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जयपुर: सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दे दो युवकों से 10.50 लाख रुपए की ठगी - Rajasthan News

राजधानी जयपुर में गुरुवार को सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर दो युवकों से 10.50 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

cheating case in jaipur, Rajasthan News
सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर ठगी
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Published : Sep 23, 2021, 9:40 AM IST

जयपुर. राजधानी के मालवीय नगर और मुरलीपुरा थाने में सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर लाखों रुपए ठगने के 2 प्रकरण दर्ज हुए हैं. जिसमें 2 युवाओं से सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 10.50 लाख रुपए ठगे गए हैं. ठगी का पहला मामला मालवीय नगर थाने में राकेश कुमार मीणा ने दर्ज करवाया है.

पढ़ें- जयपुर शहर में करोड़ों रुपए की चोरी करने वाला अंतरराष्ट्रीय बांग्लादेशी नकबजन गिरफ्तार, वारदात को अंजाम देकर भाग जाता था बांग्लादेश

पीड़ित ने शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि वह एक कंपनी की कैब चलाने का काम किया करता है और गोल्ड सुख के पास स्थित पेट्रोल पंप से हमेशा गाड़ी में डीजल भरवाता है. कंपनी का पेट्रोल पंप से डीजल लेने का टाइअप होने के चलते उसी पेट्रोल पंप से पीड़ित गाड़ी में डीजल भरवाता आ रहा है और वहां काम करने वाले भंवर लाल पारीक से उसकी अच्छी जान पहचान हो गई है. भंवर लाल पारीक ने जुलाई 2021 में पीड़ित को कलेक्ट्रेट या नगर निगम में सरकारी कर्मचारी लगवाने का आश्वासन दिया और 7 लाख रुपए का इंतजाम करने के लिए कहा.

इसके बाद भंवर लाल पारीक ने पीड़ित से 7 लाख रुपए ले लिए और जल्द ही सरकारी नौकरी का अपॉइंटमेंट लेटर लाकर देने का आश्वासन दिया. एक महीना बीत जाने के बाद भी जब पीड़ित की सरकारी नौकरी नहीं लगी तो उसने भंवर लाल पारीक से 7 लाख रुपए वापस लौटाने के लिए कहा. जिस पर भंवर लाल पारीक ने 7 लाख रुपए की राशि भरकर एक चेक पीड़ित को दे दिया और उसे बैंक में लगाकर अपने रुपए वापस प्राप्त करने के लिए कहा.

इस पर जब पीड़ित ने भंवर लाल पारीक द्वारा दिया गया चेक बैंक में लगाया तो वह चेक खाते में राशि नहीं होने के चलते अनादरित हो गया. इसपर पीड़ित ने भंवर लाल से बात की तो उसने राशि वापस लौटाने से इनकार कर दिया. इस प्रकार से ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित ने मालवीय नगर थाने में ठगी का मामला करवाया.

सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर ठगी

वहीं, ठगी का दूसरा मामला मुरलीपुरा थाने में राहुल सैनी ने दर्ज करवाया है. शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि पीड़ित ने बीएससी नर्सिंग किया हुआ है और वर्तमान में वह विद्याधर नगर में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टॉफ के रूप में काम कर रहा है. अस्पताल में काम करने के दौरान उसकी मुलाकात गोपाल चोपड़ा नामक एक व्यक्ति से हुई जिसने राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ नर्स की वैकेंसी निकलने की बात कहते हुए सरकारी नौकरी लगाने का आश्वासन दिया.

पढ़ें- कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस के गुर्गे संपत नेहरा को प्रोडक्शन वारंट पर जयपुर लाई पुलिस

इसके बाद गोपाल ने पीड़ित की मुलाकात नरेश शर्मा नामक एक अन्य व्यक्ति से करवाई, जिसने खुद को सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी बताया और साथ ही सरकारी नौकरी लगाने की एवज में 5 लाख रुपए की मांग की. जिस पर पीड़ित ठगों के झांसे में आकर राशि देने के लिए तैयार हो गया और उसने 3.50 लाख रुपए अपने परिचितों से उधार लेकर गोपाल और नरेश को सौंप दिए. साथ ही शेष 1.50 लाख रुपए नौकरी लगने के बाद देना तय किया गया.

इसके बाद पीड़ित ने राजस्थान सरकार की ओर से निकाली गई स्टाफ नर्स वैकेंसी की परीक्षा दी लेकिन तीनों सूचियों में उसका नाम नहीं आया. इस पर जब पीड़ित ने गोपाल और नरेश से संपर्क किया तो उन्होंने मई 2021 में 3.50 लाख रुपए वापस लौटाने की बात कहते हुए एक चेक पीड़ित को दे दिया. पीड़ित ने जैसे ही चेक बैंक में लगाया वह गलत हस्ताक्षर के चलते अनादरित हो गया. इस पर जब पीड़ित ने फिर से दोनों व्यक्तियों से संपर्क किया तब उन्होंने राशि वापस लौट आने से इनकार कर दिया. इस प्रकार से ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई.

जयपुर. राजधानी के मालवीय नगर और मुरलीपुरा थाने में सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर लाखों रुपए ठगने के 2 प्रकरण दर्ज हुए हैं. जिसमें 2 युवाओं से सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 10.50 लाख रुपए ठगे गए हैं. ठगी का पहला मामला मालवीय नगर थाने में राकेश कुमार मीणा ने दर्ज करवाया है.

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पीड़ित ने शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि वह एक कंपनी की कैब चलाने का काम किया करता है और गोल्ड सुख के पास स्थित पेट्रोल पंप से हमेशा गाड़ी में डीजल भरवाता है. कंपनी का पेट्रोल पंप से डीजल लेने का टाइअप होने के चलते उसी पेट्रोल पंप से पीड़ित गाड़ी में डीजल भरवाता आ रहा है और वहां काम करने वाले भंवर लाल पारीक से उसकी अच्छी जान पहचान हो गई है. भंवर लाल पारीक ने जुलाई 2021 में पीड़ित को कलेक्ट्रेट या नगर निगम में सरकारी कर्मचारी लगवाने का आश्वासन दिया और 7 लाख रुपए का इंतजाम करने के लिए कहा.

इसके बाद भंवर लाल पारीक ने पीड़ित से 7 लाख रुपए ले लिए और जल्द ही सरकारी नौकरी का अपॉइंटमेंट लेटर लाकर देने का आश्वासन दिया. एक महीना बीत जाने के बाद भी जब पीड़ित की सरकारी नौकरी नहीं लगी तो उसने भंवर लाल पारीक से 7 लाख रुपए वापस लौटाने के लिए कहा. जिस पर भंवर लाल पारीक ने 7 लाख रुपए की राशि भरकर एक चेक पीड़ित को दे दिया और उसे बैंक में लगाकर अपने रुपए वापस प्राप्त करने के लिए कहा.

इस पर जब पीड़ित ने भंवर लाल पारीक द्वारा दिया गया चेक बैंक में लगाया तो वह चेक खाते में राशि नहीं होने के चलते अनादरित हो गया. इसपर पीड़ित ने भंवर लाल से बात की तो उसने राशि वापस लौटाने से इनकार कर दिया. इस प्रकार से ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित ने मालवीय नगर थाने में ठगी का मामला करवाया.

सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर ठगी

वहीं, ठगी का दूसरा मामला मुरलीपुरा थाने में राहुल सैनी ने दर्ज करवाया है. शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि पीड़ित ने बीएससी नर्सिंग किया हुआ है और वर्तमान में वह विद्याधर नगर में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टॉफ के रूप में काम कर रहा है. अस्पताल में काम करने के दौरान उसकी मुलाकात गोपाल चोपड़ा नामक एक व्यक्ति से हुई जिसने राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ नर्स की वैकेंसी निकलने की बात कहते हुए सरकारी नौकरी लगाने का आश्वासन दिया.

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इसके बाद गोपाल ने पीड़ित की मुलाकात नरेश शर्मा नामक एक अन्य व्यक्ति से करवाई, जिसने खुद को सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी बताया और साथ ही सरकारी नौकरी लगाने की एवज में 5 लाख रुपए की मांग की. जिस पर पीड़ित ठगों के झांसे में आकर राशि देने के लिए तैयार हो गया और उसने 3.50 लाख रुपए अपने परिचितों से उधार लेकर गोपाल और नरेश को सौंप दिए. साथ ही शेष 1.50 लाख रुपए नौकरी लगने के बाद देना तय किया गया.

इसके बाद पीड़ित ने राजस्थान सरकार की ओर से निकाली गई स्टाफ नर्स वैकेंसी की परीक्षा दी लेकिन तीनों सूचियों में उसका नाम नहीं आया. इस पर जब पीड़ित ने गोपाल और नरेश से संपर्क किया तो उन्होंने मई 2021 में 3.50 लाख रुपए वापस लौटाने की बात कहते हुए एक चेक पीड़ित को दे दिया. पीड़ित ने जैसे ही चेक बैंक में लगाया वह गलत हस्ताक्षर के चलते अनादरित हो गया. इस पर जब पीड़ित ने फिर से दोनों व्यक्तियों से संपर्क किया तब उन्होंने राशि वापस लौट आने से इनकार कर दिया. इस प्रकार से ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई.

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