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नए मोटर व्हीकल एक्ट का ट्रांसपोर्टर्स कर रहे विरोध, चालान कम करने की कर रहे मांग

1 सितंबर 2019 को देश भर में केंद्र सरकार की ओर से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू किया गया था. जिसके बाद 8 जुलाई 2020 को राज्य सरकार ने भी मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर उसको लागू कर दिया था. ऐसे में प्रदेश में इसको लागू किए जाने के बाद से ही ट्रांसपोर्ट यूनियन इसका विरोध कर रहे हैं.

व्हीकल एक्ट का ट्रांसपोर्टर्स कर रहे विरोध, Transporters protest against vehicle act
व्हीकल एक्ट का ट्रांसपोर्टर्स कर रहे विरोध
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Published : Jul 15, 2020, 9:27 PM IST

जयपुर. 1 सितंबर 2019 को देशभर में केंद्र सरकार की ओर से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू किया गया था. जिसके बाद बीते 8 जुलाई 2020 को राज्य सरकार की ओर से भी मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर उसको लागू कर दिया है. जिसके बाद से लगातार ट्रांसपोर्ट यूनियन की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है.

जयपुर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल आनंद ने बताया कि संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट राजस्थान में लागू हो गया है. जिसका राज्य स्तर पर ट्रांसपोर्टर पुरजोर विरोध कर रहे हैं. आंनद ने बताया कि कोविड-19 काल में कोरोना वॉरियर्स की तरह ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने भी जान जोखिम में डालकर सप्लाई लाइन को कायम रखा. अभी देश भर में बुरी तरह कोरोना वायरस फैल रहा है. इन परिस्थितियों में उत्पादन की स्थिति भी सामान्य नहीं है.

इसके साथ ही आनंद ने कहा कि सरकार ने अब इसमें नया आदेश भी जारी कर दिया है. उन्होंने कहा कि विभागीय उत्पीड़न की श्रेणी में ही यह आदेश आता है, जबकि ऐसी परिस्थिति में समृद्ध सोच की आवश्यकता होनी चाहिए थी और जुर्माने को पूरी तरह से ठप कर देना चाहिए था. इसको लेकर ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने परिवहन मंत्री से भी गुहार लगा रहे हैं.

ट्रांसपोर्ट यूनियन के अध्यक्ष अनिल आनंद ने परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि इस समय हर व्यापार को रियायत देने का समय है. जिससे कमजोर मोटर मालिक मंदी का सामना नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि राजस्थान खनिज उत्पादक राज्य है. लोडिंग स्थल पर काटा नहीं होने से थोड़ा ऊपर नीचे हो जाता है.

पढ़ेंः यातायात नियम तोड़ने वालों की जेब होगी ढीली, प्रदेश में 10 महीने बाद लागू हुआ नया मोटर व्हीकल एक्ट

उन्होंने कहा कि नंबर प्लेट का जुर्माना भी किया गया है, जो कि बिल्कुल गलत है. ऐसे में राज्य सरकार को राहत देनी चाहिए और मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर इस राशि को और कम करना चाहिए.

जयपुर. 1 सितंबर 2019 को देशभर में केंद्र सरकार की ओर से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू किया गया था. जिसके बाद बीते 8 जुलाई 2020 को राज्य सरकार की ओर से भी मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर उसको लागू कर दिया है. जिसके बाद से लगातार ट्रांसपोर्ट यूनियन की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है.

जयपुर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल आनंद ने बताया कि संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट राजस्थान में लागू हो गया है. जिसका राज्य स्तर पर ट्रांसपोर्टर पुरजोर विरोध कर रहे हैं. आंनद ने बताया कि कोविड-19 काल में कोरोना वॉरियर्स की तरह ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने भी जान जोखिम में डालकर सप्लाई लाइन को कायम रखा. अभी देश भर में बुरी तरह कोरोना वायरस फैल रहा है. इन परिस्थितियों में उत्पादन की स्थिति भी सामान्य नहीं है.

इसके साथ ही आनंद ने कहा कि सरकार ने अब इसमें नया आदेश भी जारी कर दिया है. उन्होंने कहा कि विभागीय उत्पीड़न की श्रेणी में ही यह आदेश आता है, जबकि ऐसी परिस्थिति में समृद्ध सोच की आवश्यकता होनी चाहिए थी और जुर्माने को पूरी तरह से ठप कर देना चाहिए था. इसको लेकर ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने परिवहन मंत्री से भी गुहार लगा रहे हैं.

ट्रांसपोर्ट यूनियन के अध्यक्ष अनिल आनंद ने परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि इस समय हर व्यापार को रियायत देने का समय है. जिससे कमजोर मोटर मालिक मंदी का सामना नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि राजस्थान खनिज उत्पादक राज्य है. लोडिंग स्थल पर काटा नहीं होने से थोड़ा ऊपर नीचे हो जाता है.

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उन्होंने कहा कि नंबर प्लेट का जुर्माना भी किया गया है, जो कि बिल्कुल गलत है. ऐसे में राज्य सरकार को राहत देनी चाहिए और मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर इस राशि को और कम करना चाहिए.

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