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गहलोत 'राज' 1 साल: जलदाय मंत्री ने गिनाईं उपलब्धियां - स्पेशल रिपोर्ट

राजस्थान की गहलोत सरकार पानी को लेकर भी सजग दिखी और कई ऐसे काम किए, जिससे जनता को स्वच्छ जल मिल सके. जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने भी अपने विभाग की एक साल की उपलब्धियों को ईटीवी भारत के साथ साझा किया.

Water Minister BD Kalla, one year of gehlot government
जलदाय मंत्री बीडी कल्ला
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Published : Dec 15, 2019, 6:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान के जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने सरकार के एक 1 साल के कार्यकाल और जलदाय विभाग के कामकाज को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने बताया, कि गहलोत सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि ये रही, कि 15 हजार लीटर पानी का उपभोग करने पर उपभोक्ता को जल शुल्क और सीवरेज शुल्क से छूट दी गई है. इसके अलावा ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को भी केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है. ये प्रोजेक्ट 37,200 करोड़ रुपए का है और इसके पूरे होने पर 14 जिलों को पीने का पानी मिल सकेगा.

जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने गिनाईं उपलब्धियां

पढ़ें- गहलोत 'राज' 1 साल: राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने गिनाईं अपने विभाग की उपलब्धियां

मंत्री ने बताया, कि ईसरदा बांध का भी निर्माण शुरू कर दिया गया है. बीसलपुर बांध ओवरफ्लो होने के बाद जो पानी व्यर्थ बह जाता है, वो ईसरदा बांध बनने से रोका जा सकेगा और ये पानी भी जलापूर्ति के काम आएगा. ब्राह्मणी नदी को बीसलपुर बांध से जोड़ने के लिए 113 किलोमीटर का प्रोजेक्ट भी केंद्र सरकार को भेजा हुआ है. इससे जयपुर, अजमेर, दौसा जिलों को पीने का पानी मिल सकेगा.

1 साल में जलदाय विभाग की उपलब्धियां

  • गुणवत्ता प्रभावित बस्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए 436 आरओ प्लांट लगाकर चालू किए गए.
  • 488 सौर ऊर्जा आधारित डिफ्लोरिडेशन यूनिट स्थापित किए गए.
  • 2695 नए नलकूप लगाकर चालू किए गए.
  • 5830 नए हैंडपम्प लगाकर चालू किए गए.
  • 2.33 लाख खराब हैंडपंपों को सुधार कर फिर से चालू किया गया.
  • वृहद पेयजल परियोजना से 12 शहर आंशिक, 1342 गांव और 1560 ढाणियां लाभान्वित की गई.

पढ़ें- Exclusive: 'सरकार' के 1 साल : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के कामों का लेखा-जोखा, बस एक नजर में

प्रमुख पेयजल योजनाएं

  • बजट घोषणा 2019 की अनुपालना में 4000 से ज्यादा आबादी वाले 25 गांवों के लिए जलप्रदाय योजनाओं की 106.45 करोड़ रुपये की स्वीकृति 5 नवंबर और 6 नवंबर को जारी की गई है. इनके तहत 1. 64 लाख आबादी को घर-घर पेयजल कनेक्शन से लाभान्वित किया जाएगा.
  • बजट घोषणा 2019 की अनुपालना में फ्लोराइड प्रभावित गांव-ढाणियों में 1240 सौर ऊर्जा चालित डीएफयू प्लांट लगाने के लिए 202. 21 करोड़ की स्वीकृति 5 नवंबर को जारी की गई. इस वित्तीय वर्ष में 300 यूनिट लगाने के लिए 26 नवंबर को निर्णय किया गया.
  • बजट घोषणा 2019 की अनुपालना में राज्य में 2000 सौर ऊर्जा चालित नलकूप मय टंकी निर्माण के लिए प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति जारी करने के लिए अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को भी अधिकृत किया गया है.
  • जयपुर शहर एवं जयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बीसलपुर बांध से अतिरिक्त जल उपलब्ध कराने के लिए बीसलपुर-जयपुर जल प्रदाय परियोजना स्टेज प्रथम-चरण द्वितीय के लिए 288. 90 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. योजना के क्रियान्वयन के लिए निविदा आमंत्रित की गई है. जनवरी 2020 में शुरू कर जुलाई 2022 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
  • जयपुर शहर के बाहरी क्षेत्रों में विकसित पृथ्वीराज नगर योजना में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 563. 93 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई है. योजना के लिए निविदा भी आमंत्रित की गई है. जनवरी 2020 में कार्य शुरू कर जुलाई 2022 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
  • राज्य के शहरी क्षेत्र में स्त्रोत संवर्धन, पुरानी सड़ी-गली पाइप लाइनों को बदलने, वितरण तंत्र में सुधार, पुरानी पंपिंग मशीनरी को बदलने के 968 कार्यों को प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है. इस पर 1310.55 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
  • राज्य के शहरी क्षेत्र में चल रही 444.31 करोड़ के 480 विकास कार्यों को पूरा कर जनता को लाभान्वित किया गया.

पढ़ें- Exclusive: सरकार 'राज', 1 साल : राजस्थान सरकार सिलिकोसिस पीड़ितों को देगी 1500 रुपए पेंशन

विभाग के अन्य महत्वपूर्ण कार्य
विभाग ने 8 मार्च 2019 और 28 अगस्त 2019 को नोटिफिकेशन जारी कर 1 अप्रैल से जारी किए जाने वाले घरेलू पेयजल उपभोक्ता (15mm कनेक्शन) बिलों पर पेयजल और सीवरेज शुल्क में संशोधन कर प्रतिमाह 15000 लीटर तक उपभोग पर शत-प्रतिशत छूट देने की घोषणा की है. 15000 लीटर से ज्यादा उपभोग करने वाले उपभोगताओं पर पहले की तरह जल शुल्क राशि और अन्य शुल्क वसूल किया जा रहा है. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के फ्लैट रेट घरेलू जल संबंधों पर पेयजल शुल्क में शत-प्रतिशत छूट दी गई है.

विशिष्ट पेयजल परियोजनाओं के द्वारा एकल बिंदु के माध्यम से जिन ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, वहां प्रतिमाह 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पेयजल उपभोग पर जल शुल्क में छूट दी जा रही है. मरुस्थलीय क्षेत्रों में 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के पेयजल उपभोग पर जल शुल्क में छूट दी जा रही है.

पीने के पानी में जीवाणु परीक्षण प्रचलित h2s द्वारा किया जाता रहा है और इसके द्वारा जांच के परिणाम 48 घंटे के बाद मिलते थे, लेकिन वर्तमान में वॉटर एंड सैनिटेशन सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएसएसओ) द्वारा मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनआईटी) के साथ अनुसंधान कर पीने के पानी में जीवाणु परीक्षण के लिए एम कोलीपेट ( M-colipat) का किट विकसित किया गया है. इससे पीने के पानी में जीवाणु परीक्षण का परिणाम 18 घंटे में उपलब्ध हो जाता है.

पढ़ें- गहलोत 'राज' 1 साल : कानून-व्यवस्था की कसौटी पर कितना खरा उतर पाई खाकी, देखें रिपोर्ट कार्ड

विभाग को किया गया सम्मानित
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ( पीएचईडी ) एवं राजस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट (RaCEWaRM) को साउथ ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा सीआईआई त्रिवेणी जल सम्मेलन नई दिल्ली मे एप्रिशिएसन अवॉर्ड दिया गया.

जयपुर. राजस्थान के जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने सरकार के एक 1 साल के कार्यकाल और जलदाय विभाग के कामकाज को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने बताया, कि गहलोत सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि ये रही, कि 15 हजार लीटर पानी का उपभोग करने पर उपभोक्ता को जल शुल्क और सीवरेज शुल्क से छूट दी गई है. इसके अलावा ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को भी केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है. ये प्रोजेक्ट 37,200 करोड़ रुपए का है और इसके पूरे होने पर 14 जिलों को पीने का पानी मिल सकेगा.

जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने गिनाईं उपलब्धियां

पढ़ें- गहलोत 'राज' 1 साल: राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने गिनाईं अपने विभाग की उपलब्धियां

मंत्री ने बताया, कि ईसरदा बांध का भी निर्माण शुरू कर दिया गया है. बीसलपुर बांध ओवरफ्लो होने के बाद जो पानी व्यर्थ बह जाता है, वो ईसरदा बांध बनने से रोका जा सकेगा और ये पानी भी जलापूर्ति के काम आएगा. ब्राह्मणी नदी को बीसलपुर बांध से जोड़ने के लिए 113 किलोमीटर का प्रोजेक्ट भी केंद्र सरकार को भेजा हुआ है. इससे जयपुर, अजमेर, दौसा जिलों को पीने का पानी मिल सकेगा.

1 साल में जलदाय विभाग की उपलब्धियां

  • गुणवत्ता प्रभावित बस्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए 436 आरओ प्लांट लगाकर चालू किए गए.
  • 488 सौर ऊर्जा आधारित डिफ्लोरिडेशन यूनिट स्थापित किए गए.
  • 2695 नए नलकूप लगाकर चालू किए गए.
  • 5830 नए हैंडपम्प लगाकर चालू किए गए.
  • 2.33 लाख खराब हैंडपंपों को सुधार कर फिर से चालू किया गया.
  • वृहद पेयजल परियोजना से 12 शहर आंशिक, 1342 गांव और 1560 ढाणियां लाभान्वित की गई.

पढ़ें- Exclusive: 'सरकार' के 1 साल : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के कामों का लेखा-जोखा, बस एक नजर में

प्रमुख पेयजल योजनाएं

  • बजट घोषणा 2019 की अनुपालना में 4000 से ज्यादा आबादी वाले 25 गांवों के लिए जलप्रदाय योजनाओं की 106.45 करोड़ रुपये की स्वीकृति 5 नवंबर और 6 नवंबर को जारी की गई है. इनके तहत 1. 64 लाख आबादी को घर-घर पेयजल कनेक्शन से लाभान्वित किया जाएगा.
  • बजट घोषणा 2019 की अनुपालना में फ्लोराइड प्रभावित गांव-ढाणियों में 1240 सौर ऊर्जा चालित डीएफयू प्लांट लगाने के लिए 202. 21 करोड़ की स्वीकृति 5 नवंबर को जारी की गई. इस वित्तीय वर्ष में 300 यूनिट लगाने के लिए 26 नवंबर को निर्णय किया गया.
  • बजट घोषणा 2019 की अनुपालना में राज्य में 2000 सौर ऊर्जा चालित नलकूप मय टंकी निर्माण के लिए प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति जारी करने के लिए अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को भी अधिकृत किया गया है.
  • जयपुर शहर एवं जयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बीसलपुर बांध से अतिरिक्त जल उपलब्ध कराने के लिए बीसलपुर-जयपुर जल प्रदाय परियोजना स्टेज प्रथम-चरण द्वितीय के लिए 288. 90 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. योजना के क्रियान्वयन के लिए निविदा आमंत्रित की गई है. जनवरी 2020 में शुरू कर जुलाई 2022 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
  • जयपुर शहर के बाहरी क्षेत्रों में विकसित पृथ्वीराज नगर योजना में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 563. 93 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई है. योजना के लिए निविदा भी आमंत्रित की गई है. जनवरी 2020 में कार्य शुरू कर जुलाई 2022 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
  • राज्य के शहरी क्षेत्र में स्त्रोत संवर्धन, पुरानी सड़ी-गली पाइप लाइनों को बदलने, वितरण तंत्र में सुधार, पुरानी पंपिंग मशीनरी को बदलने के 968 कार्यों को प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है. इस पर 1310.55 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
  • राज्य के शहरी क्षेत्र में चल रही 444.31 करोड़ के 480 विकास कार्यों को पूरा कर जनता को लाभान्वित किया गया.

पढ़ें- Exclusive: सरकार 'राज', 1 साल : राजस्थान सरकार सिलिकोसिस पीड़ितों को देगी 1500 रुपए पेंशन

विभाग के अन्य महत्वपूर्ण कार्य
विभाग ने 8 मार्च 2019 और 28 अगस्त 2019 को नोटिफिकेशन जारी कर 1 अप्रैल से जारी किए जाने वाले घरेलू पेयजल उपभोक्ता (15mm कनेक्शन) बिलों पर पेयजल और सीवरेज शुल्क में संशोधन कर प्रतिमाह 15000 लीटर तक उपभोग पर शत-प्रतिशत छूट देने की घोषणा की है. 15000 लीटर से ज्यादा उपभोग करने वाले उपभोगताओं पर पहले की तरह जल शुल्क राशि और अन्य शुल्क वसूल किया जा रहा है. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के फ्लैट रेट घरेलू जल संबंधों पर पेयजल शुल्क में शत-प्रतिशत छूट दी गई है.

विशिष्ट पेयजल परियोजनाओं के द्वारा एकल बिंदु के माध्यम से जिन ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, वहां प्रतिमाह 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पेयजल उपभोग पर जल शुल्क में छूट दी जा रही है. मरुस्थलीय क्षेत्रों में 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के पेयजल उपभोग पर जल शुल्क में छूट दी जा रही है.

पीने के पानी में जीवाणु परीक्षण प्रचलित h2s द्वारा किया जाता रहा है और इसके द्वारा जांच के परिणाम 48 घंटे के बाद मिलते थे, लेकिन वर्तमान में वॉटर एंड सैनिटेशन सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएसएसओ) द्वारा मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनआईटी) के साथ अनुसंधान कर पीने के पानी में जीवाणु परीक्षण के लिए एम कोलीपेट ( M-colipat) का किट विकसित किया गया है. इससे पीने के पानी में जीवाणु परीक्षण का परिणाम 18 घंटे में उपलब्ध हो जाता है.

पढ़ें- गहलोत 'राज' 1 साल : कानून-व्यवस्था की कसौटी पर कितना खरा उतर पाई खाकी, देखें रिपोर्ट कार्ड

विभाग को किया गया सम्मानित
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ( पीएचईडी ) एवं राजस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट (RaCEWaRM) को साउथ ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा सीआईआई त्रिवेणी जल सम्मेलन नई दिल्ली मे एप्रिशिएसन अवॉर्ड दिया गया.

Intro:जयपुर। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार के 17 दिसंबर को 1 साल पूरा हो रहा है। अशोक गहलोत सरकार ने इस 1 साल में कई उपलब्धियां हासिल की है पानी को लेकर भी अशोक गहलोत सरकार सजग दिखी और कई ऐसे काम किये जिससे कि जनता को स्वच्छ जल मिल सके। अशोक गहलोत सरकार की इसी कार्यकाल में जयपुर, अजमेर, टोंक, दोसा को पानी पिलाने वाला बीसलपुर बांध लबालब हो गया और अगले 2 साल तक इन चारों जिलों को पानी के लिए परेशान होने की आवश्यकता नहीं होगी।


Body:जलदाय मंत्री बी डी कल्ला ने बताया कि गहलोत सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि 15000 लीटर के पानी उपभोग करने पर उपभोक्ता को जल शुल्क और सीवरेज शुल्क से छूट दी गई है। इसके अलावा ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को भी केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है यह प्रोजेक्ट 37200 करोड़ रुपए का है और इसका पूरे होने पर 14 जिलों को पीने का पानी मिल सकेगा। ईसरदा बांध का भी निर्माण शुरू कर दिया गया है और बीसलपुर बांध ओवरफ्लो होने के बाद जो पानी व्यर्थ बह जाता है ईसरदा बांध बनने से यह पानी भी रोका जा सकेगा और यह पानी भी जलापूर्ति के काम आएगा। ब्राह्मणी नदी को बीसलपुर बांध से जोड़ने के लिए 113 किलोमीटर का प्रोजेक्ट भी केंद्र सरकार को भेजा हुआ है इससे जयपुर, अजमेर दोसा आदि जिलों को पीने का पानी मिल सकेगा।
पिछले एक साल की गहलोत सरकार की उपलब्धियां-
-गुणवत्ता प्रभावित बस्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए 436 आरओ प्लांट लगाकर चालू किए गए
- 488 सौर ऊर्जा आधारित डिफ्लोरिडेशन यूनिट स्थापित किए गए
-2695 नए नलकूप लगाकर चालू किए गए
-5830 नये हैंडपम्प लगाकर चालू किए गए
-2.33 लाख खराब हैंडपंपों को सुधार कर फिर से चालू किया गया
-वृहद पेयजल परियोजना से 12 शहर आंशिक, 1342 गांव तथा 1560 ढाणियां लाभान्वित की गई
प्रमुख पेयजल योजनाएं -
-बजट घोषणा 2019 की अनुपालना में 4000 से अधिक आबादी वाले 25 गांवों के लिए पाइप्ड जल प्रदाय योजनाएं की 106.45 करोड़ रुपये की स्वीकृति 5 नवंबर और 6 नवंबर को जारी की गई है। इनके तहत 1. 64 लाख आबादी को घर-घर -पेयजल कनेक्शन से लाभान्वित किया जाएगा.।
.-बजट घोषणा 2019 की अनुपालना में फ्लोराइड प्रभावित गांव -ढाणियों में 1240 सौर ऊर्जा चालित डीएफयू प्लांट लगाने के लिए 202. 21 करोड की स्वीकृति 5 नवंबर को जारी की गई। इस वित्तीय वर्ष में 300 यूनिट लगाने के लिए 26 नवंबर को निर्णय किया गया।
-बजट घोषणा 2019 की अनुपालना में राज्य में 2000 सौर ऊर्जा चालित नलकूप मय टंकी निर्माण के लिए प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति जारी करने के लिए अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को भी अधिकृत किया गया है.
-जयपुर शहर एवं जयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बीसलपुर बांध से अतिरिक्त जल उपलब्ध कराने के लिए बीसलपुर-जयपुर जल प्रदाय परियोजना स्टेज प्रथम-चरण द्वितीय के लिए 288. 90 करोड़ रुपए जारी की गई है। योजना के क्रियान्वयन के लिए निविदा आमंत्रित की गई है। जनवरी 2020 में शुरू कर जुलाई 2022 तक यह कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
-जयपुर शहर के बाहरी क्षेत्रों में विकसित पृथ्वीराज नगर योजना में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 563. 93 करोड की स्वीकृति जारी की गई है। योजना के लिए निविदा भी आमंत्रित की गई है। जनवरी 2020 में कार्य शुरू कर जुलाई 2022 तक यह काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
-राज्य के शहरी क्षेत्र में स्त्रोत संवर्धन, पुरानी सड़ी गली पाइप लाइनों को बदलने, वितरण तंत्र में सुधार, पुरानी पंपिंग मशीनरी को बदलने इत्यादि के 968 कार्यों को प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। इस पर 1310.55 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
-राज्य के शहरी क्षेत्र में चल रही 444.31 करोड के 480 विकास कार्यों को पूरा कर जनता को लाभान्वित किया गया।

अन्य महत्वपूर्ण कार्य-
-विभाग ने 8 मार्च 2019 और 28 अगस्त 2019 को नोटिफिकेशन जारी कर 1 अप्रैल से जारी किए जाने वाले घरेलू पेयजल उपभोक्ता (15mm कनेक्शन) बिलों पर पेयजल और सीवरेज शुल्क में संशोधन कर प्रतिमाह 15000 लीटर तक उपभोग पर शत प्रतिशत छूट देने की घोषणा की है। 15000 लीटर से ज्यादा उपभोग करने वाले उपभोगताओं पर पूर्व की भांति जल शुल्क राशि व अन्य शुल्क वसूल किया जा रहा है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के फ्लैट रेट घरेलू जल संबंधों पर पेयजल शुल्क में शत प्रतिशत छूट दी गई है। विशिष्ट पेयजल परियोजनाओं के द्वारा एकल बिंदु के माध्यम से जिन ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है, वहां प्रतिमाह 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पेयजल उपभोग पर जल शुल्क में छूट दी जा रही है। मरुस्थलीय क्षेत्रों में 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के पेयजल उपभोग पर जल शुल्क में छूट दी जा रही है।

-पीने के पानी में जीवाणु परीक्षण प्रचलित h2s द्वारा किया जाता रहा है और इसके द्वारा जांच के परिणाम 48 घंटे के बाद मिलते थे लेकिन वर्तमान में वॉटर एंड सैनिटेशन सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएसएसओ) द्वारा मालवीय नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनआईटी) के साथ अनुसंधान कर पीने के पानी में जीवाणु परीक्षण के लिए एम. कोलीपेट ( M-colipat) का किट विकसित किया गया है। इससे पीने के पानी में जीवाणु परीक्षण का परिणाम 18 घंटे में उपलब्ध हो जाता है।

अवार्ड-
-जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ( पीएचईडी ) एवं राजस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट (RaCEWaRM) को साउथ ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा सीआईआई त्रिवेणी जल सम्मेलन नई दिल्ली मे एप्रिशिएसन अवॉर्ड दिया गया।


बाईट जलदाय मंत्री बीड़ी कल्ला


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