जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग ने आंख के इलाज में लापरवाही करने पर बीकानेर के डॉ. रणजीत सिंह बेनीवाल पर पन्द्रह लाख रुपए और डॉ. श्रवण कुमार नेत्र चिकित्सालय पर पांच लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने हर्जाना राशि परिवाद पेश करने की तिथि 27 जनवरी 2016 से नौ फीसदी ब्याज सहित अदा करने को कहा है. आयोग ने यह आदेश भंवर सिंह के परिवाद पर दिया.
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि चिकित्सक और अस्पताल ने मिलकर परिवादी को कच्चे मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के लिए मजबूर किया. दोनों का यह कृत्य अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस के दायरे में आता है. परिवाद में कहा गया कि परिवादी रेलवे के कांटेवाला ए के पद पर तैनात है. उसकी 23 जुलाई 2014 को हुए मेडिकल में नेत्र ज्योति कमजोर पाई गई. वहीं डॉ. रणजीत सिंह को दिखाने पर उन्होंने बाई आंख में मोतियाबिंद पकना बताकर छह माह बाद ऑपरेशन की बात कही और मामले को रेलवे चिकित्सक के पास भेज दिया.
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रेलवे चिकित्सक की ओर से मेडिकली फिट होने का प्रमाण पत्र नहीं देने पर परिवादी वापस डॉ. रणजीत सिंह के पास गया. इस पर उन्होंने परिवादी को श्रवण कुमार नेत्र चिकित्सालय में जाने को कहा. यहां डॉ. रणजीत ने लापरवाही से परिवादी की आंख का ऑपरेशन किया और कई माह तक दवाइयां दीं. परिवादी की नेत्र ज्योति खराब होने पर वह रेफर होकर एम्स, दिल्ली पहुंचा जहां 20 नवंबर 2014 को जांच के बाद चिकित्सकों ने आंख को पूरी तरह खराब होना बताया. इस दौरान रेलवे चिकित्सक ने परिवादी को वर्तमान पद के लिए अनफिट कर कैटेगिरी सी में डाल दिया. इस पर परिवादी की ओर से परिवाद पेश कर क्षतिपूर्ति की गुहार की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने चिकित्सक और अस्पताल पर हर्जाना लगाया है.