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महामारी के दौर में जरुरतमंदों तक भोजन पहुंचा रहीं टिफिन वाली बहनें, 50 लोगों को सप्लाई कर रहीं खाना - Tiffin sisters of jaipur

अमेरिका से लौटीं जयपुर की दो बहनों ने कोरोना संक्रमण के इस दौर में कोरोना पीड़ितों की सेवा को ही अपना धर्म बना लिया है. अभी वे 50 कोरोना मरीजों तक खाना पहुंचा रहीं हैं.

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कोरोना मरीजों तक खाना पहुंचा रहीं जयपुर की बेटियां
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Published : May 11, 2021, 11:10 PM IST

जयपुर. जयपुर की 2 बेटियां कोरोना महामारी के इस दौर में पीड़ित मानवता की सेवा करने में जुटी हैं. इनमें एक बहन आईटी प्राफेशनल है तो दूसरी रेकी मास्टर है. दोनों बहनें जरुरतमंद कोरोना संक्रमितों के लिये खाना तैयार करती हैं और लोगों तक पहुंचा रहीं हैं.

कोरोना के भयावह हालात के बीच जयपुर की पूजा जब पिछले साल अमेरिका से आईं तब से दोनों बहनें जरुरतमंदों की सेवा कार्य में लगी हुई हैं. पूजा अमेरिका में हालात सामान्य होने का इंतजार कर हीं रही थी कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा दी. उन्होंने अमेरिका जाना स्थगित किया और दोनों बहनें मानवता की सेवा में जुट गईं. जयपुर के बजाज नगर इलाके में लोग उन्हें टिफिन वाली बहनें कहकर पुकारते हैं. खाने में ऑर्गेनिक सब्जियां बनाकर दी जाती हैं. फिल्म अभिनेता सोनू सूद के कार्यों से प्रभावित होकर दोनों बहनों ने जरूरतमंदों के भोजन बनाने का कार्य शुरू किया है. उन्होंने अपने मोबाइल नंबर भी उन लोगों को दिए हैं जो संकट की इस घड़ी में जरुरतमंदों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं.

पढ़ें: Rajasthan corona Update : राजस्थान में कोरोना के 16080 नए मामले, 169 मरीजों की मौत, आज रिकवर हुए 13198

जानकारी के मुताबिक राजधानी जयपुर में दो सगी बहनें कोरोना महामारी के दौर में जरूरतमंद लोगों के लिए बड़ा सहारा बन गईं हैं. पेशे से आईटी प्रोफेशनल और अमेरिका में काम कर रही पूजा हरितवाल और उनकी बहन रेकी मास्टर वंदना जोशी उन परिवारों तक खाना पहुंचा रही हैं जो कोरोना संक्रमित हैं और स्वयं खाने का इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं. यह खाना उन अनजान रोगियों की सलामती के लिए बनाया जाता है जिनको दोनों बहनों ने कभी देखा भी नहीं है, लेकिन उनके घर पर जब किसी कोरोना मरीज को खाना पहुंचाने का मैसेज आता तो वे पूरे मनोयोग के साथ जुट जाती हैं.

पहले इक्का दुक्का लोगों के खाने के फोन आते थे, लेकिन अब ये संख्या बढ़कर 50 तक पहुंच गई है. कहा जाता है कि भोजन में जब दुआ शामिल हो जाती है तो वह दवा बन जाती है. पूजा और वंदना का कहना है कि खाना बनाते समय वे हमेशा प्रार्थना करती हैं कि वे भोजन करते रहें और जल्द ही स्वस्थ हो जाएं.

पढ़ें: राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ CM गहलोत का संवाद, कहा- मानव सेवा के लिए एकजुट होने का समय

पूजा कहती हैं जब हम रोगी तक खाना पहुंचाते हैं और उनका मनोबल बढ़ाते हैं तो उन्हें एहसास होता है कि वे अकेले नहीं हैं. उनकी हिम्मत बढ़ती है और वह जल्दी रिकवर करते हैं. इससे हमें आत्म संतुष्टि मिलती है और भगवान से यही प्रार्थना करती हैं कि उनका सेवाभाव हमेशा बना रहे. पूजा जोशी और उसकी बहन वंदना पिछले महीने से इस काम को कर रही हैं.

पूजा जोशी अमेरिका के ओमायो में रहती हैं. वह पेशे से आईटी इंजीनियर हैं. अपनी कंपनी की वह एमडी हैं. पिछले साल अमेरिका में जब हालात खराब हुए तो वह जयपुर स्थित पैतृक घर आ गईं थीं. तब से वह यहीं से वर्क फ्रॉम होम भी करती हैं और मानवता के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह भी कर रही हैं. जबकि पूजा की बहन वंदना जोशी रेकी मास्टर हैं. वह बड़ौदा में रहती हैं लेकिन फिलहाल जयपुर आई हुई हैं. उनके इस कार्य में वंदना का बेटा रोहन भी हाथ बंटाता है. रोहन मुंबई में पृथ्वी थिएटर में काम करता है. पेशे से वह एक एक्टर है. खाना तैयार कराने से लेकर जरुरतमंदों के घर तक उसे पहुंचाने में वह पूरा सहयोग देता है. टिफिन में पूरी बैलेंस डाइट होती है और ऑर्गेनिक सब्जियां ही बनाई जाती हैं.

पिछले साल दोनों बहनों का परिवार भी कोरोना से संक्रमित हो गया था. तब दोनों को एहसास हुआ कि जिन लोगों के परिवार में कोई मदद करने वाला नहीं है, उन तक खाना कैसे पहुंचाया जाए. इसके बाद दोनों ने खाना बनाकर जरुरतमंदों के घर तक पहुंचाने का काम शुरू किया.

जयपुर. जयपुर की 2 बेटियां कोरोना महामारी के इस दौर में पीड़ित मानवता की सेवा करने में जुटी हैं. इनमें एक बहन आईटी प्राफेशनल है तो दूसरी रेकी मास्टर है. दोनों बहनें जरुरतमंद कोरोना संक्रमितों के लिये खाना तैयार करती हैं और लोगों तक पहुंचा रहीं हैं.

कोरोना के भयावह हालात के बीच जयपुर की पूजा जब पिछले साल अमेरिका से आईं तब से दोनों बहनें जरुरतमंदों की सेवा कार्य में लगी हुई हैं. पूजा अमेरिका में हालात सामान्य होने का इंतजार कर हीं रही थी कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा दी. उन्होंने अमेरिका जाना स्थगित किया और दोनों बहनें मानवता की सेवा में जुट गईं. जयपुर के बजाज नगर इलाके में लोग उन्हें टिफिन वाली बहनें कहकर पुकारते हैं. खाने में ऑर्गेनिक सब्जियां बनाकर दी जाती हैं. फिल्म अभिनेता सोनू सूद के कार्यों से प्रभावित होकर दोनों बहनों ने जरूरतमंदों के भोजन बनाने का कार्य शुरू किया है. उन्होंने अपने मोबाइल नंबर भी उन लोगों को दिए हैं जो संकट की इस घड़ी में जरुरतमंदों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं.

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जानकारी के मुताबिक राजधानी जयपुर में दो सगी बहनें कोरोना महामारी के दौर में जरूरतमंद लोगों के लिए बड़ा सहारा बन गईं हैं. पेशे से आईटी प्रोफेशनल और अमेरिका में काम कर रही पूजा हरितवाल और उनकी बहन रेकी मास्टर वंदना जोशी उन परिवारों तक खाना पहुंचा रही हैं जो कोरोना संक्रमित हैं और स्वयं खाने का इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं. यह खाना उन अनजान रोगियों की सलामती के लिए बनाया जाता है जिनको दोनों बहनों ने कभी देखा भी नहीं है, लेकिन उनके घर पर जब किसी कोरोना मरीज को खाना पहुंचाने का मैसेज आता तो वे पूरे मनोयोग के साथ जुट जाती हैं.

पहले इक्का दुक्का लोगों के खाने के फोन आते थे, लेकिन अब ये संख्या बढ़कर 50 तक पहुंच गई है. कहा जाता है कि भोजन में जब दुआ शामिल हो जाती है तो वह दवा बन जाती है. पूजा और वंदना का कहना है कि खाना बनाते समय वे हमेशा प्रार्थना करती हैं कि वे भोजन करते रहें और जल्द ही स्वस्थ हो जाएं.

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पूजा कहती हैं जब हम रोगी तक खाना पहुंचाते हैं और उनका मनोबल बढ़ाते हैं तो उन्हें एहसास होता है कि वे अकेले नहीं हैं. उनकी हिम्मत बढ़ती है और वह जल्दी रिकवर करते हैं. इससे हमें आत्म संतुष्टि मिलती है और भगवान से यही प्रार्थना करती हैं कि उनका सेवाभाव हमेशा बना रहे. पूजा जोशी और उसकी बहन वंदना पिछले महीने से इस काम को कर रही हैं.

पूजा जोशी अमेरिका के ओमायो में रहती हैं. वह पेशे से आईटी इंजीनियर हैं. अपनी कंपनी की वह एमडी हैं. पिछले साल अमेरिका में जब हालात खराब हुए तो वह जयपुर स्थित पैतृक घर आ गईं थीं. तब से वह यहीं से वर्क फ्रॉम होम भी करती हैं और मानवता के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह भी कर रही हैं. जबकि पूजा की बहन वंदना जोशी रेकी मास्टर हैं. वह बड़ौदा में रहती हैं लेकिन फिलहाल जयपुर आई हुई हैं. उनके इस कार्य में वंदना का बेटा रोहन भी हाथ बंटाता है. रोहन मुंबई में पृथ्वी थिएटर में काम करता है. पेशे से वह एक एक्टर है. खाना तैयार कराने से लेकर जरुरतमंदों के घर तक उसे पहुंचाने में वह पूरा सहयोग देता है. टिफिन में पूरी बैलेंस डाइट होती है और ऑर्गेनिक सब्जियां ही बनाई जाती हैं.

पिछले साल दोनों बहनों का परिवार भी कोरोना से संक्रमित हो गया था. तब दोनों को एहसास हुआ कि जिन लोगों के परिवार में कोई मदद करने वाला नहीं है, उन तक खाना कैसे पहुंचाया जाए. इसके बाद दोनों ने खाना बनाकर जरुरतमंदों के घर तक पहुंचाने का काम शुरू किया.

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