जयपुर. राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान (Presidential Election 2022) की प्रक्रिया जारी है. राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई विधायक वोट डाल चुके हैं. इस दौरान मीडिया से बातचीत में सीएम गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में विचारधारा की लड़ाई है तो वहीं भाजपा ने राजस्थान से चुनाव में अपने विधायकों के अतिरिक्त 10 अन्य वोट मिलने का दावा किया, लेकिन कांग्रेस ने इसे सिरे से खारिज कर दिया.
गहलोत के बजाय कासनिया ने डाल दिया पहला वोट- मतदान की प्रक्रिया शुरू होने के दौरान पहला वोट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को डालना था, लेकिन मतदान स्थल पर पहले से मौजूद भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया ने उनसे पहले अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया.
मतदान प्रक्रिया के दौरान विधानसभा में मीडिया से रूबरू हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपति का यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण है और जिस प्रकार का उत्साह यहां नजर आ रहा है वही उत्साह पूरे देश भर में है. गहलोत के अनुसार यह चुनाव विचारधारा की लड़ाई है. राष्ट्रपति पद पर चुनाव से पहले भाजपा और केंद्र सरकार के पास मौका था कि वह सर्वसम्मति से चर्चा कर कैंडिडेट उतारे ताकि चुनाव सर्वसम्मति से हो, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. गहलोत ने कहा कि विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है और विचारधारा से जुड़े सभी सहयोगी दल और जनप्रतिनिधि उनका समर्थन कर रहे हैं.
मतदान में 3 विधायकों के वोट नहीं डालने की संभावना- राष्ट्रपति चुनाव के लिए कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा, बीटीपी विधायक राजकुमार रोत और धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाहा के मतदान में शामिल होने की संभावना कम है. जलदाय मंत्री महेश जोशी ने बताया कि कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा की तबीयत खराब है, इसलिए वे मतदान के लिए नहीं आ पाएंगे. वहीं, बीटीपी विधायक राजकुमार रोत के पुत्र की तबीयत खराब है, जिसके कारण उनके आने की भी संभावना कम है. तीसरा शोभा रानी कुशवाहा के मतदान किए जाने की संभावना भी कम है. बता दें, राज्यसभा चुनाव में शोभा रानी कुशवाहा ने की कांग्रेस के समर्थन में क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके बाद उन्हें भाजपा से बाहर कर दिया गया था.
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8 से 10 वोट अतिरिक्त मिलेंगे- मतदान प्रक्रिया के दौरान भाजपा नेताओं ने इन चुनावों में अपने विधायकों के अतिरिक्त 8 से 10 वोट मिलने का दावा किया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि हमने जनजाति समाज के और अन्य आदिवासी क्षेत्र के विधायकों से आदिवासी महिला प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन और वोट की अपील की थी. मुझे विश्वास है कि हमारे खुद के वोट के अलावा कई अन्य विधायक भी अपना समर्थन और वोट द्रौपदी मुर्मू को देंगे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने इन चुनावों में 8 से 10 अधिक वोट मिलने की बात कही. राठौड़ ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू को भाजपा विधायकों के साथ ही 8 से 10 अन्य विधायकों के भी वोट मिलेंगे. हालांकि यह विधायक कौन हैं, इसके बारे में भाजपा नेताओं ने कोई खुलासा नहीं किया.
राठौड़ और कटारिया करते हैं बकवास- कांग्रेस विधायक और सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भाजपा के दावे को निराधार बताया. खाचरियावास ने कहा कि इन चुनाव में जो दावा कटारिया और राठौड़ कर रहे हैं उसका कोई आधार नहीं है. खाचरियावास के अनुसार कांग्रेस को उसके और समर्थित विधायकों के 126 से अधिक वोट मिलेंगे. उन्होंने कहा कि देश को इस समय ऐसे राष्ट्रपति की जरूरत है जो प्रधानमंत्री की चेहरे की तरफ देखकर काम नहीं करें बल्कि अपने निर्णय स्वयं लें.
दोनों पार्टियों में 36 विधायक किसान तबके से, तो करीब 100 विधानसभा में सीधा असर किसान वोटर का : राजस्थान में भी कांग्रेस, भाजपा, आरएलपी और निर्दलीय किसान तबके के विधायकों की बात की जाए तो इनकी संख्या 36 है, तो 25 लोकसभा में से 7 लोकसभा सांसद किसान वर्ग के हैं. ऐसे में साफ है कि किसान वर्ग राजस्थान की राजनीति को प्रभावित करने वाला सबसे बड़ा वर्ग है, बल्कि बिना किसी आरक्षण के चुनाव में जीत कर आने वाले विधायक और सांसद भी किसान वर्ग के हैं. राजस्थान की आधी से ज्यादा विधानसभा और लोकसभा सीटों पर किसान वर्ग सीधा प्रभाव डालता है. यही कारण है कि राजस्थान के दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस की पार्टियों की कमान भी किसान वर्ग के हाथ में है. वहीं, अब उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार राजस्थान के साथ ही किसान वर्ग का बनाकर भाजपा ने राजस्थान की राजनीति में ऐसा मास्टर स्ट्रोक खेला है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर राजस्थान में कांग्रेस के किसान वर्ग समेत सभी विधायक जगदीप धनखड़ की तारीफें करते दिखाई दे रहे हैं.