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जनजाति कृषकों को सोलर पंप स्थापित करने के लिए 11.85 करोड़ रुपये का मिलेगा अनुदान... - Tribal Regional Development Minister Arjun Singh Bamnia

जनजाति कृषकों को बिजली के बिलों से निजात दिलाने और खेती कार्य के लिए समय पर उर्जा उपलब्ध करवाने के लिए कुसुम योजना के तहत सोलर पंप स्थापित करने के लिए 11.85 करोड़ रुपये का अनुदान उपलब्ध करवाया जाएगा. इसके साथ ही प्रति कृषक 17 हजार का अनुदान दिया जाएगा. इसके लिए राशि 5.10 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं.

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जनजाति कृषकों को कुसुम योजना के तहत मिलेगा 11.85 करोड़ रुपए का अनुदान
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Published : Dec 23, 2020, 10:56 PM IST

जयपुर. प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले 5 हजार जनजाति कृषकों को बिजली के बिलों से निजात दिलाने और खेती कार्य के लिए समय पर उर्जा उपलब्ध करवाने के लिए कुसुम योजना के तहत सोलर पंप स्थापित करने के लिए 11.85 करोड़ रुपये का अनुदान उपलब्ध करवाया जाएगा.

जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने बताया कि प्रदेश के लोकप्रिय मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के अधिकांश जनजाति कृषकों की कमजोर आर्थिक हालत को देखते हुए वर्ष 2020-21 के बजट में कुसुम योजना के तहत जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के माध्यम से चरणबद्व रूप में 5 हजार जनजाति कृषकों को सोलर पंप स्थापित कर लाभान्वित करने की घोषणा की थी.

बामनिया ने बताया कि योजनान्तर्गत 4,500 जनजाति कृषकों को 2 कम्पोनेन्ट के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा और इस पर 11.85 करोड़ रुपये व्यय होंगे. उन्होंने बताया कि कम्पोनेन्ट बी के तहत 1,500 जनजाति कृषकों को सौलर उर्जा पम्प संयत्र लगाने के लिए 45 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा और इसके लिए 6.75 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है. योजना का क्रियान्वयन उधानिकी विभाग की ओर से किया जाएगा.

टीएडी मंत्री बामनिया ने बताया कि इस योजना से जनजाति कृषकों की ओर से खेती से अधिक उपज ली जा सकेगी जिससे उनकी आय में वृद्वि होगी और बिजली के बिल से निजात मिलेगी. मंत्री बामनिया ने बताया कि कम्पोनेन्ट सी के तहत जनजाति क्षेत्र में जिन कृषकों के कूओं पर बिजली के कनेक्शन उपलब्ध उनके वहां कृषि कूप को सौर उर्जा से विधुतिकरण किया जाएगा. इससे जनजाति कृषकों को बिजली पर होने वाले व्यय से निजात मिलेगी और अतिरिक्त बिजली के उत्पादन को ग्रिड में स्थानान्तरित किया जाएगा.

पढ़ें- बीकानेर: किसान दिवस पर किसानों के समर्थन में उपवास पर बैठे कांग्रेसी...रखा उपवास

उन्होंने बताया कि इससे होने वाली आय को उनकी ओर से लिए गए ऋण की किस्त के अदा करने में समायोजित किया जाएगा. सी कम्पानेन्ट में 3,000 जनजाति कृषकों को लाभान्वित किया जाएगा और प्रति कृषक 17 हजार का अनुदान दिया जाएगा. इसके लिए राशि 5.10 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं.

जयपुर. प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले 5 हजार जनजाति कृषकों को बिजली के बिलों से निजात दिलाने और खेती कार्य के लिए समय पर उर्जा उपलब्ध करवाने के लिए कुसुम योजना के तहत सोलर पंप स्थापित करने के लिए 11.85 करोड़ रुपये का अनुदान उपलब्ध करवाया जाएगा.

जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने बताया कि प्रदेश के लोकप्रिय मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के अधिकांश जनजाति कृषकों की कमजोर आर्थिक हालत को देखते हुए वर्ष 2020-21 के बजट में कुसुम योजना के तहत जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के माध्यम से चरणबद्व रूप में 5 हजार जनजाति कृषकों को सोलर पंप स्थापित कर लाभान्वित करने की घोषणा की थी.

बामनिया ने बताया कि योजनान्तर्गत 4,500 जनजाति कृषकों को 2 कम्पोनेन्ट के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा और इस पर 11.85 करोड़ रुपये व्यय होंगे. उन्होंने बताया कि कम्पोनेन्ट बी के तहत 1,500 जनजाति कृषकों को सौलर उर्जा पम्प संयत्र लगाने के लिए 45 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा और इसके लिए 6.75 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है. योजना का क्रियान्वयन उधानिकी विभाग की ओर से किया जाएगा.

टीएडी मंत्री बामनिया ने बताया कि इस योजना से जनजाति कृषकों की ओर से खेती से अधिक उपज ली जा सकेगी जिससे उनकी आय में वृद्वि होगी और बिजली के बिल से निजात मिलेगी. मंत्री बामनिया ने बताया कि कम्पोनेन्ट सी के तहत जनजाति क्षेत्र में जिन कृषकों के कूओं पर बिजली के कनेक्शन उपलब्ध उनके वहां कृषि कूप को सौर उर्जा से विधुतिकरण किया जाएगा. इससे जनजाति कृषकों को बिजली पर होने वाले व्यय से निजात मिलेगी और अतिरिक्त बिजली के उत्पादन को ग्रिड में स्थानान्तरित किया जाएगा.

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उन्होंने बताया कि इससे होने वाली आय को उनकी ओर से लिए गए ऋण की किस्त के अदा करने में समायोजित किया जाएगा. सी कम्पानेन्ट में 3,000 जनजाति कृषकों को लाभान्वित किया जाएगा और प्रति कृषक 17 हजार का अनुदान दिया जाएगा. इसके लिए राशि 5.10 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं.

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