जयपुर. प्रदेश के बेरोजगारों ने लंबित मांगों को लेकर एक बार फिर हुंकार भरी है. सरकार से अपनी अधूरी मांगों को पूरा करवाने के लिए सैंकड़ों बेरोजगारों ने महापड़ाव शुरू कर दिया है. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले बेरोजगारों ने गुरुवार को विधानसभा का घेराव (Unemployed protest outside Rajasthan Vidhansabha) किया. इस विधानसभा घेराव में अलग-अलग भर्तियों के बेरोजगार युवा शामिल हुए.
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव के नेतृत्व में अपनी लंबित मांगों को लेकर बेरोजगारों ने 9 फरवरी को भी विधानसभा का घेराव किया था. उस समय सिविल लाइंस फाटक जाने को लेकर उनकी पुलिस से नोकझोंक भी हुई थी. हालांकि, उपेन यादव ने मुख्यमंत्री की ओर से बजट में एक लाख नौकरियों और चीटिंग सेल के गठन को लेकर उनका आभार भी जताया है. इसके बावजूद भी उनकी कई सारी मांगें लंबित है. उन्हीं मांगों को लेकर उपेन यादव ने सैकड़ों बेरोजगारों के साथ गुरुवार को विधानसभा का घेराव किया.
उपेन यादव ने कहा कि एक साल पहले सरकार के साथ लिखित समझौता हुआ था और इसके बाद लखनऊ में समझौता हुआ. दोनों ही समझौतों की कई मांगे अधूरी है. कई भर्तियां लंबित हैं और कई भर्तियों में पद बढ़ाने की मांग भी बेरोजगारों की ओर से की जा रही है. रीट परीक्षा की सीबीआई जांच करवाने, रीट का डाटा सार्वजनिक करने, मंत्री सुभाष गर्ग को बर्खास्त करने, नकल रोकने के लिए गैर जमानती कानून लाने, भर्तियों में बाहरी राज्यों का कोटा कम करने, प्रतियोगी परीक्षा में इंटरव्यू प्रथा समाप्त करने और पीटीआई अरबपशुधन सहायक भर्ती में पद बढ़ाने सहित अलग-अलग मांगों को लेकर उपेन यादव ने सैकड़ों बेरोजगार युवाओं के साथ विधानसभा का घेराव किया.