जयपुर. राज्य सरकार कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर भले ही बड़े-बड़े दावे कर रही हो, लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह अस्पताल से एक वीडियो सामने आया है. जहां मरीज कोरोना पॉजिटिव होने के बाद इलाज के लिए तड़पता रहा, लेकिन ना तो मरीज को आरयूएचएस अस्पताल में शिफ्ट किया गया और ना हीं सवाई मानसिंह अस्पताल में उसे इलाज उपलब्ध कराया गया. वहीं, मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने चुप्पी साध ली है.
मिली जानकारी के अनुसार एक पेशेंट पेनक्रिएटिक इंफेक्शन के चलते अस्पताल में अपना इलाज कराने पहुंचा था. लेकिन जांच रिपोर्ट में वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया. ऐसे में नियमानुसार अस्पताल प्रशासन को मरीज को आरयूएचएस अस्पताल में शिफ्ट करना था. लेकिन ना तो मरीज को आरयूएचएस अस्पताल में शिफ्ट किया गया और ना हीं सवाई मानसिंह अस्पताल प्रशासन ने मरीज का इलाज किया. बल्कि पहले से जो इलाज किया जा रहा था, उसे भी बंद कर दिया गया.
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परिजनों ने आरोप लगाया है कि मरीज का बीपी, शुगर और अन्य सभी की जांच उनके द्वारा ही की जा रही है. जब चिकित्सकों से इलाज के लिए कहा गया तो उन्होंने इलाज करने से मना कर दिया. परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि इलाज कर रहे नर्सिंगकर्मी और चिकित्सकों ने यहां तक कहा कि इस तरह के पेशेंट का इलाज करने से कुछ नहीं होगा, जो कुछ ही समय में मरने वाला हो.
वीडियो में देखा जा रहा है कि इस तरह से मरीज तड़प रहा है. इसके पास में ही चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी भी मौजूद है. लेकिन इसके बावजूद भी मरीज को इलाज उपलब्ध नहीं कराया जा रहा. ऐसे में भले ही सरकार द्वारा कोरोना के इलाज को लेकर सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और ही बयां कर रही है.