जयपुर. यूनेस्को टीम ने जयपुर शहर की विरासत को यूरोप से भी अच्छा बताते हुए इसके बेहतर तरीके से संरक्षण की आवश्यकता बताई. यूनेस्को दल ने शनिवार को परकोटे के चौकड़ी विश्वेश्वर का 4 घंटे भ्रमण कर पुरानी हवेलियां, मकानों, दरवाजों और खिड़कियों की बनावट को गहनता से समझा और खुशी भी जाहिर की. हालांकि बाजारों में झूलते तार, लटकते मीटर और गलियों में लगे जेवीवीएनएल के डीपी जंक्शन से लगते हुए तारों को लेकर सवाल भी खड़े (UNESCO team not happy with hanging electric wires in Jaipur) किए.
यूनेस्को दल ने चौकड़ी विश्वेश्वर में हनुमान जी का रास्ता से अपना भ्रमण शुरू करते हुए रामलाल जी का रास्ता, बापू बाजार, त्रिपोलिया बाजार और जोहरी बाजार का दौरा किया. यहां कांच की खिड़कियां, दरवाजे, हेरिटेज बिजली के पोल, जल संरक्षण की व्यवस्था, हवेलियों के चौक में बैठने की जगह, इन पर हुई चित्रकारी और बनावट को देख कर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इस पुरानी वास्तुकला को जिंदा रखने के साथ-साथ आने वाले पर्यटकों को दिखाने के लिए आमजन के सहयोग से संरक्षण करना चाहिए.
यूनेस्को की टीम ने लक्ष्मी मिष्ठान भंडार के पीछे पुराने समय से पेयजल वितरण व्यवस्था के लिए कुएं में लगाए गए पंप सेट, हवेलियों के मालिकों की ओर से हेरिटेज हवेली का बेहतर रिनोवेशन की सराहना की. उन्होंने कहा कि जयपुर शहर के हेरिटेज की हवेलियों में विदेशी पर्यटकों को आने जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, जिससे टूरिज्म को बढ़ावा मिले. आपको बता दें यूनेस्को टीम 9 अप्रैल तक जयपुर के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करेगी. साथ ही स्थानीय लोगों, व्यापारियों और हेरिटेज सेल के लोगों से भी बातचीत की करेगी. आखिर में एकत्र जानकारी, अनुभव और डाटा को आधार बनाकर चर्चा करते हुए रिपोर्ट कार्ड तैयार होगी.