जयपुर. राजस्थान सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के क्रम में नगरीय निकाय क्षेत्रों में ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 का उल्लंघन करने पर दोषियों के विरुद्ध जुर्माना राशि वसूलने के लिए नियम बनाये गए थे. इसके तहत निगम के फील्ड अधिकारी/कर्मचारियों को शक्तियां दी गई. अब स्वच्छ भारत मिशन 2.0 में बेहतर रैंक लाने के लिए सख्ती बरती जाएगी. जिसमें तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है.
निगम अधिकारियों के अनुसार स्वच्छता से संबंधित किसी नियम की अवहेलना की जाती है तो जुर्माना या चालान किया जा सकता है. बीते 1 महीने से फील्ड में रहने वाले एसआई/सीएसआई कार्रवाई करते हुए 20 हज़ार रुपए का चालान वसूल रहे हैं. चूंकि एसआई/सीएसआई के पास और भी काम होते हैं, इस वजह से अब एक अलग विंग बनाई जा रही है, जो फील्ड में उतर कर गंदगी फैलाने वालों, निगम की व्यवस्थाओं का सहयोग नहीं करने वालों, निगम की हेरिटेज प्रॉपर्टी और पर्यटन स्थलों को गंदा करने वालों से पहले समझाइश करेंगी और नहीं मानने पर जुर्माना वसूल करेंगी.
चूंकि पारदर्शिता के लिए अधिकतर प्रक्रिया हाईटेक होती जा रही हैं, ऐसे में चालान भी हाईटेक मशीनों से किया जाएगा. जिससे कर्मचारी नियम तोड़ने वाले व्यक्ति की तस्वीर भी ले सकेगा और उसे चालान की रिसिप्ट भी दे पाएगा. इस पीओएस मशीन में यूपीआई, कैश और डेबिट/क्रेडिट कार्ड से जुर्माना भुगतान की सुविधा भी होगी.
जुर्माना वसूलने के मापदंड
रहवासीय भवनों के निवासी अगर रोड या गली में कचरा फैलाएंगे तो 100 रुपये प्रतिदिन जुर्माना लगेगा, इसके अलावा दुकानदारों पर 1000 रुपये प्रतिदिन, रेस्टोरेंट्स मालिकों पर 2000 रुपये प्रतिदिन, होटल मालिकों पर 2000 रुपये प्रतिदिन, औद्योगिक प्रतिष्ठान पर 5000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगेगा.
ठेले वाले सड़क पर न फैलाएं गंदगी..
इसी तरह हलवाई, चाट, पकौड़ी, फास्ट फूड, आइसक्रीम, गन्ने का रस और अन्य जूस, सब्जी और फ्रूट आदि ठेला व्यवसायी अगर सड़क पर कचरा डालेंगे तो 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी करने, थूकने पर 200 रुपये, खुले में नहाने पर 300 रुपये, खुले में लघुशंका करने पर 200 रुपये, खुले में शौच करने पर 500 रुपये, गोबर डालने पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
सरकारी जमीन पर मलबा डाला तो..
इसके अलावा कचरे के सेग्रीगेशन, स्टोरेज, डिलीवरी और कलेक्शन करने में उल्लंघन करने पर 200 से 5000 तक प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगेगा. साथ ही निजी मकान दुकान इत्यादि के निर्माण, मलबा, निर्माण सामग्री सरकारी भूमि पर डालने पर 1000 रुपये प्रतिदिन, निजी ट्रैक्टरों से बजरी, कचरा, मलबा, गोबर इत्यादि परिवहन करते हुए नगर निगम की सड़कों पर गंदगी फैलाने पर 1000 रुपये प्रतिदिन, सरकारी भवन, चौराहों और शहर चारदीवारी की दीवारों पर पोस्टर चिपकाने, स्लोगन लिखने पर 2000 रुपये प्रतिदिन जुर्माना वसूला जाएगा.
बिना परमीशन रोड पर कट लगाया तो जुर्माना
इसी तरह बिना सक्षम स्वीकृति के रोड कट करने पर 5000 रुपये प्रति फीट, अपने मकानों का गंदे पानी का निकास आम सड़क पर करने पर 5000 रुपये प्रतिदिन, अपने मकान/भवन का सीवरेज कनेक्शन नहीं लेकर सीवरेज की गंदगी नाले में बहाने पर 5000 रुपये प्रतिदिन वसूला जाएगा. अगर दुकानदार गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करने के लिए आवश्यक डस्टबिन नहीं रखेंगे तो 2000 रुपये प्रतिदिन जुर्माना भरना पड़ेगा.
सड़क पर पालतू जानवर ने गंदगी की तो..
इसके अलावा स्कूटर/साइकिल रिपेयरिंग कर ऑयल, मिट्टी और पानी फैला कर गंदगी करने पर 1000 रुपये प्रतिदिन, मीट की दुकानों से निकला अपशिष्ट सड़क पर फेंकने पर 4000 रुपये प्रतिदिन, आम रास्ते में पालतू जानवरों से गंदगी फैलाने पर 5000 रुपये प्रतिदिन, विवाह स्थलों पर बाहर कचरा डालने पर 5000 रुपये प्रतिदिन, आम रास्ते पर टेंट लगाकर नॉनवेज पकाने और उसके अंश सड़कों पर डालने पर 3000 रुपये प्रतिदिन जुर्माना लगेगा.
सब्जीवाले, सैलून वाले, फुटपाथ कारोबारी ध्यान दें..
साथ ही सार्वजनिक स्थान पर बैठ सब्जियां बेचकर उसके अंश डालकर गंदगी फैलाने पर 100 रुपये प्रतिदिन, हेयर कटिंग सलून की ओर से आम रास्ते पर गंदगी फैलाने पर 500 रुपये प्रतिदिन, खाली सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर भवन सामग्री डालने पर 5000 रुपये प्रतिदिन, फुटपाथ और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर भोजनालय ढाबा चलाकर गंदगी फैलाने पर 1000 रुपये प्रतिदिन, प्राइवेट अस्पताल नर्सिंग होम, क्लीनिक, दवाखाना की ओर से गंदगी फैलाने पर 3000 रुपये प्रतिदिन जुर्माना वसूला जाएगा.
कंस्ट्रक्शन करा रहे हैं तो इसे पढ़ें..
इसके अलावा कंस्ट्रक्शन और डिमोलिश वेस्ट के पृथक से इकट्ठा नहीं करने पर 500 से 5000 रुपये प्रति डिफॉल्ट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के नियम 4(6) की अनुपालन नहीं करने पर 10000 से 20000 रुपये प्रति माह, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के नियम 4(7) के अनुपालन नहीं किए जाने पर 10000 से 20000 रुपये प्रतिमाह, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के नियम 4(8) के अनुपालन नहीं किए जाने पर 20000 से 50000 रुपये प्रतिमाह, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के नियम 17 (2) की अनुपालना सैनिटरी नैपकिन और डायपर के निर्माता की ओर से अवहेलना करने पर 50000 रुपये प्रतिमाह जुर्माना लगेगा.
इसके अलावा विभिन्न संस्थानों की ओर से प्लास्टिक कचरे को बाहर फेंकने पर 5000 रुपये प्रतिदिन, घरों और दुकानों से प्लास्टिक कचरे को बाहर फेंकने पर 1000 रुपये प्रतिदिन, प्लास्टिक कचरा जलाने पर 500 रुपये प्रतिदिन और प्लास्टिक कैरी बैग को उपयोग करते पाए जाने पर 100 रुपया प्रतिदिन जुर्माना लगेगा.