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2 करोड़ की मशीन से साफ होंगी जयपुर की सड़कें, ग्रेटर निगम को करना होगा इंतजार

परकोटे में अब आधुनिक रोड स्वीपिंग मशीन से ठोस कचरा प्रबंधन (solid waste management) को बेहतर बनाने की कवायद की गई है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने शनिवार को 2.10 करोड़ की रोड स्वीपिंग मशीन (UDH Minister Shanti Dhariwal) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

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2 करोड़ की मशीन से साफ होंगी जयपुर की सड़कें
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Published : Feb 12, 2022, 2:10 PM IST

Updated : Feb 13, 2022, 10:40 AM IST

जयपुर. 2.10 करोड़ की रोड स्वीपिंग मशीन 1 दिन में 70 किलोमीटर क्षेत्र में सफाई (Road Sweeper Machine to Sweep streets in parkota area) करेगी. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लाई गई इस मशीन को हेरिटेज नगर निगम को सौंपा गया है. जबकि ग्रेटर नगर निगम में ज्यादा चौड़ी सड़कें मौजूद हैं लेकिन वहां अभी ये काम टेंडर पर ली गई मशीनों के माध्यम से किया जा रहा है.

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत ठोस कचरा प्रबंधन (solid waste management) के क्षेत्र में जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र की सड़कों को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से अत्याधुनिक रोड स्वीपिंग मशीन (DULEVO 6000 Sweeping Machine) खरीदी गई है. जिसकी लागत 2.10 करोड़ है. चूंकि परकोटा क्षेत्र हेरिटेज नगर निगम में आता है ऐसे में इस मशीन को हेरिटेज निगम के सुपुर्द किया गया है. ये प्रदेश में अपनी तरह की पहली रोड स्वीपिंग मशीन है.

2 करोड़ की मशीन से साफ होंगी जयपुर की सड़कें

पढ़ें- हेरिटेज निगम ने बकाया शुल्क जमा नहीं कराने वाले चार मैरिज गार्डन और दो अवैध निर्माण पर की कार्रवाई

ये है खासियत :
- मशीन में सफाई करने के लिए "Combination of Conveyer and Vaccum type" क्रियाविधि का उपयोग किया गया है।
- मशीन के इंजन की क्षमता 4485 सीसी और 158 एचपी
- मशीन की भार क्षमता 5.3 टन
- मशीन का प्रदूषण मानक BS-VI
- मशीन की कार्य करने की गति 10 किमी / घण्टा (70 किमी./ शिफ्ट)
- मशीन में स्वचालित ग्रूम्स (झाड) की संख्या 4
- मशीन में पीएम 10 माइक्रोन-गोरे फिल्टर तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे एक्जास्ट के समय प्रदूषण नहीं होता है।
- मशीन की रोड सफाई करने की अधिकतम चौड़ाई क्षमता- 3.50मी
- सफाई के दौरान धूल उड़ने से बचाने के लिए मशीन में स्प्रिंगकल सिस्टम के साथ 400 लीटर क्षमता का पानी का टैंक है।
- सीपीसीबी मानदंडों के अनुसार शोर-99.4 डीबी है।
- इसमें 150 एमएम व्यास एवं 5 मीटर लंबा सक्शन पाईप है, जो कि सूखे कचरे के ढेर को कुछ ही क्षण में खाली कर सकता है।
- मशीन की वारण्टी-12 महीना
- मशीन की फ्री सर्विस- 06
- ये मशीन ISO प्रमाणित है.

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने रोड स्वीपर मशीन (UDH Minister Shanti Dhariwal) को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा कि 2.10 करोड़ की लागत से खरीदी गई मशीन का संचालन शहर में रात्रि के समय होगा. ये मशीन एक रात में 70 किलोमीटर कवर करेगी. यदि ये प्रयोग सक्सेसफुल होता है, तो निश्चित तौर पर बड़े नगर निगम और नगर परिषद में इस तरह की मशीन दिलाने का प्रयास किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- हेरिटेज निगम क्षेत्र में सीकर हाउस में बेशकीमती जमीन को कराया मुक्त, ग्रेटर निगम में अस्थाई अतिक्रमण पर की कार्रवाई

ये भी पढ़ें- जयपुर : कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं करने पर ग्रेटर और हेरिटेज निगम क्षेत्र में 17 प्रतिष्ठान सीज

महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा कि सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाना प्रमुख उद्देश्य है. पहले ये काम ठेके पर किया जा रहा था लेकिन अब इसे खरीदा गया है, और यदि ये बेहतर काम करेगी तो और मशीनें भी खरीदी जाएंगी. जबकि कमिश्नर अवधेश मीना ने बताया कि रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक रोड स्वीपर मशीन मेजर रोड्स पर संचालित होगी. परकोटा क्षेत्र के लिए एक छोटी मशीन और मंगवाई गई है जो छोटी गलियों की सफाई करेगी.

हालांकि अभी परकोटा क्षेत्र में जगह-जगह सड़कें खुदी पड़ी हैं. ऐसे में हाईटेक मशीन से सफाई को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि किसी लाइन या पीएचईडी के कोई वर्क चल रहे हैं. उन्हें निगम और स्मार्ट सिटी के जरिए कवर करने का प्लान बनाया जा रहा है ताकि इन रोड्स को रीस्टोर किया जा सके.

जयपुर. 2.10 करोड़ की रोड स्वीपिंग मशीन 1 दिन में 70 किलोमीटर क्षेत्र में सफाई (Road Sweeper Machine to Sweep streets in parkota area) करेगी. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लाई गई इस मशीन को हेरिटेज नगर निगम को सौंपा गया है. जबकि ग्रेटर नगर निगम में ज्यादा चौड़ी सड़कें मौजूद हैं लेकिन वहां अभी ये काम टेंडर पर ली गई मशीनों के माध्यम से किया जा रहा है.

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत ठोस कचरा प्रबंधन (solid waste management) के क्षेत्र में जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र की सड़कों को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से अत्याधुनिक रोड स्वीपिंग मशीन (DULEVO 6000 Sweeping Machine) खरीदी गई है. जिसकी लागत 2.10 करोड़ है. चूंकि परकोटा क्षेत्र हेरिटेज नगर निगम में आता है ऐसे में इस मशीन को हेरिटेज निगम के सुपुर्द किया गया है. ये प्रदेश में अपनी तरह की पहली रोड स्वीपिंग मशीन है.

2 करोड़ की मशीन से साफ होंगी जयपुर की सड़कें

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ये है खासियत :
- मशीन में सफाई करने के लिए "Combination of Conveyer and Vaccum type" क्रियाविधि का उपयोग किया गया है।
- मशीन के इंजन की क्षमता 4485 सीसी और 158 एचपी
- मशीन की भार क्षमता 5.3 टन
- मशीन का प्रदूषण मानक BS-VI
- मशीन की कार्य करने की गति 10 किमी / घण्टा (70 किमी./ शिफ्ट)
- मशीन में स्वचालित ग्रूम्स (झाड) की संख्या 4
- मशीन में पीएम 10 माइक्रोन-गोरे फिल्टर तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे एक्जास्ट के समय प्रदूषण नहीं होता है।
- मशीन की रोड सफाई करने की अधिकतम चौड़ाई क्षमता- 3.50मी
- सफाई के दौरान धूल उड़ने से बचाने के लिए मशीन में स्प्रिंगकल सिस्टम के साथ 400 लीटर क्षमता का पानी का टैंक है।
- सीपीसीबी मानदंडों के अनुसार शोर-99.4 डीबी है।
- इसमें 150 एमएम व्यास एवं 5 मीटर लंबा सक्शन पाईप है, जो कि सूखे कचरे के ढेर को कुछ ही क्षण में खाली कर सकता है।
- मशीन की वारण्टी-12 महीना
- मशीन की फ्री सर्विस- 06
- ये मशीन ISO प्रमाणित है.

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने रोड स्वीपर मशीन (UDH Minister Shanti Dhariwal) को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा कि 2.10 करोड़ की लागत से खरीदी गई मशीन का संचालन शहर में रात्रि के समय होगा. ये मशीन एक रात में 70 किलोमीटर कवर करेगी. यदि ये प्रयोग सक्सेसफुल होता है, तो निश्चित तौर पर बड़े नगर निगम और नगर परिषद में इस तरह की मशीन दिलाने का प्रयास किया जाएगा.

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महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा कि सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाना प्रमुख उद्देश्य है. पहले ये काम ठेके पर किया जा रहा था लेकिन अब इसे खरीदा गया है, और यदि ये बेहतर काम करेगी तो और मशीनें भी खरीदी जाएंगी. जबकि कमिश्नर अवधेश मीना ने बताया कि रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक रोड स्वीपर मशीन मेजर रोड्स पर संचालित होगी. परकोटा क्षेत्र के लिए एक छोटी मशीन और मंगवाई गई है जो छोटी गलियों की सफाई करेगी.

हालांकि अभी परकोटा क्षेत्र में जगह-जगह सड़कें खुदी पड़ी हैं. ऐसे में हाईटेक मशीन से सफाई को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि किसी लाइन या पीएचईडी के कोई वर्क चल रहे हैं. उन्हें निगम और स्मार्ट सिटी के जरिए कवर करने का प्लान बनाया जा रहा है ताकि इन रोड्स को रीस्टोर किया जा सके.

Last Updated : Feb 13, 2022, 10:40 AM IST
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