ETV Bharat / city

दौसा में पुजारी की मौत: आंदोलन दो फाड़, विप्र सेना ने उठाई शव के दाह संस्कार की मांग - जयपुर न्यूज

सिविल लाइंस पर पुजारी शंभू शर्मा की मौत के बाद चल रहे धरना प्रदर्शन अब दो फाड़ हो चुका है. विप्र सेना ने पुजारी के शव पर सियासत नहीं करने और शव को समाज को सुपुर्द करने की मांग की है. विप्र सेना ने कहा कि पुजारी की पार्थिव देह पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

vipra sena,  priest death in dausa
दौसा में पुजारी की मौत
author img

By

Published : Apr 10, 2021, 8:03 PM IST

जयपुर. राजधानी के सिविल लाइंस पर पुजारी शंभू शर्मा की मौत के बाद चल रहे धरना प्रदर्शन अब दो फाड़ में बंट चुका है. जो पहले दिन से पुजारी को न्याय दिलाने की आवाज बुलंद कर रहे थे वो अब धीरे से अलग हो लिए. जहां एक तरफ बीजेपी पर इस पूरे मामले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लग रहा है. वहीं ब्राह्मण अपने आप को इससे अलग करने में जुट गये हैं. यही वजह है कि ब्राह्मण समाज के 3 संगठनों ने पुजारी के शव पर सियासत नहीं करने और पिछले एक सप्ताह से अंतिम संस्कार के इंतजार में रखे शव को समाज को सुपुर्द करने की मांग की है.

पढ़ें: दौसा में पुजारी की मौत: कांग्रेस अपना चेहरा बचाने के लिए भाजपा पर तोहमत लगा रही है: सतीश पूनिया

विप्र सेना के प्रमुख सुनील तिवारी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव को ज्ञापन देने पहुंचे. हालांकि ज्ञापन में 2 बीघा भूमि पर कब्जा देने और 26 बीघा जमीन से अतिक्रमण हटाने के अलावा दोषी अधिकारियों को निलंबित करने की मांग थी, जो राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा धरने पर कर रहे हैं. लेकिन इसमें चौथी मांग भी थी कि अंतिम संस्कार के लिए पुजारी की पार्थिव देह ब्राह्मण समाज को सौंपा जाये. शव किसी पार्टी या दूसरे समाज के व्यक्ति को नहीं सौंपा जाये.

विप्र सेना ने उठाई शव के दाह संस्कार की मांग

सुनील तिवाड़ी ने कहा कि पार्टी और व्यक्ति विशेष की आपसी द्वेष के कारण पुजारी की लाश अटकी हुई है. धरने पर लाश गल रही है, ऐसे में सरकार को तुरंत प्रभाव से मांगें माननी चाहिए. पुजारी की पार्थिव देह पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उनका संगठन किसी पार्टी की दलाली के लिए नहीं है और उपचुनाव के नतीजों को बदलने वाला भी नहीं है. ऐसे में कहीं ना कहीं सुनील तिवाड़ी की सीधा इशारा राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा और अन्य बीजेपी नेताओं पर था, जो उपचुनाव से पहले पुजारी की मौत को राजनीतिक मुद्दा बनाने में जुटे हैं.

जयपुर. राजधानी के सिविल लाइंस पर पुजारी शंभू शर्मा की मौत के बाद चल रहे धरना प्रदर्शन अब दो फाड़ में बंट चुका है. जो पहले दिन से पुजारी को न्याय दिलाने की आवाज बुलंद कर रहे थे वो अब धीरे से अलग हो लिए. जहां एक तरफ बीजेपी पर इस पूरे मामले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लग रहा है. वहीं ब्राह्मण अपने आप को इससे अलग करने में जुट गये हैं. यही वजह है कि ब्राह्मण समाज के 3 संगठनों ने पुजारी के शव पर सियासत नहीं करने और पिछले एक सप्ताह से अंतिम संस्कार के इंतजार में रखे शव को समाज को सुपुर्द करने की मांग की है.

पढ़ें: दौसा में पुजारी की मौत: कांग्रेस अपना चेहरा बचाने के लिए भाजपा पर तोहमत लगा रही है: सतीश पूनिया

विप्र सेना के प्रमुख सुनील तिवारी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव को ज्ञापन देने पहुंचे. हालांकि ज्ञापन में 2 बीघा भूमि पर कब्जा देने और 26 बीघा जमीन से अतिक्रमण हटाने के अलावा दोषी अधिकारियों को निलंबित करने की मांग थी, जो राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा धरने पर कर रहे हैं. लेकिन इसमें चौथी मांग भी थी कि अंतिम संस्कार के लिए पुजारी की पार्थिव देह ब्राह्मण समाज को सौंपा जाये. शव किसी पार्टी या दूसरे समाज के व्यक्ति को नहीं सौंपा जाये.

विप्र सेना ने उठाई शव के दाह संस्कार की मांग

सुनील तिवाड़ी ने कहा कि पार्टी और व्यक्ति विशेष की आपसी द्वेष के कारण पुजारी की लाश अटकी हुई है. धरने पर लाश गल रही है, ऐसे में सरकार को तुरंत प्रभाव से मांगें माननी चाहिए. पुजारी की पार्थिव देह पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उनका संगठन किसी पार्टी की दलाली के लिए नहीं है और उपचुनाव के नतीजों को बदलने वाला भी नहीं है. ऐसे में कहीं ना कहीं सुनील तिवाड़ी की सीधा इशारा राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा और अन्य बीजेपी नेताओं पर था, जो उपचुनाव से पहले पुजारी की मौत को राजनीतिक मुद्दा बनाने में जुटे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.