जयपुर. पुलिस कमिश्नरेट की साइबर क्राइम थाना पुलिस ने नामी सॉफ्टवेयर कंपनी के नाम से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. कंपनी के कर्मचारी ही शातिर साइबर ठग निकले हैं. नामी सॉफ्टवेयर कंपनी के नाम से आरोपियों ने करोड़ों रुपए कमाए हैं. आरोपियों ने यूके की कंपनी को नामी कंपनी के सॉफ्टवेयर सोर्सकोड और डाटा बेच दिया. पुलिस ने आरोपी अगम मक्कड़ और मुदित माथुर को गिरफ्तार किया है. साइबर थाना प्रभारी सत्यपाल यादव के नेतृत्व में कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. पीड़ित मनोज कच्छावा ने मामला दर्ज करवाया था. इसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
कार्रवाई में साइबर टीम के संजय डांगी, शिवकुमार और सीताराम की अहम भूमिका रही है. जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के मुताबिक साइबर क्राइम थाना पुलिस में नामी कंपनी का डाटा चोरी होने का मामला दर्ज हुआ था. मामले में कार्रवाई के लिए एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा और डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद के निर्देशन में साइबर क्राइम थाना की स्पेशल टीम गठित की गई. पीड़ित मनोज कछावा एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट प्रथम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जयपुर में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि हमारी कंपनी में अगम मक्कड़ नाम का एक कर्मचारी काम करता है, जिसने अक्टूबर 2020 में प्रथम सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते हुए अपनी टीम के कर्मचारियों से यूके की कंपनी में पॉल ईस्ट नामक फर्जी कर्मचारी बनकर संपर्क किया और स्वयं प्रथम सॉफ्टवेयर कंपनी में अपनी टीम को कंपनी द्वारा उपलब्ध करवाई गई मेल आईडी से स्वयं लीड करता था.
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कंपनी में अगम मक्कड़ कोडिंग और यूके प्रोजेक्ट का मैनेजमेंट कार्य देखता था. क्लाइंट से संपर्क कर एप्लीकेशन डीलिंग का कार्य भी करता था, जिसके कारण अगम मक्कड़ ने कंपनी सोर्स कोड और डाटा यूके कंपनी को बेच दिया. इसमें कंपनी का करोड़ों का नुकसान हुआ है. रिपोर्ट पर विशेष अपराध एवं साइबरक्राइम थाना पुलिस ने अनुसंधान किया. पुलिस ने सफलता हासिल करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है आरोपियों से पूछताछ के दौरान सामने आया है कि मेल आईडी से यूनाइटेड किंग्डम निवासी स्टीव बटलर क्लाइंट की मेल आईडी पर और इसके अलावा स्काइप के माध्यम से संपर्क किया था और प्रोजेक्ट का कार्य करने के लिए अपनी टीम को गाइड करता था. इसी दौरान क्लाइंट को कहा कि हम इस प्रोजेक्ट पर बाहर से काम करेंगे. इसके लिए मुझे एक मेल आईडी की आवश्यकता है, तो क्लाइंट ने मेल आईडी बनाकर उपलब्ध करवाई, जिसे आरोपी उपयोग में लेता रहा और कर्मचारी बनकर प्रथम सॉफ्टवेयर कंपनी के कर्मचारियों को मेल करता था.
प्रथम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कार्य करते हुए अपनी टीम को प्रोजेक्ट के बारे में गाइड करने लगा. उसके बाद कंपनी द्वारा उपलब्ध कराया गया लैपटॉप को संपूर्ण डाटा डिलीट कर जमा करा दिया, लेकिन प्रोजेक्ट से संबंधित संपूर्ण डाटा सोर्स कोड अपने लैपटॉप में ट्रांसफर कर लिया और क्लाइंट से बिजनेस शुरू कर दिया. यूके के क्लाइंट से अब तक 2 करोड़ रुपए प्राप्त कर चुका है. फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.
ब्रह्मपुरी इलाके में नाले में मिला शव
राजधानी जयपुर के ब्रह्मपुरी थाना इलाके में एमएनआईटी कॉलेज के पास नाले में शव पड़ा मिलने से सनसनी फैल गई. सूचना पर ब्रह्मपुरी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है. शव 4 दिन पुराना बताया जा रहा है. पुलिस ने शव की शिनाख्त कर परिजनों को सूचना दी है. जानकारी के मुताबिक मृतक की गुमशुदगी रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई थी. फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.