिलहाल संदेह के दायरे में (Gehlot position after Raj political crisis) है. इस बगावत के बाद यह आसार भी अब मुश्किल हो चले हैं कि अशोक गहलोत हो कांग्रेस आलाकमान राष्ट्रीय अध्यक्ष की भूमिका पर देखना चाहेगा और राजस्थान में विरोध के स्वर के बीच सरकार के मुखिया के तौर पर भी गहलोत का होना फिलहाल मुश्किल ही है.

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