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ट्रांसपोर्टरों ने सीएम गहलोत को पत्र लिखकर बताई समस्याएं, जल्द समाधान की मांग

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Published : Sep 14, 2020, 2:47 PM IST

देशभर में कोरोना का कहर है. इसके चलते देश की अर्थव्यवस्था भी गड़बड़ा गई है. लोगों के रोजगार छूट गए हैं. कोरोना का सबसे बड़ा असर ट्रांसपोर्ट पर देखने को मिल रहा है. बस में यात्रियों की संख्या भी न के बराबर हो रही है. दूसरी ओर लगातार पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी के चलते भी ट्रकों के भाड़े में इजाफा हो रहा है. लेकिन इस बीच जयपुर ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर गुहार लगाई है.

Transporters wrote a letter to CM Gehlot and told him the problems
ट्रांसपोर्टरों ने सीएम गहलोत को पत्र लिखकर बताईं समस्याएं

जयपुर. महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है. ट्रांसपोर्ट पर इसका प्रभाव खासा देखने को मिल रहा है. इन दिनों बस में यात्री भार भी नहीं आ रहा है. दूसरी ओर लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से भी ट्रकों के भाड़े में बढ़ोतरी हो रही है. जयपुर ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखाकर समस्याओं को दूर करने की मांग भी की गई है.

ट्रांसपोर्टरों ने सीएम गहलोत को पत्र लिखकर बताईं समस्याएं

जयपुर ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल आंनद ने बताया कि कई महीनों से ट्रांसपोटर्स अपनी समस्यों को लेकर परिवहन मंत्री से मिल चुके हैं. उन्हें समस्याओं को लेकर पत्र भी दे चुके हैं, लेकिन हर बार उनको केवल आश्वाशन ही दिया जाता है. उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं किया जाता है. आनंद ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख कर मांग की है कि प्राइवेट फिटनेस सेंटर लगने के बाद सरकारी कार्यालय में लगे सेंटर कर दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें: जालोर में कांग्रेस पार्षदों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, सफाई व्यवस्था सुधारने की मांग

आनंद ने कहा कि जयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर जाकर उनको बसों का फिटनेस टेस्ट कराना पड़ रहा है. और वहां पर भी उनसे अतिरिक्त पैसे मांगे जाते हैं, जिसमें अनियमितता बढ़ रही है. जयपुर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि वह दोबारा से सरकारी फिटनेस सेंटर को चालू कराएं और प्राइवेट फिटनेस सेंटरों को बंद करें जिससे सरकार को रेवेन्यू अधिक मिल सके. इसके साथ ही प्रदेश में लागू हुए नए मोटर व्हीकल एक्ट के जुर्माने की राशि को भी कम करने की मांग की गई है.

आनंद का कहना है कि कोविड-19 से ट्रांसपोर्टर का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. परिवहन मंत्री ने भी कई बार आश्वासन दिया है कि जुर्माना राशि कम करेंगे लेकिन पड़ोसी राज्यों की तुलना में सबसे अधिक जुर्माना राशि राजस्थान में ही है. ऐसे में ट्रांसपोर्टर्स को राहत भी नहीं मिल रही है. वहीं पेट्रोल और डीजल के बढ़ रहे दामों को लेकर भी एसोसिएशन ने पत्र लिखा है. इसके अंतर्गत कहा है कि अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में 9 से 10 रुपये प्रति लीटर डीजल महंगा है जिसे कम किया जाए.

जयपुर. महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है. ट्रांसपोर्ट पर इसका प्रभाव खासा देखने को मिल रहा है. इन दिनों बस में यात्री भार भी नहीं आ रहा है. दूसरी ओर लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से भी ट्रकों के भाड़े में बढ़ोतरी हो रही है. जयपुर ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखाकर समस्याओं को दूर करने की मांग भी की गई है.

ट्रांसपोर्टरों ने सीएम गहलोत को पत्र लिखकर बताईं समस्याएं

जयपुर ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल आंनद ने बताया कि कई महीनों से ट्रांसपोटर्स अपनी समस्यों को लेकर परिवहन मंत्री से मिल चुके हैं. उन्हें समस्याओं को लेकर पत्र भी दे चुके हैं, लेकिन हर बार उनको केवल आश्वाशन ही दिया जाता है. उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं किया जाता है. आनंद ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख कर मांग की है कि प्राइवेट फिटनेस सेंटर लगने के बाद सरकारी कार्यालय में लगे सेंटर कर दिए गए हैं.

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आनंद ने कहा कि जयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर जाकर उनको बसों का फिटनेस टेस्ट कराना पड़ रहा है. और वहां पर भी उनसे अतिरिक्त पैसे मांगे जाते हैं, जिसमें अनियमितता बढ़ रही है. जयपुर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि वह दोबारा से सरकारी फिटनेस सेंटर को चालू कराएं और प्राइवेट फिटनेस सेंटरों को बंद करें जिससे सरकार को रेवेन्यू अधिक मिल सके. इसके साथ ही प्रदेश में लागू हुए नए मोटर व्हीकल एक्ट के जुर्माने की राशि को भी कम करने की मांग की गई है.

आनंद का कहना है कि कोविड-19 से ट्रांसपोर्टर का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. परिवहन मंत्री ने भी कई बार आश्वासन दिया है कि जुर्माना राशि कम करेंगे लेकिन पड़ोसी राज्यों की तुलना में सबसे अधिक जुर्माना राशि राजस्थान में ही है. ऐसे में ट्रांसपोर्टर्स को राहत भी नहीं मिल रही है. वहीं पेट्रोल और डीजल के बढ़ रहे दामों को लेकर भी एसोसिएशन ने पत्र लिखा है. इसके अंतर्गत कहा है कि अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में 9 से 10 रुपये प्रति लीटर डीजल महंगा है जिसे कम किया जाए.

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