जयपुर. राजस्थान में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए गहलोत सरकार ने धारा 144 की अवधि को 1 महीने के लिए बढ़ा दिया है. अब 21 जून तक धारा 144 प्रभावी रहेगी. धारा 144 की अवधि 21 मई को समाप्त हो रही थी. राज्य के गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं.
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क्या है धारा-144 और कब लगाई जाती है?
किसी तरह के सुरक्षा, स्वास्थ्य संबंधित खतरे या दंगे की आशंका होने पर धारा 144 शांति कायम करने या किसी आपात स्थिति से बचने के लिए लगाई जाती है. धारा-144 जहां लगती है, उस इलाके में 5 या उससे ज्यादा आदमी एक साथ जमा नहीं हो सकते हैं.
धारा-144 लागू करने के लिए कलेक्टर नोटिफिकेशन जारी करते हैं. धारा 144 लागू होने के बाद इंटरनेट सेवाओं को भी आम पहुंच से ठप किया जा सकता है. उस इलाके में हथियार ले जाने पर भी पाबंदी होती है.
कब तक लग सकती है धारा-144?
धारा-144 को 2 महीने से ज्यादा समय तक नहीं लगाया जा सकता है. अगर राज्य सरकार को लगता है कि इंसानी जीवन को खतरा टालने या फिर किसी दंगे को टालने के लिए इसकी जरूरत है तो इसकी अवधि को बढ़ाया जा सकता है लेकिन इस स्थिति में भी धारा-144 लगने की शुरुआती तारीख से 6 महीने से ज्यादा समय तक इसे नहीं लगाया जा सकता है.
सजा का प्रावधान
- गैर कानूनी तरीके से जमा होने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ दंगे में शामिल होने के लिए केस दर्ज किया जा सकता है.
- अधिकतम 3 साल कैद की सजा हो सकती है.
धारा-144 और कर्फ्यू के बीच फर्क
- सेक्शन 144 और कर्फ्यू एक जैसे नहीं हैं. कर्फ्यू बहुत ज्यादा खराब हालत में लगाया जाता है.
- कर्फ्यू में लोगों को एक खास समय या अवधि तक घरों के अंदर रहने का निर्देश दिया जाता है.
- मार्केट, स्कूल, कॉलेज को बंद करने का आदेश दिया जाता है.
- सिर्फ जरूरी सेवाओं को ही चालू रखने की परमिशन दी जाती है.
- ट्रैफिक पर भी पूरी तरह से पाबंदी रहती है.