जयपुर. 8 मार्च को महिला दिवस (International Women Day 2022) के रूप में मनाया जाता है और प्रदेश में राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष पद संभाल रही रेहाना रियाज का कहना है कि सिर्फ एक दिन महिला दिवस मना कर हम महिलाओं का सम्मान नहीं कर सकते. समाज में महिलाओं का दर्जा हमेशा बराबर का रहा है. यदि कोई यह सोचता है कि वह महिलाओं का अपमान या अत्याचार करके बच जाएगा तो उसकी सोच गलत है.
महिलाओं के अस्तित्व के बिना समाज हमेशा से अधूरा: महिला दिवस के मौके पर रेहाना रियाज ने कहा कि महिलाओं को समाज में बराबर का दर्जा दिलाना हर समाज का पहला दायित्व होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज उन्हें राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद का दायित्व मिला है तो निश्चित तौर पर एक महिला होने के नाते महिलाओं की सुरक्षा उनका पहला काम है. उन्होंने कहा कि इस समाज को पूर्ण रूप से पुरुष प्रधान समाज कहना गलत होगा क्योंकि महिलाओं के अस्तित्व के बिना समाज हमेशा से अधूरा रहा है. ऐसे में हर जगह महिलाओं के अधिकारों को लेकर कानून बने हुए हैं और यदि कोई सोचता है कि महिलाओं पर अत्याचार करके वह बच जाएगा तो उसकी सोच गलत है.
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रेहाना रियाज का मानना है कि बीते कुछ समय से महिलाओं से जुड़े उत्पीड़न के मामले बढ़ने लगे हैं. साथ ही महिलाओं के व्यक्तित्व पर अतिक्रमण किया जाने लगा है, लेकिन इसे लेकर महिलाओं को आवाज उठानी पड़ेगी. रियाज का कहना है कि यदि आपको लगता है कि महिला कोई गलत काम कर रही है तो इसके लिए कानून है. लेकिन आप खुद कानून बन कर या जज बन कर कोई भी फैसला नहीं कर सकते. उनका कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए हमेशा महिला आयोग तैयार है, बशर्ते महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों पर खुद महिला आगे आकर आवाज उठाएं.