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उर्दू शिक्षक और मदरसा पैराटीचर्स अपनी मांग पर अड़े...'मुख्यमंत्री से वार्ता तक जारी रहेगा अनिश्चितकालीन धरना' - jaipur urdu teachers protest

उर्दू शिक्षा को बंद करने के विरोध और मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने की मांग पर प्रदर्शन कर रहे उर्दू शिक्षक और मदरसा पैराटीचर्स अपनी मांग पर अड़ गए हैं. उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक मुख्यमंत्री से उनकी वार्ता नहीं हो जाती, तब तक यह धरना अनिश्चितकालीन रहेगा. आदर्श नगर विधायक रफीक खान को भी कह दिया गया है कि वे मुख्यमंत्री से वार्ता कराने में पहल करें.

protest of rajasthan urdu teachers association
अनिश्चितकालीन धरना की दी चेतावनी
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Published : Jan 20, 2021, 6:35 PM IST

जयपुर. काफी लंबे समय से उर्दू भाषा की हो रही बदहाली और मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने की मांग को लेकर 18 जनवरी को उर्दू शिक्षकों और पैराटीचर्स ने जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया था, लेकिन प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से वार्ता नहीं होने पर उसी दिन धरना-प्रदर्शन अनिश्चितकालीन करने का निर्णय लिया गया था. आज बुधवार को धरने का तीसरा दिन था.

उर्दू शिक्षकों का धरना जारी...

मंगलवार देर रात को आदर्श नगर विधायक रफीक खान भी धरनास्थल पर पहुंचे थे और उनकी समस्याएं जानकर मुख्यमंत्री से वार्ता कराने में पहल कराने की अपील की थी. रफीक खान ने उन्हें पूरा आश्वासन भी दिया था. उर्दू तालीम बंद करने के विरोध और मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने की मांग के अलावा मदरसा पैराटीचर्स को समान काम, समान वेतन लागू करने, उर्दू विवाद प्रकरण में दोषी शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी को निलंबित करने, शिक्षा राज्य मंत्री को बर्खास्त करने, मदरसा शिक्षा सहायक भर्ती 2013 के 6 हजार पदों का परिणाम जारी करने के साथ ही मदरसा शिक्षा सहयोगी भर्ती 2013 की 2500 पदों की रद्द की गई भर्ती को फिर से पूरी करने की मांग को लेकर यह धरना दिया जा रहा है.

पढ़ें : डोटासरा अपना घर संभालें, उपचुनाव में जनता देगी करारा जवाब : भाजपा

उर्दू की स्कूलों में किताबें नहीं पहुंचने से भी उर्दू शिक्षक नाराज हैं. अमीन कायमखानी ने कहा कि रफीक खान को कह दिया गया है कि यह सियासी मामला नहीं है. हम लोग शिक्षा से संबंध रखते हैं. हम केवल मुख्यमंत्री से वार्ता करना चाहते हैं और रफीक खान ने मुख्यमंत्री कार्यालय में वार्ता के लिए अपॉइंटमेंट भी लिखा है. यदि विधायक के जरिए मुख्यमंत्री से वार्ता होती है तो अच्छी बात है. हम केवल मुख्यमंत्री के साथ फोटो खिंचवाने के लिए नहीं जा रहे हैं. हम हमारे मांग पत्र पर चर्चा करना चाहते हैं और उस पर कोई ना कोई निर्णय जरूर निकले.

कायमखानी ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही मुख्यमंत्री कार्यालय से उनके पास वार्ता के लिए न्योता जरूर आएगा और हम अपनी बात रखेंगे. विधायकों को भेजकर आंदोलन कुचलने के सवाल पर अमीन कायमखानी ने कहा कि सरकार किसी भी पार्टी की हो, यदि वह ऐसा सोचती है तो यह उनकी गलतफहमी है. सरकार की हर कूटनीति और चाणक्य नीति को खत्म करने के लिए हम पूरी तरह से सक्षम हैं. जब तक हमारी मांगों को लेकर कोई नतीजा नहीं आता है, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.

जयपुर. काफी लंबे समय से उर्दू भाषा की हो रही बदहाली और मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने की मांग को लेकर 18 जनवरी को उर्दू शिक्षकों और पैराटीचर्स ने जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया था, लेकिन प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से वार्ता नहीं होने पर उसी दिन धरना-प्रदर्शन अनिश्चितकालीन करने का निर्णय लिया गया था. आज बुधवार को धरने का तीसरा दिन था.

उर्दू शिक्षकों का धरना जारी...

मंगलवार देर रात को आदर्श नगर विधायक रफीक खान भी धरनास्थल पर पहुंचे थे और उनकी समस्याएं जानकर मुख्यमंत्री से वार्ता कराने में पहल कराने की अपील की थी. रफीक खान ने उन्हें पूरा आश्वासन भी दिया था. उर्दू तालीम बंद करने के विरोध और मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने की मांग के अलावा मदरसा पैराटीचर्स को समान काम, समान वेतन लागू करने, उर्दू विवाद प्रकरण में दोषी शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी को निलंबित करने, शिक्षा राज्य मंत्री को बर्खास्त करने, मदरसा शिक्षा सहायक भर्ती 2013 के 6 हजार पदों का परिणाम जारी करने के साथ ही मदरसा शिक्षा सहयोगी भर्ती 2013 की 2500 पदों की रद्द की गई भर्ती को फिर से पूरी करने की मांग को लेकर यह धरना दिया जा रहा है.

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उर्दू की स्कूलों में किताबें नहीं पहुंचने से भी उर्दू शिक्षक नाराज हैं. अमीन कायमखानी ने कहा कि रफीक खान को कह दिया गया है कि यह सियासी मामला नहीं है. हम लोग शिक्षा से संबंध रखते हैं. हम केवल मुख्यमंत्री से वार्ता करना चाहते हैं और रफीक खान ने मुख्यमंत्री कार्यालय में वार्ता के लिए अपॉइंटमेंट भी लिखा है. यदि विधायक के जरिए मुख्यमंत्री से वार्ता होती है तो अच्छी बात है. हम केवल मुख्यमंत्री के साथ फोटो खिंचवाने के लिए नहीं जा रहे हैं. हम हमारे मांग पत्र पर चर्चा करना चाहते हैं और उस पर कोई ना कोई निर्णय जरूर निकले.

कायमखानी ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही मुख्यमंत्री कार्यालय से उनके पास वार्ता के लिए न्योता जरूर आएगा और हम अपनी बात रखेंगे. विधायकों को भेजकर आंदोलन कुचलने के सवाल पर अमीन कायमखानी ने कहा कि सरकार किसी भी पार्टी की हो, यदि वह ऐसा सोचती है तो यह उनकी गलतफहमी है. सरकार की हर कूटनीति और चाणक्य नीति को खत्म करने के लिए हम पूरी तरह से सक्षम हैं. जब तक हमारी मांगों को लेकर कोई नतीजा नहीं आता है, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.

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