जयपुर. उदयपुर में कन्हैयालाल की जघन्य हत्या (Udaipur Murder Case) करने वाले दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अत्तारी की तरह ही राजस्थान में 40 अन्य लोगों को भी नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले लोगों का सिर कलम करने का टारगेट दिया गया था. एनआईए और राजस्थान पुलिस की एसआईटी की ओर से की गई जांच और आरोपियों के मोबाइल की कॉल डिटेल व व्हाट्सएप ग्रुप के अनुसंधान में यह तथ्य सामने आए हैं.
फिलहाल, मोबाइल नंबर के आधार पर एनआईए और एसआईटी ने 40 लोगों को आईडेंटिफाई करने का काम करना शुरू कर दिया है और उनकी धरपकड़ के लिए दबिश भी दी जा रही है. एसआईटी सूत्रों के अनुसार यह सभी 40 लोग राजस्थान के 6 अलग-अलग जिलों से संबंध रखते हैं, जो कि पिछले 1 वर्ष से दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े हुए हैं. इन्हें व्हाट्सएप और सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म के माध्यम से पाकिस्तान से ट्रेनिंग व इंस्ट्रक्शन दिए जा रहे थे.
पढ़ें- राजस्थानः उदयपुर हत्या पर गहलोत बोले- भाजपा ने किए थे हत्यारों को छोड़ने के लिए पुलिस को फोन
इन सभी 40 लोगों को पाकिस्तान से ही टारगेट दिया गया था कि वह अपने-अपने जिलों में नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने वाले लोगों का सिर कलम करें और उसका वीडियो बनाकर वायरल करें. फिलहाल, इन सभी 40 लोगों का पता लगाने में एनआईए और एसआईटी जुट गई है. इन लोगों को आईडेंटिफाई करने के बाद ही प्रकरण में आगे बड़े खुलासे हो सकेंगे.
लोगों का ब्रेनवाश करने के लिए बांटी आपत्तिजनक किताबें- एनआईए और एसआईटी की जांच में यह तथ्य भी सामने आए हैं कि हत्यारे गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अत्तारी ने अजमेर के लोगों को दावत-ए-इस्लामी संगठन से जोड़ने के लिए और उनका ब्रेनवाश करने के लिए कई आपत्तिजनक किताबें भी लोगों को बांटी थी. इसके लिए बकायदा अजमेर में एक दुकान भी खोली गई थी और आपत्तिजनक किताबें बांटने के लिए एक बुक सेलर को रोज 350 रुपए भी देते थे. हालांकि दुकान अजमेर के किस क्षेत्र में खोली गई और किस बुक सेलर के माध्यम से आपत्तिजनक किताबें बांटी गई, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.