जयपुर. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को विभिन्न कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत की. इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता राहुल गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संवाद में जुड़े. वहीं, अशोक गहलोत ने राजस्थान में कोरोना के हालातों और सरकारी प्रयासों का फीडबैक दिया.
सीएम गहलोत ने सोनिया गांधी के वक्तव्य के बाद लिए गए अहम निर्णय की भी जानकारी दी. जिसके तहत प्रवासी मजदूरों का रेल किराया और उन्हें राजस्थान सीमा तक छोड़ने की व्यवस्था राज्य की कांग्रेस सरकार ही वहन करेगी. प्रवासी मजदूरों का रेल किराया राजस्थान सरकार ने ही चुकाने के निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक के दौरान कहा कि जब तक व्यापक प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिया जाता, तब तक राज्य और देश कैसे चलेंगे? हमने 10,000 करोड़ का राजस्व खो दिया है.
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Congress President Smt. Sonia Gandhi holds a meeting with Congress Chief Ministers to review how States are tackling COVID19 & the lockdown and assess their needs. pic.twitter.com/Pu6xFpmnJL
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राज्यों ने एक पैकेज के लिए बार-बार पीएम से अनुरोध किया है. लेकिन हमें अभी तक भारत सरकार ने नहीं दिया है. सोनिया गांधी ने राज्यों की ओर से कोरोना से निपटने, लॉकडाउन और इस दौरान जरूरतों को पूर्ण करने जैसे मुद्दों की समीक्षा के लिए यह बैठक ली.
वीसी में राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, पुड्डुचेरी के सीएम वी नारायणसामी, केसी वेणुगोपाल, वीरप्पा मोइली, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, पी चिदंबरम, ताम्रध्वज साहू भी जुड़े. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ मे 80 फीसदी लघु उद्योग फिर से शुरू हो कर दिए गए हैं और लगभग 85,000 श्रमिक काम पर लौट आए हैं.
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मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि उनके ओर से केंद्र सरकार को आर्थिक पैकेज के लिए कई पत्र लिखा गया है. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि 17 मई के बाद देश में क्या होगा? सरकार ने लॉकडाउन जारी रखने के लिए क्या पैमाना लागू किया है. सरकार के पास लॉकडाउन 3.0 के बाद क्या रणनीति है. कोरोना काल में देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों और कामगारों को वापस लाने के उपायों और इस महामारी से उबरने के प्रयासों पर भी चर्चा की गई.
इस पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि सबकी चिंता यही है कि लॉकडाउन 3.0 के बाद क्या होगा. सरकार को बताना चाहिए कि लॉकडाउन के बाद उसके पास क्या प्लान है. दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कोविड के साथ लड़ाई में बुजुर्गों, डायबिटिक और हार्ट मरीजों को बचाना जरुरी है. पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि राज्यों के सामने वित्तीय संकट गहराता जा रहा है, केंद्र सरकार की ओर से कोई धन आवंटित नहीं किया जा रहा.