जयपुर. केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है. राजस्थान में भी लगातार किसान संगठन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. किसान संगठनों और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने सोमवार को एक रैली निकालकर मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. इस संबंध में जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी दिया गया.
किसान संगठनों, राजनीतिक पार्टियों और अन्य मजदूर यूनियन के सदस्य सोमवार को खासाकोठी पर जमा हुए और मोदी सरकार के खिलाफ कृषि कानूनों को लेकर नारेबाजी की. इस रैली में किसान और महिलाएं शामिल थी. लोगों ने अपने हाथों में नारे लिखी हुई तख्तियां भी ली हुई थी, सभी ने कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार को कोसा. सभी लोगों ने जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर काफी देर तक नारेबाजी की और सभा का भी आयोजन किया. इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल जयपुर कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा के पास पहुंचा और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया. ज्ञापन में मांग की गई है कि किसान मजदूर व्यापारी व आमजन विरोधी तीनों कृषि कानूनों को वापस ले.
ज्ञापन में बताया गया कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली बॉर्डर पर सड़क पर बैठकर विरोध कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार इन किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने को तैयार नहीं है. केंद्र सरकार का यह अड़ियल रवैया किसानों के हित में नहीं है. तीनों कृषि कानूनों पर संसद में भी चर्चा नहीं करवाई गई तथा जो सांसद बोलना चाहते थे, उनको बोलने नहीं दिया गया.
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इस प्रदर्शन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी, सीटू एटक, निर्माण मजदूर यूनियन, राजस्थान नागरिक मंच, जनवादी महिला समिति, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति और जमात ए इस्लामी आदि संगठन शामिल थे. किसान नेता तारा सिंह सिद्धू ने बताया किसानों के संघर्ष को समर्थन देने, कृषि कानूनों को वापस लेने और केंद्र सरकार की किसान और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ यह प्रदर्शन किया जा रहा है और यह प्रदर्शन पूरे देश में हो रहा है.
उन्होंने कहा कि इस लड़ाई को गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा. लोग नरेंद्र मोदी की दमनकारी नीतियों को समझ चुके हैं और यह मानते हैं कि उन नीतियों के खिलाफ लड़ा जाना चाहिए. अंबानी और अडानी के उत्पादों का भी बहिष्कार किया जाएगा.