जयपुर. प्रदेश के शहरों को एक लाख से कम और एक लाख से ज्यादा आबादी के अनुसार दो भागों में बांटा गया है. लेकिन जयपुर को छोड़कर अब तक किसी भी शहर का जोनल प्लान पूरा नहीं बनाया गया है. यही वजह है कि अब राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी शहरों में मास्टर प्लान के तहत अधिसूचित जोनल प्लान और सेक्टर प्लान के विपरीत सार्वजनिक भूमि, कृषि भूमि और अन्य अवैध निर्माण के नियमन पर रोक लगा दी है.
हाईकोर्ट के इन आदेशों के बाद प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पट्टे बांटने का काम थमने की ओर है. हालांकि अब यूडीएच विभाग एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के जोनल प्लान बनाने और हाईकोर्ट के आदेश को लेकर रणनीति बनाने की तैयारी कर रहा है.
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प्रदेश के 193 शहरों में से 165 के जोनल प्लान तैयार नहीं
करीब 6 महीने से प्रदेश सरकार प्रशासन शहरों के संग अभियान की तैयारी कर रही थी. 2 अक्टूबर को गाजे बाजे के साथ खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस अभियान की शुरुआत भी की थी. 2012 के बाद प्रदेश के लोगों को पट्टे देने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा प्लान तैयार किया. लेकिन जोनल प्लान के बिना ये प्लान अधूरा ही रहा. दरअसल, प्रदेश के 193 शहरों में से 165 के जोनल प्लान अब तक तैयार नहीं किए गए. यही नहीं 27 बड़े शहरों का भी जोनल प्लान और सेक्टर प्लान का काम अधूरा ही है. जोधपुर, कोटा, उदयपुर, अजमेर जैसे बड़े शहरों में भी अब तक 60 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है.
यूडीएच विभाग ने बीते 2 महीने में 12 शहरों के संशोधित मास्टर प्लान दोबारा जारी करवाए. लेकिन निकायों ने जोनल प्लान नहीं बनाया. यही वजह है कि हाईकोर्ट ने अब सख्त रुख अख्तियार करते हुए राज्य सरकार के अभियान पर नकेल कसने का काम किया है.
शहरों के जोनल प्लान पूरा करने की कवायद
हालांकि अब यूडीएच विभाग हाईकोर्ट के आदेश की पालना के तहत मकानों का नियमन नहीं कर रहा. केवल भूखंडों का आवंटन पत्र जारी किया जा रहा है. साथ ही जिन शहरों के जोनल प्लान नहीं बने उन्हें पूरा कराया जा रहा है. गनीमत ये है कि प्रशासन शहरों के संग अभियान 6 महीने तक चलेगा. ऐसे में कोशिश यही है कि जल्द से जल्द जोनल प्लान का काम पूरा करते हुए आम जनता को राहत दी जाए. इसे लेकर 12 अक्टूबर को विभागीय अधिकारी लामबंद होकर रणनीति भी तैयार करेंगे.