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नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शावक भीम और स्कंधी को एंक्लोजर में छोड़ा, पर्यटक हुए रोमांचित - NAHARGARH BIOLOGICAL PARK IN JAIPUR

जयपुर में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जन्मे बाघ के शावक भीम और स्कंधी को पर्यटकों के लिए एंक्लोजर में छोड़ा गया है.

Nahargarh Biological Park in Jaipur
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शावक भीम और स्कंधी (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 27, 2024, 7:53 PM IST

जयपुर: राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जन्मे बाघ के शावक भीम और स्कंधी को पर्यटकों के लिए एंक्लोजर में छोड़ा गया है. दोनों शावक खुले एनक्लोजर में एक साथ खेलते हुए नजर आए. पर्यटकों को बाघ शावकों को खुले में देखने का अनुभव मिल रहा है. शावकों की अठखेलियां देखकर पर्यटक रोमांचित हो रहे हैं. स्कंधमाता के नाम से मादा शावक का नाम स्कंधा रखा गया था. नर शावक काफी हष्ट पुष्ट होने की वजह से उसका नाम भीम रखा गया था. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नाहरगढ़ टाइगर सफारी के लोकार्पण कार्यक्रम में दोनों शावकों का नामकरण किया था.

डीसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि दोनों शावक खुले एनक्लोजर में एक साथ खेल रहे हैं. पर्यटकों को शावकों को खुले में देखने का अनुभव मिल रहा है. शावकों की अठखेलियां देखकर पर्यटक भी रोमांचित हो रहे हैं. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में आने वाले पर्यटक दोनों शावकों की मस्ती को अपने मोबाइलों में कैद करते हुए नजर आ रहे हैं.

पढ़ें: नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भालू झुमरी ने बच्चे को दिया जन्म, वन्यजीव प्रेमियों में खुशी

बता दें कि गत 10 मई को बाघिन रानी ने तीन शावकों को जन्म दिया था. एक सफेद और तीन गोल्डन शावक हुए थे. कुछ दिन बाद ही एक शावक की मौत हो गई थी. दोनों शावक हष्ट पुष्ट और स्वस्थ थे. बाघिन रानी को मार्च 2021 में उड़ीसा के नंदनकानन से जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया था. वहीं बाघ शिवाजी को जुलाई 2022 में ग्वालियर के गांधी जूलॉजिकल पार्क से लाया गया था.

जयपुर: राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जन्मे बाघ के शावक भीम और स्कंधी को पर्यटकों के लिए एंक्लोजर में छोड़ा गया है. दोनों शावक खुले एनक्लोजर में एक साथ खेलते हुए नजर आए. पर्यटकों को बाघ शावकों को खुले में देखने का अनुभव मिल रहा है. शावकों की अठखेलियां देखकर पर्यटक रोमांचित हो रहे हैं. स्कंधमाता के नाम से मादा शावक का नाम स्कंधा रखा गया था. नर शावक काफी हष्ट पुष्ट होने की वजह से उसका नाम भीम रखा गया था. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नाहरगढ़ टाइगर सफारी के लोकार्पण कार्यक्रम में दोनों शावकों का नामकरण किया था.

डीसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि दोनों शावक खुले एनक्लोजर में एक साथ खेल रहे हैं. पर्यटकों को शावकों को खुले में देखने का अनुभव मिल रहा है. शावकों की अठखेलियां देखकर पर्यटक भी रोमांचित हो रहे हैं. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में आने वाले पर्यटक दोनों शावकों की मस्ती को अपने मोबाइलों में कैद करते हुए नजर आ रहे हैं.

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बता दें कि गत 10 मई को बाघिन रानी ने तीन शावकों को जन्म दिया था. एक सफेद और तीन गोल्डन शावक हुए थे. कुछ दिन बाद ही एक शावक की मौत हो गई थी. दोनों शावक हष्ट पुष्ट और स्वस्थ थे. बाघिन रानी को मार्च 2021 में उड़ीसा के नंदनकानन से जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया था. वहीं बाघ शिवाजी को जुलाई 2022 में ग्वालियर के गांधी जूलॉजिकल पार्क से लाया गया था.

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