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जयपुर के डॉक्टरों का कमाल, बीकानेर की राजकुमारी ऐसे बनी राजकुमार... - Rajasthan Patient Right to Live in Real Gender

राजधानी के डॉक्टर्स ने 12 साल के लंबे इलाज के बाद एक मरीज को वास्तविक जेंडर में जीने का अधिकार दिलाया है. जीवन के शुरुआती सालों में लड़की बनकर रह रहे मरीज को आखिरकार लड़का बनाने में सफलता मिली है. आइए आपको बताते हैं कि कैसे बीकानेर के एक घर की राजकुमारी बन गई राजकुमार...

Unique Operation in Dhanvantri Hospital
बीकानेर के एक घर की राजकुमारी बन गई राजकुमार
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Published : Sep 28, 2022, 6:57 PM IST

जयपुर. बीकानेर निवासी एक परिवार करीब 12 साल पहले जेके लोन के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. डीडी सिन्हा को अपनी बच्ची को दिखाने आए थे. परिजनों का कहना था कि उम्र के हिसाब से उसके जननांग विकसित नहीं हो रहे. चिकित्सकों ने जब मरीज की जांच कराई तो पता चला कि उसके आंतरिक जननांग पुरुष के हैं. जबकि बाह्य जननांग अविकसित स्त्री जननांग के समान हैं.

इस तरह की दिक्कत को मेडिकल भाषा में हाइपो-जेनआईटेलिया कहा जाता है, जिसमें बच्ची की आवाज समेत (Identification of Actual Gender) अन्य क्रियाकलाप भी लड़कों जैसे ही है. ऐसे में डॉक्टर्स ने क्रियोटाइपिंग टेस्ट कराया. इसमें पता चला कि मरीज में फीमेल इंटरनल सेक्स ऑर्गन जैसे ओवरी, यूट्रस आदि नहीं है. लेकिन पेट के दोनों तरफ चने के आकार के अंडकोष पाए गए. तब जाकर पता चला कि मरीज बच्ची नहीं, बल्कि बच्चा है.

राजकुमारी कैसे बन गई राजकुमार, सुनिए...

वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. डीडी सिन्हा ने बताया कि पहले थेरेपी फिर चार ऑपरेशन किए गए और 12 साल के ट्रीटमेंट के बाद (Operation for Sex Identification) राजकुमारी को वास्तविक जेंडर मिला. बच्चे को लंबे समय के लिए मेल हार्मोंस थेरेपी पर लगया गया. इस दौरान सभी मेल ऑर्गन विकसित हुए, लेकिन अविकसित लिंग के नीचे 1 छिद्रनुमा संरचना रह गई. ऐसे में वर्ष 2018 में बच्चे के अंडकोष को दोबारा अपनी स्थिति में लाने के लिए ऑपरेशन किया गया. फिर 2019 में जननांग को सीधा करके उसमें पेशाब का छिद्र बनाया गया.

वर्ष 2021 में पेशाब छिद्र को ऊपर की तरफ लाने के लिए ऑपरेशन किया गया. हाल ही में इस छिद्र को पूरी तरह से (Bikaner Rajkumari Became Rajkumar) विकसित करने के लिए ऑपरेशन किया गया. धन्वंतरि अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. आरपी सैनी ने बताया कि अब इस मरीज के सभी पुरुष जननांग नॉर्मल तरीके से काम कर रहे हैं. शादी के बाद भी उसे किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी.

पढ़ें : MP: मोनिका से राजवीर बना छात्र, विश्वविद्यालय से की दस्तावेज में लिंग और नाम सुधारने की मांग

बहरहाल, मरीज का परिवार बीपीएल की श्रेणी में है. ऑपरेशन में खास बात ये रही कि सरकार की पहले बीपीएल और फिर चिरंजीवी योजना से मरीज को पूरा इलाज निशुल्क मिला, जिसके चलते उसके परिवार पर कोई अतिरिक्त भार नहीं आया. अब तक स्कूल से दूर रही ये राजकुमारी, राजकुमार बनने के बाद (Rajasthan Patient Right to Live in Real Gender) अब अपने सपने भी साकार कर पाएगा.

जयपुर. बीकानेर निवासी एक परिवार करीब 12 साल पहले जेके लोन के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. डीडी सिन्हा को अपनी बच्ची को दिखाने आए थे. परिजनों का कहना था कि उम्र के हिसाब से उसके जननांग विकसित नहीं हो रहे. चिकित्सकों ने जब मरीज की जांच कराई तो पता चला कि उसके आंतरिक जननांग पुरुष के हैं. जबकि बाह्य जननांग अविकसित स्त्री जननांग के समान हैं.

इस तरह की दिक्कत को मेडिकल भाषा में हाइपो-जेनआईटेलिया कहा जाता है, जिसमें बच्ची की आवाज समेत (Identification of Actual Gender) अन्य क्रियाकलाप भी लड़कों जैसे ही है. ऐसे में डॉक्टर्स ने क्रियोटाइपिंग टेस्ट कराया. इसमें पता चला कि मरीज में फीमेल इंटरनल सेक्स ऑर्गन जैसे ओवरी, यूट्रस आदि नहीं है. लेकिन पेट के दोनों तरफ चने के आकार के अंडकोष पाए गए. तब जाकर पता चला कि मरीज बच्ची नहीं, बल्कि बच्चा है.

राजकुमारी कैसे बन गई राजकुमार, सुनिए...

वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. डीडी सिन्हा ने बताया कि पहले थेरेपी फिर चार ऑपरेशन किए गए और 12 साल के ट्रीटमेंट के बाद (Operation for Sex Identification) राजकुमारी को वास्तविक जेंडर मिला. बच्चे को लंबे समय के लिए मेल हार्मोंस थेरेपी पर लगया गया. इस दौरान सभी मेल ऑर्गन विकसित हुए, लेकिन अविकसित लिंग के नीचे 1 छिद्रनुमा संरचना रह गई. ऐसे में वर्ष 2018 में बच्चे के अंडकोष को दोबारा अपनी स्थिति में लाने के लिए ऑपरेशन किया गया. फिर 2019 में जननांग को सीधा करके उसमें पेशाब का छिद्र बनाया गया.

वर्ष 2021 में पेशाब छिद्र को ऊपर की तरफ लाने के लिए ऑपरेशन किया गया. हाल ही में इस छिद्र को पूरी तरह से (Bikaner Rajkumari Became Rajkumar) विकसित करने के लिए ऑपरेशन किया गया. धन्वंतरि अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. आरपी सैनी ने बताया कि अब इस मरीज के सभी पुरुष जननांग नॉर्मल तरीके से काम कर रहे हैं. शादी के बाद भी उसे किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी.

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बहरहाल, मरीज का परिवार बीपीएल की श्रेणी में है. ऑपरेशन में खास बात ये रही कि सरकार की पहले बीपीएल और फिर चिरंजीवी योजना से मरीज को पूरा इलाज निशुल्क मिला, जिसके चलते उसके परिवार पर कोई अतिरिक्त भार नहीं आया. अब तक स्कूल से दूर रही ये राजकुमारी, राजकुमार बनने के बाद (Rajasthan Patient Right to Live in Real Gender) अब अपने सपने भी साकार कर पाएगा.

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