ETV Bharat / city

बस-ट्रेन नहीं मिली तो साइकिल से घर के लिए रवावा हुए यूपी-बिहार के मजदूर

author img

By

Published : May 9, 2020, 12:40 PM IST

लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर परेशान हैं. काम-धंधे बंद होने के कारण इनके सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में जयपुर-आगरा हाइवे पर साइकिल से मजदूर अपने गृह जिलों की ओर जाते दिख रहे हैं.

UP and Bihar laborers, जयपुर न्यूज
साइकिल से घर जाने को निकले मजदूर

जयपुर. लॉकडाउन में प्रवासी मजदूर फंस गए हैं. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. ऐसे में जयपुर में साइकिल से कुछ मजदूर अपने गृह राज्यों की ओर लौटते दिखे. इन मजदूरों का कहना है कि पैदल घर जा नहीं सकते, बस-ट्रेन मिल नहीं रही, सेठ पैसा नहीं दे रहा है. ऐसे में कोई रास्ता नहीं बचा है तो अब साइकिल से ही अपने घर जाएंगे.

साइकिल से घर जाने को निकले मजदूर

प्रवासी श्रमिकों और कामगार अब किसी भी तरीके से अपने घर लौटना चाहते हैं. यह श्रमिक और कामगार वे हैं, जो अब तक इस उम्मीद में रुके हुए थे कि काम फिर से शुरू होगा. इन्हें रोजगार मिलेगा और जिंदगी पटरी पर लौट आएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. राजस्थान में फंसे बिहार और यूपी के मजदूरों के यही हालात हैं. नतीजा यह हुआ कि अब यह लोग अपने घरों को लौटने के लिए साइकिल के सहारे निकल पड़े हैं. जयपुर-आगरा हाईवे पर यही हालात बने हुए हैं, जहां बड़ी तादाद में मजदूर घर लौटते दिख रहे हैं.

यह भी पढ़ें. स्पेशल: कोटा में फंसे 8 हजार बिहार के मजदूर, सरकार से सवाल-कब चलेगी घर वापसी के लिए ट्रेनें

ज्यादातर मजदूर श्रमिक जोधपुर से निकले हैं. ये तमाम मजदूर साइकिल के जरिए निकल रहे हैं, जो हजार किमी दूर साइकिल पर सवार होकर यूपी और बिहार जा रहे हैं, लेकिन काम बंद हो गए हैं और उनके सेठ पैसे नहीं दे रहे हैं. ऐसे में अब मजदूरों ने मजबूर होकर यह निर्णय लिया है कि साइकिल से ही अपने घर जाएंगे. हालांकि, 10 से 15 दिन लग जाएंगे लेकिन फिर भी वह कम से कम अपने घर तो पहुंच जाएंगे.

यह भी पढ़ें. special story: सड़कों पर खड़े होकर घर जाने का करते हैं हर रोज इंतजार

दूसरी तरफ मजदूरों को यह नहीं पता है कि बॉर्डर सील है और आगे जाकर इन्हें और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा लेकिन यह मजदूर इसी आस में अपने प्रदेश में जा रहे हैं कि कम से कम अपने प्रदेश लौट कर उन्हें खाने-पीने की समस्या से तो नहीं जूझना पड़ेगा. साथ ही उनके परिजनों को भी जब वह सामने दिखेंगे तो शायद बुरे दिन भी उनके आसानी से कट जाए.

जयपुर. लॉकडाउन में प्रवासी मजदूर फंस गए हैं. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. ऐसे में जयपुर में साइकिल से कुछ मजदूर अपने गृह राज्यों की ओर लौटते दिखे. इन मजदूरों का कहना है कि पैदल घर जा नहीं सकते, बस-ट्रेन मिल नहीं रही, सेठ पैसा नहीं दे रहा है. ऐसे में कोई रास्ता नहीं बचा है तो अब साइकिल से ही अपने घर जाएंगे.

साइकिल से घर जाने को निकले मजदूर

प्रवासी श्रमिकों और कामगार अब किसी भी तरीके से अपने घर लौटना चाहते हैं. यह श्रमिक और कामगार वे हैं, जो अब तक इस उम्मीद में रुके हुए थे कि काम फिर से शुरू होगा. इन्हें रोजगार मिलेगा और जिंदगी पटरी पर लौट आएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. राजस्थान में फंसे बिहार और यूपी के मजदूरों के यही हालात हैं. नतीजा यह हुआ कि अब यह लोग अपने घरों को लौटने के लिए साइकिल के सहारे निकल पड़े हैं. जयपुर-आगरा हाईवे पर यही हालात बने हुए हैं, जहां बड़ी तादाद में मजदूर घर लौटते दिख रहे हैं.

यह भी पढ़ें. स्पेशल: कोटा में फंसे 8 हजार बिहार के मजदूर, सरकार से सवाल-कब चलेगी घर वापसी के लिए ट्रेनें

ज्यादातर मजदूर श्रमिक जोधपुर से निकले हैं. ये तमाम मजदूर साइकिल के जरिए निकल रहे हैं, जो हजार किमी दूर साइकिल पर सवार होकर यूपी और बिहार जा रहे हैं, लेकिन काम बंद हो गए हैं और उनके सेठ पैसे नहीं दे रहे हैं. ऐसे में अब मजदूरों ने मजबूर होकर यह निर्णय लिया है कि साइकिल से ही अपने घर जाएंगे. हालांकि, 10 से 15 दिन लग जाएंगे लेकिन फिर भी वह कम से कम अपने घर तो पहुंच जाएंगे.

यह भी पढ़ें. special story: सड़कों पर खड़े होकर घर जाने का करते हैं हर रोज इंतजार

दूसरी तरफ मजदूरों को यह नहीं पता है कि बॉर्डर सील है और आगे जाकर इन्हें और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा लेकिन यह मजदूर इसी आस में अपने प्रदेश में जा रहे हैं कि कम से कम अपने प्रदेश लौट कर उन्हें खाने-पीने की समस्या से तो नहीं जूझना पड़ेगा. साथ ही उनके परिजनों को भी जब वह सामने दिखेंगे तो शायद बुरे दिन भी उनके आसानी से कट जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.