जयपुर. सर्दियां शुरू हो चुकी हैं और इस कड़ाके की ठंड में लोग अक्सर नहाने के लिए गर्म पानी का उपयोग करते हैं. ऐसे में नहाने के पानी का तापमान कितना होना चाहिए यह जानना बेहद जरूरी है. क्योंकि आमतौर पर कुछ लोग जरूरत से ज्यादा गर्म पानी का उपयोग नहाने के लिए करते हैं, जिसके चलते हेल्थ या स्किन को नुकसान पहुंच सकता है.
जानें एक्सपर्ट की राय
सर्दियों के मौसम में जब आलस शरीर का साथ न छोड़े तो ऐसा लगता है कि गर्म पानी से नहाकर इसे भगाया जा सकता है. ऐसे में ठंड में गर्म पानी से नहाना भले ही आपको आलस दूर करने का आसान तरीका लगता हो, लेकिन कई नुकसान भी हो सकते हैं.
यूं तो हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में अधिकतर लोग गर्म पानी से नहाते हैं, लेकिन एक्सपर्ट बताते हैं कि पानी का तापमान शरीर के तापमान के हिसाब से होना चाहिए. ऐसे में अगर हम गीजर, लकड़ी के चूल्हे, गैस, रॉड और हीटर के माध्यम से पानी गर्म करके नहा रहे हैं तो उस गर्म पानी का तापमान हमारे शरीर के तापमान से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इससे ज्यादा गर्म पानी से नहाएंगे तो यह त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है.
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सर्दी के दिनों में ठंडे पानी से परहेज आप भी करते ही होंगे, लेकिन क्या आप जानते है कि गुनगुने या हल्के गर्म पानी से नहाना न केवल आपको ठंड से बचाता है, बल्कि सेहत से जुड़े फायदे भी देता है. जयपुर के रहने वाले जगदीश ए. पंचारिया बताते हैं कि सर्दी के आते ही गर्म पानी अच्छा लगता है, क्योंकि हर व्यक्ति सर्दी में खासकर गर्माहट महसूस करना चाहता है. तो ऐसे में घरों में लगे गीजर और रॉड से पानी गर्म करके स्नान करना आम बात है. इससे शरीर में अच्छी एनर्जी का संचार होता है. हालांकि कई बार ज्यादा गर्म पानी से स्नान करने पर त्वचा में खुजली महसूस होती है. बहुत ज्यादा गर्म पानी हमारे शरीर के किए ठीक नहीं है.
गर्म पानी पीने के भी कई लाभ हैं. खासतौर से कोरोना संक्रमण से बचाव में भी लोग निरंतर ठंडे पानी से परहेज कर रहे हैं. इसलिए गर्म पानी पीने से बॉडी के तंत्र एक्टिव हो जाते हैं तो उसमें गर्म पानी कही न कही फायदा पहुंचाता है. वहीं, आजकल घरों की टंकियों में पानी स्टोर रहता है, जो पड़ा रहने से ज्यादा ठंडा हो जाता है, तो उस परिस्थिति में गर्म पानी करके नहाना चाहिए. हालांकि पहले गांवों के तालाबों, बावड़ियों में प्राकृतिक पानी जमा होता था. उससे स्नान करने में समस्या नहीं होती थी, लेकिन शहरों में ये सब कुछ नहीं है. इसलिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और गैस के माध्यम से पानी गर्म किया जाता है.
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डॉ. सुनील के अनुसार टंकियों में पानी दिन-रात इकट्ठा रहने से रात के तामपान में काफी ठंडा और जमाव बिंदु तक पहुंच जाता है. अगर ऐसे पानी से स्नान करते हैं और सीधा सिर के ऊपर डालते हैं तो कई बार ब्लड का फ्लो ब्रेन तक कम हो जाता है. जिसकी वजह से स्ट्रोक या ब्रेन हैमरेज भी हो सकता है. इसके अलावा जिन लोगों को सांस की तकलीफ है और अस्थमा के मरीज हैं या फिर सीओपीडी के पेशेंट हैं और वे एकदम ठंडे पानी से स्नान करते हैं तो सांस की तकलीफ बढ़ाने की संभावना बढ़ जाती है. यहां तक कि कई बार देखने को मिलता है कि बाथरूम में ही ऐसे रोगियों की मौत हो जाती है.
कहने का अर्थ है कि सर्दियां शुरू हो चुकी हैं तो पानी का तामपान शरीर के तापमान के इर्दगिर्द रखा जाना बेहतर होगा. या फिर शरीर के तापमान से थोड़ा सा ऊपर भी चलेगा. लेकिन उबलते हुए पानी से नहीं नहाएं. क्योंकि नहाने में ज्यादा गर्म पानी का उपयोग करने से त्वचा की नमी काफी हद तक कम हो जाती है. जिससे खुजली जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में इलेक्ट्रिक उपकरणों से गर्म किए पानी के तापमान पर अब नजर रखना शुरू कर दीजिए.